Hon'ble Supreme Court Of India Hearing Update : Room No. 5 , Item No. 303
सिर्फ सच और कुछ नहीं , आज सुबह मै अपने कुछ साथियों के साथ सुप्रीम कोर्ट ग्राउंड पहुंचा , आज कई पुराने साथियों से मुलाक़ात हुयी जिसमे कुछ अचयनित चयनित भी शामिल थे । आज बहुत भीड़ थी क्योंकि
शिक्षामित्र भी उपस्थित थे ।
डी गेट के सामने बेसिक शिक्षा परिषद् के वकील राकेश मिश्रा जो कि सत्य मित्र गर्ग की जगह अब आये हैं
मुझे देखते ही चिल्लाये मै पहुंचा और पैर छुआ तो बोले कि तुम्हारा क्या मामला है ?
मै विस्तार से बताया तो बोले कि अभी तीन डेट जायेगी ।
आज तमाम IA आ गयी है उसे ख़ारिज कराऊंगा ।
इतने में बेसिक शिक्षा की प्रमुख सचिव डिंपल वर्मा जी और बोर्ड के सचिव संजय सिन्हा जी आ गये तो वे मुझे छोड़कर भागे ।
दोपहर 2.40 से सुनवाई शुरू हुयी और
सबसे पहले न्यायमूर्ति श्री दीपक मिश्रा ने पूंछा कि शिक्षामित्रों के आदेश का क्या हुआ ?
आदेश पटल पर रखा गया और शिक्षामित्र के वकील गौरव भाटिया ने कहा कि हम इस आदेश के विरुद्ध SLP में आये हैं अतः यह मामला यहाँ से हटा दें ।
न्यायमूर्ति ने आदेश पढ़ा और कहा कि टीईटी सबके लिए मस्ट है ।
टीईटी के अंक पर चयन होगा , इसपर राकेश द्विवेदी ने कहा कि माय लार्ड सिर्फ टीईटी पास करना अनिवार्य है चयन का आधार टीईटी नहीं है ।
चयन का आधार राज्य तय करेगी ।
ST/SC, महिला और DFF के लिए कई वकीलों ने क्राइटेरिया में छूट मांगी जिसे न्यायमूर्ति ने नकार दिया ।
एक महिला वकील ने कहा कि आप SC/ST का रिजर्वेशन ख़त्म कर देंगे तो न्यायमूर्ति ने उसे डांट दिया ।
वेंकट रमणी का गला बैठा था वो बोल नहीं पा रहे थे जबकि उनसे न्यायमूर्ति बार-बार सलाह मांग रहे थे ।
पीजी बेस वालों ने उत्तराखंड और राजस्थान के आधार पर छूट मांगी जिसे न्यायमूर्ति ने NCTE पर थोप दिया ।
एक वकील ने कहा कि इलाहाबाद हाई कोर्ट के चीफ ने स्नातक के अंक में छूट देने से इंकार कर दिया है फिर उन्होंने NCTE से स्पष्टीकरण माँगा ।
किसी ने कहा कि संसोधन 15 से भर्ती करायें तो उन्होंने कहा कि इसे इलाहाबाद हाई कोर्ट रद्द कर चुकी है ।
अलग-अलग बोर्ड का मामला है ।
राकेश द्विवेदी ने कहा कि कोर्ट को यह अधिकार ही नहीं है ।
इस पर न्यायमूर्ति ने कहा कि टीईटी मेरिट गाइडलाइन में है तो राकेश द्विवेदी ने कहा कि नहीं है , सिर्फ 60 फीसदी अंक पाकर टीईटी पास करना है ।
चयन का आधार राज्य बनायेगी ।
न्यायमूर्ति ने कहा कि फिर भर्ती
किस आधार पर हो रही है तो संजय सिन्हा ने खुद कहा कि मै बोर्ड का सेक्रेटरी हूँ भर्ती अध्यापक सेवा नियमावली 1981 से हो रही है ।
इसके बाद एक महिला ने टीईटी रद्द करने को कहा तो न्यायमूर्ति बिगड़ गये कि फर्जी बाहर करो टेट रद्द नहीं होगा
टेट रद्द कराना हो तो हाई कोर्ट जाओ ।
चयनित ने कहा कि 44 हजार को ट्रेनिंग के बाद नियुक्ति मिल चुकी है ।
अधिवक्ता आनंद नंदा ने कहा कि बहुत से पद रिक्त हैं तो अभिषेक श्रीवास्तव ने 72825 पद का विज्ञापन लहराया तो न्यायमूर्ति ने कहा कि जितने पद का विज्ञापन है उससे अधिक भर्ती नहीं होगी ।
राकेश द्विवेदी ने कहा कि गाइडलाइन में यह कहीं नहीं लिखा है कि कितना वेटेज दें , इसपर न्यायमूर्ति ने कहा कि NCTE इसे स्पष्ट करे अथवा क्या द्विवेदी जी आपने इसे चैलेन्ज किया है तो बोले हाँ तो फिर बोले कि अभी मेरिट का फैसला नहीं है इसके लिए पूरा दिन केस सुनना होगा ।
NCTE जवाब दे वरना वेटेज के लिए गाइडलाइन का सुझाव रद्द करना होगा ।
मेरी वकील मैडम शर्मा ने कहा कि मेरा मुअक्किल 70 फीसदी से अधिक अंक टीईटी और NCTE के अनुसार 50 फीसदी से अधिक अंक पाकर चयन से दूर है , न्यायमूर्ति ने कहा कि टीईटी में कितना तो मैडम बोली कि 70 फीसदी प्लस समथिंग , न्यायमूर्ति ने कहा कि जो रिक्ति इस भर्ती में बच रही है अभी उसे सेक्रेटरी
किसके सेक्रेटरी हो तो संजय सिन्हा बेसिक शिक्षा परिषद् , न्यायमूर्ति बोले कि शिक्षा ?
संजय सिन्हा बोले कि हिंदी में , न्यायमूर्ति ने कहा कि टेल इंग्लिश तब संजय सिन्हा ने कि यूपी बेसिक एजुकेशन बोर्ड इलाहाबाद ।
न्यायमूर्ति ने आदेश किया कि जो भर्ती में शेष रिक्तियां बच रहीं हैं उसे सेक्रेटरी आवेदन लेकर जिसमे कि टीईटी 70/60 फीसदी से अधिक अंक वाला अपनी स्नातक की मार्कशीट जो कि 50 फीसदी से अधिक अंक वाली हो, टीईटी की मार्कशीट और बायोडाटा सेक्रेटरी ऑफ़ बोर्ड को भेजे ।
सचिव एक कमेटी बनाकर आवेदन ले ।
इतने में आनंद नंदा ने कहा कि बहुत रिक्तियां हैं उसे कॉल करके आर्डर में मेंशन करें जिसपर बीटीसी टीम के लॉयर ने कहा कि इसपर मेरे मुअक्किलों का हक है ।
बीच-बीच में अधिवक्ता राव का नाम भी न्यायमूर्ति पुकार रहे थे ।
वकीलों के कुछ तथ्यों के विरोध पर
न्यायमूर्ति ने कहा कि ये सब अंतरिम नियुक्ति है , अंत में मेरिट पर पूरी केस सुनकर निर्णित करूँगा ।
जयंत मेहता और अरविन्द श्रीवास्तव ने भी अपनी बात जोरदार तरीके से रखी और कटऑफ़ नहीं गिरने दिया ।
उसके ऊपर के सभी लोगों के लिए नियुक्ति की मांग की ।
न्यायमूर्ति ने कहा कि अगली डेट 07-12-2015 तो संजय सिन्हा ने कहा कि लॉर्डशिप यूपी में चुनाव है इसलिए 09 जनवरी 2016 की डेट लगायें ।
न्यायमूर्ति ने इंकार कर दिया और दिनांक 07-12-2015 की अंतिम सुनवाई की तिथि मुक़र्रर की ।
राकेश द्विवेदी ने न्यायमूर्ति के इसलिए फाइनल सुनवाई से भागने का विरोध किया ।
जब मैंने अपने वकील से बाहर पूंछा कि मैडम आपने मेरा साठ फीसदी स्नातक और 76.67 फीसदी टीईटी क्यों नहीं बताया जबकि मेरी केटेगरी का शिक्षामित्र 70 फीसदी और महिला 71 फीसदी टीईटी अंक पाकर चयनित है ।
इसपर उन्होंने कहा कि मुझे पता ही नहीं था कि बंदरबांट है ।
इसके बाद सरकारी वकील राकेश मिश्रा मिले और कहा कि राहुल आज सभी IA का काम तमाम कर दिया , अब धीरे-धीरे केस सर्विस रुल पर लाऊंगा ।
शिक्षामित्रों की SLP आरके सिंह ने ड्राफ्ट की है जिसे उन्होंने फाइल नही किया क्योंकि वो टीईटी बीएड के भी वकील हैं ।
मेरे वकील दिनेश तिवारी ने कहा कि सूर्यकांत की SLP फाइल कर दो जिससे न्यायमूर्ति को सर्विस रुल की बात पता चले ।
अगली सुनवाई दिनांक 7 दिसम्बर 2015
न्यायमूर्ति का विचार है कि केस को चार घंटे देना होगा तब संवैधानिक फैसला आयेगा ।
नोट : वकील लोग सिर्फ कोर्ट को गुमराह किये हैं और कमाई कर रहे हैं
निर्णय आने पर तमाम चयनित/अचयनित पर पहाड़ टूट जायेगा ।
धन्यवाद ।
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सिर्फ सच और कुछ नहीं , आज सुबह मै अपने कुछ साथियों के साथ सुप्रीम कोर्ट ग्राउंड पहुंचा , आज कई पुराने साथियों से मुलाक़ात हुयी जिसमे कुछ अचयनित चयनित भी शामिल थे । आज बहुत भीड़ थी क्योंकि
शिक्षामित्र भी उपस्थित थे ।
डी गेट के सामने बेसिक शिक्षा परिषद् के वकील राकेश मिश्रा जो कि सत्य मित्र गर्ग की जगह अब आये हैं
मुझे देखते ही चिल्लाये मै पहुंचा और पैर छुआ तो बोले कि तुम्हारा क्या मामला है ?
मै विस्तार से बताया तो बोले कि अभी तीन डेट जायेगी ।
आज तमाम IA आ गयी है उसे ख़ारिज कराऊंगा ।
इतने में बेसिक शिक्षा की प्रमुख सचिव डिंपल वर्मा जी और बोर्ड के सचिव संजय सिन्हा जी आ गये तो वे मुझे छोड़कर भागे ।
दोपहर 2.40 से सुनवाई शुरू हुयी और
सबसे पहले न्यायमूर्ति श्री दीपक मिश्रा ने पूंछा कि शिक्षामित्रों के आदेश का क्या हुआ ?
आदेश पटल पर रखा गया और शिक्षामित्र के वकील गौरव भाटिया ने कहा कि हम इस आदेश के विरुद्ध SLP में आये हैं अतः यह मामला यहाँ से हटा दें ।
न्यायमूर्ति ने आदेश पढ़ा और कहा कि टीईटी सबके लिए मस्ट है ।
टीईटी के अंक पर चयन होगा , इसपर राकेश द्विवेदी ने कहा कि माय लार्ड सिर्फ टीईटी पास करना अनिवार्य है चयन का आधार टीईटी नहीं है ।
चयन का आधार राज्य तय करेगी ।
ST/SC, महिला और DFF के लिए कई वकीलों ने क्राइटेरिया में छूट मांगी जिसे न्यायमूर्ति ने नकार दिया ।
एक महिला वकील ने कहा कि आप SC/ST का रिजर्वेशन ख़त्म कर देंगे तो न्यायमूर्ति ने उसे डांट दिया ।
वेंकट रमणी का गला बैठा था वो बोल नहीं पा रहे थे जबकि उनसे न्यायमूर्ति बार-बार सलाह मांग रहे थे ।
पीजी बेस वालों ने उत्तराखंड और राजस्थान के आधार पर छूट मांगी जिसे न्यायमूर्ति ने NCTE पर थोप दिया ।
एक वकील ने कहा कि इलाहाबाद हाई कोर्ट के चीफ ने स्नातक के अंक में छूट देने से इंकार कर दिया है फिर उन्होंने NCTE से स्पष्टीकरण माँगा ।
किसी ने कहा कि संसोधन 15 से भर्ती करायें तो उन्होंने कहा कि इसे इलाहाबाद हाई कोर्ट रद्द कर चुकी है ।
अलग-अलग बोर्ड का मामला है ।
राकेश द्विवेदी ने कहा कि कोर्ट को यह अधिकार ही नहीं है ।
इस पर न्यायमूर्ति ने कहा कि टीईटी मेरिट गाइडलाइन में है तो राकेश द्विवेदी ने कहा कि नहीं है , सिर्फ 60 फीसदी अंक पाकर टीईटी पास करना है ।
चयन का आधार राज्य बनायेगी ।
न्यायमूर्ति ने कहा कि फिर भर्ती
किस आधार पर हो रही है तो संजय सिन्हा ने खुद कहा कि मै बोर्ड का सेक्रेटरी हूँ भर्ती अध्यापक सेवा नियमावली 1981 से हो रही है ।
इसके बाद एक महिला ने टीईटी रद्द करने को कहा तो न्यायमूर्ति बिगड़ गये कि फर्जी बाहर करो टेट रद्द नहीं होगा
टेट रद्द कराना हो तो हाई कोर्ट जाओ ।
चयनित ने कहा कि 44 हजार को ट्रेनिंग के बाद नियुक्ति मिल चुकी है ।
अधिवक्ता आनंद नंदा ने कहा कि बहुत से पद रिक्त हैं तो अभिषेक श्रीवास्तव ने 72825 पद का विज्ञापन लहराया तो न्यायमूर्ति ने कहा कि जितने पद का विज्ञापन है उससे अधिक भर्ती नहीं होगी ।
राकेश द्विवेदी ने कहा कि गाइडलाइन में यह कहीं नहीं लिखा है कि कितना वेटेज दें , इसपर न्यायमूर्ति ने कहा कि NCTE इसे स्पष्ट करे अथवा क्या द्विवेदी जी आपने इसे चैलेन्ज किया है तो बोले हाँ तो फिर बोले कि अभी मेरिट का फैसला नहीं है इसके लिए पूरा दिन केस सुनना होगा ।
NCTE जवाब दे वरना वेटेज के लिए गाइडलाइन का सुझाव रद्द करना होगा ।
मेरी वकील मैडम शर्मा ने कहा कि मेरा मुअक्किल 70 फीसदी से अधिक अंक टीईटी और NCTE के अनुसार 50 फीसदी से अधिक अंक पाकर चयन से दूर है , न्यायमूर्ति ने कहा कि टीईटी में कितना तो मैडम बोली कि 70 फीसदी प्लस समथिंग , न्यायमूर्ति ने कहा कि जो रिक्ति इस भर्ती में बच रही है अभी उसे सेक्रेटरी
किसके सेक्रेटरी हो तो संजय सिन्हा बेसिक शिक्षा परिषद् , न्यायमूर्ति बोले कि शिक्षा ?
संजय सिन्हा बोले कि हिंदी में , न्यायमूर्ति ने कहा कि टेल इंग्लिश तब संजय सिन्हा ने कि यूपी बेसिक एजुकेशन बोर्ड इलाहाबाद ।
न्यायमूर्ति ने आदेश किया कि जो भर्ती में शेष रिक्तियां बच रहीं हैं उसे सेक्रेटरी आवेदन लेकर जिसमे कि टीईटी 70/60 फीसदी से अधिक अंक वाला अपनी स्नातक की मार्कशीट जो कि 50 फीसदी से अधिक अंक वाली हो, टीईटी की मार्कशीट और बायोडाटा सेक्रेटरी ऑफ़ बोर्ड को भेजे ।
सचिव एक कमेटी बनाकर आवेदन ले ।
इतने में आनंद नंदा ने कहा कि बहुत रिक्तियां हैं उसे कॉल करके आर्डर में मेंशन करें जिसपर बीटीसी टीम के लॉयर ने कहा कि इसपर मेरे मुअक्किलों का हक है ।
बीच-बीच में अधिवक्ता राव का नाम भी न्यायमूर्ति पुकार रहे थे ।
वकीलों के कुछ तथ्यों के विरोध पर
न्यायमूर्ति ने कहा कि ये सब अंतरिम नियुक्ति है , अंत में मेरिट पर पूरी केस सुनकर निर्णित करूँगा ।
जयंत मेहता और अरविन्द श्रीवास्तव ने भी अपनी बात जोरदार तरीके से रखी और कटऑफ़ नहीं गिरने दिया ।
उसके ऊपर के सभी लोगों के लिए नियुक्ति की मांग की ।
न्यायमूर्ति ने कहा कि अगली डेट 07-12-2015 तो संजय सिन्हा ने कहा कि लॉर्डशिप यूपी में चुनाव है इसलिए 09 जनवरी 2016 की डेट लगायें ।
न्यायमूर्ति ने इंकार कर दिया और दिनांक 07-12-2015 की अंतिम सुनवाई की तिथि मुक़र्रर की ।
राकेश द्विवेदी ने न्यायमूर्ति के इसलिए फाइनल सुनवाई से भागने का विरोध किया ।
जब मैंने अपने वकील से बाहर पूंछा कि मैडम आपने मेरा साठ फीसदी स्नातक और 76.67 फीसदी टीईटी क्यों नहीं बताया जबकि मेरी केटेगरी का शिक्षामित्र 70 फीसदी और महिला 71 फीसदी टीईटी अंक पाकर चयनित है ।
इसपर उन्होंने कहा कि मुझे पता ही नहीं था कि बंदरबांट है ।
इसके बाद सरकारी वकील राकेश मिश्रा मिले और कहा कि राहुल आज सभी IA का काम तमाम कर दिया , अब धीरे-धीरे केस सर्विस रुल पर लाऊंगा ।
शिक्षामित्रों की SLP आरके सिंह ने ड्राफ्ट की है जिसे उन्होंने फाइल नही किया क्योंकि वो टीईटी बीएड के भी वकील हैं ।
मेरे वकील दिनेश तिवारी ने कहा कि सूर्यकांत की SLP फाइल कर दो जिससे न्यायमूर्ति को सर्विस रुल की बात पता चले ।
अगली सुनवाई दिनांक 7 दिसम्बर 2015
न्यायमूर्ति का विचार है कि केस को चार घंटे देना होगा तब संवैधानिक फैसला आयेगा ।
नोट : वकील लोग सिर्फ कोर्ट को गुमराह किये हैं और कमाई कर रहे हैं
निर्णय आने पर तमाम चयनित/अचयनित पर पहाड़ टूट जायेगा ।
धन्यवाद ।
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