जागरण संवाददाता, बरेली: टीईटी पास तीन युवक फर्जी दस्तावेज लगाकर शिक्षक बन गए। मामले का खुलासा तब हुआ जब सत्यापन में उनकी डिग्री फर्जी निकली। बीएसए ने तीनों शिक्षकों को नोटिस देकर एक सप्ताह में अपना पक्ष रखने का अल्टीमेटम दिया है.
बेसिक शिक्षा विभाग ने मार्च 2016 में टीईटी पास दीप सरन को जूनियर हाईस्कूल चठिया फरीदपुर, मुनेश कुमार बसंतपुर भुता और शीशपाल को इटौआ शेरगढ़ के सरकारी स्कूल में तैनाती दी थी। इसके साथ ही उनके दस्तावेजों को सत्यापन के लिए बुंदेलखंड यूनिवर्सिटी को भेजा। यूनिवर्सिटी प्रशासन ने दस्तावेजों की पड़ताल की तो तीनों की बीए और बीएड की डिग्री फर्जी पाई गई। बेसिक शिक्षा विभाग को जब विश्वविद्यालय की रिपोर्ट मिली तो जालसाजी की पोल खुली।
बुंदेलखंड विवि ने तीनों शिक्षकों की डिग्री को फर्जी बताया है। तीनों शिक्षकों को अपना पक्ष रखने के लिए एक सप्ताह का समय दिया गया है। इसके बाद कार्रवाई की जाएगी।
ऐश्वर्या लक्ष्मी यादव, बीएसए
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बेसिक शिक्षा विभाग ने मार्च 2016 में टीईटी पास दीप सरन को जूनियर हाईस्कूल चठिया फरीदपुर, मुनेश कुमार बसंतपुर भुता और शीशपाल को इटौआ शेरगढ़ के सरकारी स्कूल में तैनाती दी थी। इसके साथ ही उनके दस्तावेजों को सत्यापन के लिए बुंदेलखंड यूनिवर्सिटी को भेजा। यूनिवर्सिटी प्रशासन ने दस्तावेजों की पड़ताल की तो तीनों की बीए और बीएड की डिग्री फर्जी पाई गई। बेसिक शिक्षा विभाग को जब विश्वविद्यालय की रिपोर्ट मिली तो जालसाजी की पोल खुली।
बुंदेलखंड विवि ने तीनों शिक्षकों की डिग्री को फर्जी बताया है। तीनों शिक्षकों को अपना पक्ष रखने के लिए एक सप्ताह का समय दिया गया है। इसके बाद कार्रवाई की जाएगी।
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