लखनऊ। श्रावस्ती में मुख्यमंत्री के सामने बेसिक शिक्षा की गुणवत्ता की कलई खुलने के बाद प्रदेश के बेसिक शिक्षा मंत्री अहमद हसन बुधवार को सभी जिलों के बेसिक शिक्षा अधिकारियों के पेंच कसेंगे। महकमे की ओर से 20 जुलाई को प्रदेशस्तरीय बैठक बुलायी गयी है।
इसमें सभी बीएसए, एडी बेसिक, निदेशक और सचिव बेसिक शिक्षा के साथ अन्य जिम्मेदार अफसर शामिल होंगे।
बैठक में बेसिक शिक्षा मंत्री श्री हसन के साथ राज्यमंत्री वसीम अहमद व कैलाश चौरसिया तथा सचिव अजय कुमार सिंह भी मौजूद रहेंगे। सूत्रों का कहना है कि बैठक में स्कूलों में बंटने वाली मुफ्त किताबों, मिड डे मील में फलों का वितरण, विद्यालयों में छात्र-छात्राओं की उपस्थिति व शिक्षकों की स्कूलों में लेट-लतीफी सहित तमाम अन्य मुद्दों पर र्चचा होगी। इसके साथ ही अंतरजनपदीय शिक्षकों के तबादलों को लेकर भी शिक्षाधिकारियों से जानकारी ली जाएगी।
उल्लेखनीय है कि परिषदीय स्कूलों में शैक्षिक सत्र की शुरुआत पहली अप्रैल से कर दी गयी थी, लेकिन अभी तक बच्चों के हाथों में मुफ्त मिलने वाली किताबें नहीं आ पायी हैं। अब यह किताबें कितनी जल्दी मुहैया करायी जा सकती है। इसका जवाब भी अफसरों को देना पड़ सकता है। मिड डे मील की तश्वीर भी बेहद खराब है। मिड डे मील की गुणवत्ता को लेकर सरकार को लगातार शिकायतें मिल रही हैं। इसका जवाब अफसरों को देना पड़ सकता है।
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इसमें सभी बीएसए, एडी बेसिक, निदेशक और सचिव बेसिक शिक्षा के साथ अन्य जिम्मेदार अफसर शामिल होंगे।
बैठक में बेसिक शिक्षा मंत्री श्री हसन के साथ राज्यमंत्री वसीम अहमद व कैलाश चौरसिया तथा सचिव अजय कुमार सिंह भी मौजूद रहेंगे। सूत्रों का कहना है कि बैठक में स्कूलों में बंटने वाली मुफ्त किताबों, मिड डे मील में फलों का वितरण, विद्यालयों में छात्र-छात्राओं की उपस्थिति व शिक्षकों की स्कूलों में लेट-लतीफी सहित तमाम अन्य मुद्दों पर र्चचा होगी। इसके साथ ही अंतरजनपदीय शिक्षकों के तबादलों को लेकर भी शिक्षाधिकारियों से जानकारी ली जाएगी।
उल्लेखनीय है कि परिषदीय स्कूलों में शैक्षिक सत्र की शुरुआत पहली अप्रैल से कर दी गयी थी, लेकिन अभी तक बच्चों के हाथों में मुफ्त मिलने वाली किताबें नहीं आ पायी हैं। अब यह किताबें कितनी जल्दी मुहैया करायी जा सकती है। इसका जवाब भी अफसरों को देना पड़ सकता है। मिड डे मील की तश्वीर भी बेहद खराब है। मिड डे मील की गुणवत्ता को लेकर सरकार को लगातार शिकायतें मिल रही हैं। इसका जवाब अफसरों को देना पड़ सकता है।
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