हाथरस । हिन्दुस्तान संवाद दो फरवरी को हुई उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा के प्रथम व द्वितीय
प्रश्नपत्र की परीक्षा को निरस्त कराने की मांग करते हुए एबीवीपी के पूर्व
जिला संयोजक और टेट परीक्षा में शामिल होने वाले
सुमित कुमार शर्मा ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय में परीक्षा निरस्त कराकर पुन: परीक्षा कराने के लिए याचिका दाखिल की है।
शर्मा का कहना है कि इन दोनों प्रश्नपत्रों में निर्धारित पैटर्न और पाठय़क्रम से भिन्न प्रश्न आए थे। परीक्षा नियामक प्राधिकरण इलाहाबाद के द्वारा आयोजित कराई गई टेट परीक्षा के विज्ञापन शासनादेश का उल्लंघन किया गया है। परीक्षा के विज्ञान के साथ प्रथम और द्वितीय प्रश्नपत्रों के लिए प्रश्नों की संख्या निश्चित थी। उसी के आधार पर परीक्षा में शामिल होने वाले अभ्यर्थियों ने तैयारी की थी। लेकिन दो फरवरी को आयोजित परीक्षा में प्रश्नपत्रों के द्वारा किसी भी खंड में पाठय़क्रम का अनुसरण नहीं किया गया है।
प्रथम प्रश्नपत्र में कुल 150 प्रश्नों में से 98 प्रश्न पाठय़क्रम से बाहर पूछे गए थे। द्वितीय प्रश्नपत्र में 150 में से 89 प्रश्न निर्धारित पाठय़क्रम से बाहर से थे। जिसके कारण अभ्यर्थी अपनी स्वाभाविक तैयारी के अनुकूल परीक्षा में पूछे गए सवालों को हल करने में असफल रहे। इस सम्बन्ध में 15 मार्च को सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति प्रदीप कुमार सिंह बघेल ने परीक्षा आयोजित कराने वाले सभी पक्षों को नोटिस जारी कर छह सप्ताह में जबाव मांगा है। अगली सुनवाई अब 11 मई 2016 को होगी।
Sponsored links :
ताज़ा खबरें - प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती Breaking News: सरकारी नौकरी - Army /Bank /CPSU /Defence /Faculty /Non-teaching /Police /PSC /Special recruitment drive /SSC /Stenographer /Teaching Jobs /Trainee / UPSC
सुमित कुमार शर्मा ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय में परीक्षा निरस्त कराकर पुन: परीक्षा कराने के लिए याचिका दाखिल की है।
शर्मा का कहना है कि इन दोनों प्रश्नपत्रों में निर्धारित पैटर्न और पाठय़क्रम से भिन्न प्रश्न आए थे। परीक्षा नियामक प्राधिकरण इलाहाबाद के द्वारा आयोजित कराई गई टेट परीक्षा के विज्ञापन शासनादेश का उल्लंघन किया गया है। परीक्षा के विज्ञान के साथ प्रथम और द्वितीय प्रश्नपत्रों के लिए प्रश्नों की संख्या निश्चित थी। उसी के आधार पर परीक्षा में शामिल होने वाले अभ्यर्थियों ने तैयारी की थी। लेकिन दो फरवरी को आयोजित परीक्षा में प्रश्नपत्रों के द्वारा किसी भी खंड में पाठय़क्रम का अनुसरण नहीं किया गया है।
प्रथम प्रश्नपत्र में कुल 150 प्रश्नों में से 98 प्रश्न पाठय़क्रम से बाहर पूछे गए थे। द्वितीय प्रश्नपत्र में 150 में से 89 प्रश्न निर्धारित पाठय़क्रम से बाहर से थे। जिसके कारण अभ्यर्थी अपनी स्वाभाविक तैयारी के अनुकूल परीक्षा में पूछे गए सवालों को हल करने में असफल रहे। इस सम्बन्ध में 15 मार्च को सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति प्रदीप कुमार सिंह बघेल ने परीक्षा आयोजित कराने वाले सभी पक्षों को नोटिस जारी कर छह सप्ताह में जबाव मांगा है। अगली सुनवाई अब 11 मई 2016 को होगी।
Sponsored links :
ताज़ा खबरें - प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती Breaking News: सरकारी नौकरी - Army /Bank /CPSU /Defence /Faculty /Non-teaching /Police /PSC /Special recruitment drive /SSC /Stenographer /Teaching Jobs /Trainee / UPSC