जागरण संवाददाता, आगरा: 15 हजार शिक्षक भर्ती काउंसिलिंग में शिक्षा
विभाग द्वारा जारी कट आफ लिस्ट पर फर्जी अभ्यर्थी के नाम शामिल होने पर
बीटीसी अभ्यर्थियों ने हंगामा किया। 15 हजार शिक्षक भर्ती के तहत आगरा में 200 शिक्षकों की नियुक्ति होनी
है।
इसके लिए अक्टूबर 2015 में भी काउंसिलिंग हुई, मगर डिप्लोमा इन एजूकेशन और बैचलर इन एलीमेंटरी एजूकेशन के अभ्यर्थी कोर्ट चले गए। कोर्ट के आदेश पर इन अभ्यर्थियों को भी शामिल कर लिया गया। इसके बाद मंगलवार को नियुक्ति के लिए बीएसए कार्यालय पर काउंसिलिंग हुई। इसके लिए जारी लिस्ट में एबीसीडी, एक्सवाइजेड, एसएसबीडी जैसे गलत नाम वाले फर्जी आवेदकों को भी शामिल कर लिया गया। इस कारण पिछले साल हुई काउंसिलिंग में शामिल अभ्यर्थी बाहर हो गए। लिस्ट में अपना नाम न होने पर उनका आक्रोश भड़क गया। उन्होंने बीएसए कार्यालय के बाहर हंगामा और नारेबाजी शुरू कर दी। उनका कहना था कि लिस्ट में फर्जी लोगों को बाहर नहीं किया गया। इसके अलावा कई जनपदों में लाभांवित अभ्यर्थियों को भी शामिल किया गया है। इससे गृह जनपद के पात्र अभ्यर्थियों को बाहर होना पड़ रहा है। उनका कहना था कि अगर अभ्यर्थियों को गृह जनपद का लाभ नहीं दिया गया तो वो कोर्ट जाने को विवश होंगे। सूची में फर्जी नाम होने पर बीएसए धर्मेद्र सक्सेना का कहना था कि उन्होंने शासन के निर्देश पर मदर लिस्ट के अनुसार काउंसिलिंग कराई है। अगर शासन से कोई निर्देश मिलेगा तो उसका पालन कराया जाएगा।
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छह की हुई काउंसिलिंग
काउंसिलिंग में 19 अभ्यर्थियों को बुलाया गया था, लेकिन इसमें से केवल छह अभ्यर्थी ही आए। अब रिक्त पदों के लिए दूसरी काउंसिलिंग कराई जाएगी।
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इसके लिए अक्टूबर 2015 में भी काउंसिलिंग हुई, मगर डिप्लोमा इन एजूकेशन और बैचलर इन एलीमेंटरी एजूकेशन के अभ्यर्थी कोर्ट चले गए। कोर्ट के आदेश पर इन अभ्यर्थियों को भी शामिल कर लिया गया। इसके बाद मंगलवार को नियुक्ति के लिए बीएसए कार्यालय पर काउंसिलिंग हुई। इसके लिए जारी लिस्ट में एबीसीडी, एक्सवाइजेड, एसएसबीडी जैसे गलत नाम वाले फर्जी आवेदकों को भी शामिल कर लिया गया। इस कारण पिछले साल हुई काउंसिलिंग में शामिल अभ्यर्थी बाहर हो गए। लिस्ट में अपना नाम न होने पर उनका आक्रोश भड़क गया। उन्होंने बीएसए कार्यालय के बाहर हंगामा और नारेबाजी शुरू कर दी। उनका कहना था कि लिस्ट में फर्जी लोगों को बाहर नहीं किया गया। इसके अलावा कई जनपदों में लाभांवित अभ्यर्थियों को भी शामिल किया गया है। इससे गृह जनपद के पात्र अभ्यर्थियों को बाहर होना पड़ रहा है। उनका कहना था कि अगर अभ्यर्थियों को गृह जनपद का लाभ नहीं दिया गया तो वो कोर्ट जाने को विवश होंगे। सूची में फर्जी नाम होने पर बीएसए धर्मेद्र सक्सेना का कहना था कि उन्होंने शासन के निर्देश पर मदर लिस्ट के अनुसार काउंसिलिंग कराई है। अगर शासन से कोई निर्देश मिलेगा तो उसका पालन कराया जाएगा।
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छह की हुई काउंसिलिंग
काउंसिलिंग में 19 अभ्यर्थियों को बुलाया गया था, लेकिन इसमें से केवल छह अभ्यर्थी ही आए। अब रिक्त पदों के लिए दूसरी काउंसिलिंग कराई जाएगी।
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