Ticker

6/recent/ticker-posts

Ad Code

टेट आरक्षण मामला : सुप्रीम कोर्ट ने टेट आरक्षण को सही माना , 40000 शिक्षकों की किस्मत खुली

18 अक्टूबर को आये सुप्रीम कोर्ट के फैसले ने एनसीटीई की रीति नीति पर सवाल खड़े कर दिए हैं। एनसीटीई की गाइडलाइन के मुताबिक टेट में न्यूनतम 60 फीसदी अंक प्राप्त करने वाला ही शिक्षक भर्ती के योग्य माना गया है।
लेकिन तत्कालीन राज्य सरकार ने आरटेट में आरक्षित वर्ग को न्यूनतम उत्तीर्णांक में 5 से 20 प्रतिशत की छूट दी। इस पर कुछ अभ्यर्थियों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की। हाईकोर्ट की पहले एकलपीठ, फिर खंडपीठ ने इसे गलत माना। हाईकोर्ट ने कहा था कि राज्य सरकार की 5 से 20 प्रतिशत अंकों की छूट देना गलत है। आरटेट में 60 प्रतिशत अंक ही जरूरी हैं। इस पर सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर की।
अब सुप्रीम कोर्ट ने कहा- छूट देना सही है। सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि राज्य सरकार ने अपनी नोटिफिकेशन व सर्कुलर के अनुसार आरटेट में आरक्षित वर्ग को रिजर्वेशन दिया था और सरकार को अपनी नीतियों के तहत रिजर्वेशन देने का अधिकार था। सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से अधिवक्ता इरशाद अहमद ने दलील दी कि राज्य सरकार ने नियमानुसार ही आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों को रिजर्वेशन दिया है और इसमें कोई असंवैधानिक कार्य नहीं किया है।
सुप्रीम कोर्ट ने उनकी इस दलील को सही मानते हुए हाई कोर्ट के फैसले को पलट दिया।
तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती 2012 में सरकार ने 40 हजार को नियुक्ति दी थी। इसमें से 27 हजार चयनित शिक्षकों के 60 प्रतिशत से अधिक अंक थे और 13 हजार के 60 प्रतिशत से कम। सुप्रीम कोर्ट में मामला होने के कारण इन 13 हजार शिक्षकों की नौकरी पर तलवार लटक रही थी। इनको राहत मिल गई। अब सभी 40 हजार शिक्षकों का स्थायीकरण भी हो सकेगा।
sponsored links:
ख़बरें अब तक - 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती - Today's Headlines

إرسال تعليق

0 تعليقات

latest updates

latest updates

Random Posts