सिद्धार्थनगर : विशिष्ट बीटीसी में एक ही डिग्री पर चार पूनम पाडेय के
नौकरी करने मामला अभी ठंडा भी नहीं हुआ कि फर्जीवाड़े की आग फिर धधकने लगी
है। एक ही प्रमाण पत्र पर दो जिलों (सिद्धार्थनगर एवं महराजगंज) में दो
प्रशिक्षु चयनित हो गए।
एक को जब विभाग की नोटिस मिली तो उसने अपने को सही होने का दावा कर दिया है। जबकि दूसरा फरार बताया जा रहा है। छानबीन में ऐसे पांच लोग मिले हैं, जो एक ही प्रमाण पत्रों पर दो जगह प्रशिक्षण ले रहे हैं।
फर्जीवाड़ा पकड़ने के लिए इस बार पूरे प्रदेश में प्रशिक्षुओं का समस्त डाटा आन लाइन किया गया है। सिद्धार्थनगर के प्रभारी बीएसए अनुराग श्रीवास्तव ने जब इसका मिलान किया तो उन्हें पांच ऐसे प्रशिक्षु मिले जिनके प्रमाण पत्रों पर दूसरे जनपद में प्रशिक्षण लिया जा रहा है। आलोक कुमार गिरी पुत्र तारकेश्वर गिरी के प्रमाण पत्र पर महराजगंज के पनियरा ब्लाक के प्राथमिक विद्यालय तरकुलहिया में भी आलोक का नाम है। इसी तरह राजेन्द्र यादव पुत्र बच्चन यादव यहां प्रशिक्षण ले रहे हैं, जबकि इसी नाम पर दूसरा देवरिया में प्रशिक्षु है। प्रतिभा यादव पुत्री राम सुफल यादव के नाम पर कुशीनगर में, अनुराग उमराव पुत्र संतोष कुमार उमराव महराजगंज, रमेश प्रसाद पुत्र जोखू प्रसाद सोनभद्र में प्रशिक्षण ले रहे हैं। इन सभी को सिद्धार्थनगर में तैनाती मिली है और इनका यहां प्रशिक्षण चल रहा है। जब इन्हें बीएसए ने जांच के लिए नोटिस दिया तो अपने को सही साबित करने में यह जुटे हुए हैं। गिरी का चयन इसी वर्ष 3 फरवरी को सिद्धार्थनगर में हुआ उसी नाम का व्यक्ति 14 अप्रैल को महराजगंज में नियुक्ति पत्र पाया। बस दोनों के अधिवास प्रमाणपत्र में भिन्नता की बात कही जा रही है। दूसरे गिरी का निवास प्रमाण पत्र डुमरियागंज के ग्राम फत्तेपुर का बताया जा रहा है, जबकि इस नाम का कोई व्यक्ति दूसरा नहीं है। वह बीआरसी पनियरा में 20 अप्रैल से अनुपस्थित चल रहा है। चर्चा है कि डुमरियागंज में एक ऐसा गिरोह पहले से सक्रिय है, जो अन्य जनपदों में फर्जी प्रमाण
पत्रों के सहारे नौकरी कर रहा है। यदि सही तरीके से जांच हो तो अन्य कई बेनकाब हो जाएंगे।
बलिया जनपद के थाना भीमपुरा ग्राम दजियापुर निवासी आलोक कुमार गिरि को जब जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय से इस तरह की नोटिस मिली तो वे सकते में आ गए। विभाग द्वारा बताया गया कि उसी नाम और समस्त शैक्षिक अंकपत्रों वाला अभ्यर्थी पड़ोसी जनपद महराजगंज में चयनित प्रदर्शित हो रहा है। आलोक ने बताया कि वह महराजगंज में खोजबीन किए तो पता चला कि पनियरा विकास क्षेत्र में हूबहू उन्ही के शैक्षणिक रिकार्ड पर कोई और प्रशिक्षण ले रहा है। उन्होंने इसकी सूचना वहां विभाग सहित सीडीओ को दे दी है। बताया कि महराजगंज में वे काउंसिलिंग कराए थे, लेकिन मूल प्रमाण पत्र कुशीनगर में जमा किस थे। सिद्धार्थनगर में चयन के बाद वह मूल प्रमाण पत्र डायट में जमा कर दिए।
तत्कालीन बीएसए भूपेन्द्र नारायण ¨सह ने अलग-अलग जिलों में फर्जी प्रमाण पत्र पर नौकरी कर रहीं चार शिक्षिकाओं के खिलाफ बांसी कोतवाली में धोखाधड़ी का मुकदमा पंजीकृत कराया था। हाईकोर्ट में शिक्षिकाओं की उपस्थिति एवं बहस के दौरान यह मामला प्रकाश में आया कि पूनम पाण्डेय पुत्री पारस नाथ पाण्डेय के नाम की डिग्री पर यह चारों नौकरी कर रही थीं। जांच के बाद तीन की नौकरी समाप्त कर दी गई थी। मामला न्यायालय में चल रहा है। असली पूनम पाण्डेय पुत्री पारस नाथ पाण्डेय (पत्नी आलोक कुमार त्रिपाठी) निवासी रेलवे लाइन के पश्चिम फरेंदा खुर्द आनन्द नगर, महराजगंज असली शिक्षिका हैं। इन्हीं के नाम की डिग्री का प्रयोग कर अन्य नौकरी करती रहीं।
प्रभारी बेसिक शिक्षा अधिकारी अनुराग कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि पांच ऐसे लोग मिले हैं, जो दूसरे जगहों पर भी प्रशिक्षु हो सकते हैं। इसके लिए संबंधित जिले के बीएसए को पत्र भेजा गया है। यहां पांच प्रशिक्षुओं की जांच के लिए 29 जून को बुलाया गया है। पत्र संबंधित खंड शिक्षा अधिकारियों को दिया गया है।
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एक को जब विभाग की नोटिस मिली तो उसने अपने को सही होने का दावा कर दिया है। जबकि दूसरा फरार बताया जा रहा है। छानबीन में ऐसे पांच लोग मिले हैं, जो एक ही प्रमाण पत्रों पर दो जगह प्रशिक्षण ले रहे हैं।
फर्जीवाड़ा पकड़ने के लिए इस बार पूरे प्रदेश में प्रशिक्षुओं का समस्त डाटा आन लाइन किया गया है। सिद्धार्थनगर के प्रभारी बीएसए अनुराग श्रीवास्तव ने जब इसका मिलान किया तो उन्हें पांच ऐसे प्रशिक्षु मिले जिनके प्रमाण पत्रों पर दूसरे जनपद में प्रशिक्षण लिया जा रहा है। आलोक कुमार गिरी पुत्र तारकेश्वर गिरी के प्रमाण पत्र पर महराजगंज के पनियरा ब्लाक के प्राथमिक विद्यालय तरकुलहिया में भी आलोक का नाम है। इसी तरह राजेन्द्र यादव पुत्र बच्चन यादव यहां प्रशिक्षण ले रहे हैं, जबकि इसी नाम पर दूसरा देवरिया में प्रशिक्षु है। प्रतिभा यादव पुत्री राम सुफल यादव के नाम पर कुशीनगर में, अनुराग उमराव पुत्र संतोष कुमार उमराव महराजगंज, रमेश प्रसाद पुत्र जोखू प्रसाद सोनभद्र में प्रशिक्षण ले रहे हैं। इन सभी को सिद्धार्थनगर में तैनाती मिली है और इनका यहां प्रशिक्षण चल रहा है। जब इन्हें बीएसए ने जांच के लिए नोटिस दिया तो अपने को सही साबित करने में यह जुटे हुए हैं। गिरी का चयन इसी वर्ष 3 फरवरी को सिद्धार्थनगर में हुआ उसी नाम का व्यक्ति 14 अप्रैल को महराजगंज में नियुक्ति पत्र पाया। बस दोनों के अधिवास प्रमाणपत्र में भिन्नता की बात कही जा रही है। दूसरे गिरी का निवास प्रमाण पत्र डुमरियागंज के ग्राम फत्तेपुर का बताया जा रहा है, जबकि इस नाम का कोई व्यक्ति दूसरा नहीं है। वह बीआरसी पनियरा में 20 अप्रैल से अनुपस्थित चल रहा है। चर्चा है कि डुमरियागंज में एक ऐसा गिरोह पहले से सक्रिय है, जो अन्य जनपदों में फर्जी प्रमाण
पत्रों के सहारे नौकरी कर रहा है। यदि सही तरीके से जांच हो तो अन्य कई बेनकाब हो जाएंगे।
बलिया जनपद के थाना भीमपुरा ग्राम दजियापुर निवासी आलोक कुमार गिरि को जब जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय से इस तरह की नोटिस मिली तो वे सकते में आ गए। विभाग द्वारा बताया गया कि उसी नाम और समस्त शैक्षिक अंकपत्रों वाला अभ्यर्थी पड़ोसी जनपद महराजगंज में चयनित प्रदर्शित हो रहा है। आलोक ने बताया कि वह महराजगंज में खोजबीन किए तो पता चला कि पनियरा विकास क्षेत्र में हूबहू उन्ही के शैक्षणिक रिकार्ड पर कोई और प्रशिक्षण ले रहा है। उन्होंने इसकी सूचना वहां विभाग सहित सीडीओ को दे दी है। बताया कि महराजगंज में वे काउंसिलिंग कराए थे, लेकिन मूल प्रमाण पत्र कुशीनगर में जमा किस थे। सिद्धार्थनगर में चयन के बाद वह मूल प्रमाण पत्र डायट में जमा कर दिए।
तत्कालीन बीएसए भूपेन्द्र नारायण ¨सह ने अलग-अलग जिलों में फर्जी प्रमाण पत्र पर नौकरी कर रहीं चार शिक्षिकाओं के खिलाफ बांसी कोतवाली में धोखाधड़ी का मुकदमा पंजीकृत कराया था। हाईकोर्ट में शिक्षिकाओं की उपस्थिति एवं बहस के दौरान यह मामला प्रकाश में आया कि पूनम पाण्डेय पुत्री पारस नाथ पाण्डेय के नाम की डिग्री पर यह चारों नौकरी कर रही थीं। जांच के बाद तीन की नौकरी समाप्त कर दी गई थी। मामला न्यायालय में चल रहा है। असली पूनम पाण्डेय पुत्री पारस नाथ पाण्डेय (पत्नी आलोक कुमार त्रिपाठी) निवासी रेलवे लाइन के पश्चिम फरेंदा खुर्द आनन्द नगर, महराजगंज असली शिक्षिका हैं। इन्हीं के नाम की डिग्री का प्रयोग कर अन्य नौकरी करती रहीं।
प्रभारी बेसिक शिक्षा अधिकारी अनुराग कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि पांच ऐसे लोग मिले हैं, जो दूसरे जगहों पर भी प्रशिक्षु हो सकते हैं। इसके लिए संबंधित जिले के बीएसए को पत्र भेजा गया है। यहां पांच प्रशिक्षुओं की जांच के लिए 29 जून को बुलाया गया है। पत्र संबंधित खंड शिक्षा अधिकारियों को दिया गया है।
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