UPTET बीएड वालों का यह है कमजोर पहलू जिसको लेकर सरकार, शिक्षामित्र व बीटीसी वाले बीएड वालों को प्राइमरी में अनर्ह करने पर तुले

मित्रों वर्तमान समय में बीएड वालों को अपना अस्तित्व बचाने रखने के लिए एनसीटीई व्दारा प्राइमरी में दी गयी 31.03.2014 छूट को बढ़वाना नितांत आवश्यक हैं... यही एक weak point हैं जिसको लेकर सरकार, शिक्षामित्र व बीटीसी वाले बीएड वालों को प्राइमरी में अनर्ह करने पर तुले हुए हैं..
यदि एनसीटीई यह छूट नहीं बढ़ाती हैं तो निकट भविष्य में सुप्रीम कोर्ट भर्ती को 72825 पर समाप्त कर देगा.. क्यूंकि सरकार, शिक्षामित्र, बीटीसी व चयनित टेट नेता यहीं चाहते हैं.
जमीनी काम करने का हवाई दावा सब करते हैं, और जो काम करता हैं उसका छाती पीट-पीट कर विधवा विलाप करते हैं...
दिनांक 06.06.2016 को जब मैं राज्यपाल से मिला तो पश्चिम से लेकर पूर्वांचल के कुछ मानसिक विछिप्त विधवा विलाप किए और मेरे जमीनी काम को नेतागीरी से जोड़ दिए, और मेरी ईमानदारी पर प्रश्नचिन्ह लगाया जबकि करोड़ों की धनराशि खातो़ में आन रिकार्ड डकार बैठे हैं..चेतावनी हैं उन मानसिक विछिप्तों को कि करोड़ों की वकील फीस की रसीद नहीं बनवा पाओगे.. जितना मुझे परेशान करने की कोशिश करोगे सूद समेत वापस करूंगा क्यूंकि हम बाराबंकी वाले जब तक शांत हैं तो शांत हैं, जब अपनी पर आते हैं तो सामने वाले को छठी का दूध याद दिला देते हैं...
मैं शांत हूं सिर्फ इसलिए कि मुझे लक्ष्य से डिगना नहीं क्यूंकि मैं एक अचयनित हूं.. 30000 वेतन नही उठा रहा और न ही 1100 में चयनित हूं.. मैं भी नौकरी प्राप्त करके समाज में एक सम्मान जनक जीवन जीना चाहता हूं..
मैं जमीनी कार्य कर रहा हूं क्यूंकि मुझ पर भरोसा करने वालों का सहयोग मेरे साथ हैं...
मेरी अस्वस्थता का मजाक बनाया जाता हैं, क्यूंकि मजाक उड़ाने वाला अमरत्व पीकर पैदा हुआ हैं, और न ही उसे बीमार पड़ना हैं.. बेरोजगारों के करोड़ों दबा कर यह न समझना कि बच गए... बात निकली हैं तो दूर तलक जाएगी।
अत्यंत खुश हूं कि मा० राज्यपाल महोदय से हमारी मुलाकात का सकारात्मक पक्ष शीघ्र हमें देखने को मिल गया.. आज ही राजभवन से मुझे मेरी मेल पर मा० राज्यपाल महोदय का 10 जून को बीएड वालों के लिए 10 वर्ष छूट हेतू MHRD को भेजा गया सिफारिशी पत्र मुझे प्राप्त हुआ, जिसे पोस्ट में संलग्न कर रहा हूं.. पत्र को जूम करके पढ़ ले क्यूंकि मेरी पोस्ट के बाद कुछ कुकुरमुत्तों की पोस्ट आएगी इसे गलत साबित करने के लिए और छाती पीट कर श्रेय लिया जाएगा।
मित्रों यदि यह जमीनी कार्य की श्रेणी में नहीं आता तो बताना.. फावड़ा व कुदाल लेकर आ जाएंगे जमीनी काम करने..


सुप्रीम कोर्ट में 1 रूपए के वकील को 10 रूपए में बताकर दलाली करना आसान हैं पर वास्तविकता के धरातल पर जमीनी काम करना और उसकी प्रतिक्रिया प्राप्त करना मुश्किल।

""जो बुरे वक्त मेँ मेरे साथ था उनके लिए मैँ बस इतना कहूगाँ.....
मेरा अच्छा वक्त सिर्फ तुम्हारे लिए होगा.....!""

नोट- ज्यादा से ज्यादा शेयर करें ताकि बेरोजगारों तक पहुंचे और उन्हें कुछ पल को तसल्ली हो कि उनके लिए कार्य हो रहा हैं।

आपका
अरशद अली
बीएड टीईटी उत्तीर्ण संघर्ष मोर्चा
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