हजारों प्रवक्ताओं के फर्जीवाड़े पर नकेल, एक ही प्रवक्ता ने कई बीटीसी कॉलेजों में करा रखा है पंजीकरण

राज्य ब्यूरो, इलाहाबाद : एक प्रमाणपत्र से कई मेडिकल स्टोर कई चलाने की बातें अब पुरानी हो चली हैं। शिक्षा महकमे में बड़ी संख्या में ऐसे प्रवक्ता हैं, जिन्होंने कई कॉलेजों में अपना पंजीकरण करा रखा है। ताज्जुब यह है कि सभी कॉलेजों से उन्हें तय रकम भी मिल रही है और उन्हें कहीं जाना भी नहीं पड़ रहा।
यह मामले जानकारी में आने के बाद फर्जीवाड़े पर कड़ा अंकुश लगने जा रहा है। सभी कॉलेजों से शिक्षकों का आधार कार्ड मांगा गया है, इसे अपलोड कराने की तैयारी है। इस कदम से हड़कंप है। कॉलेज प्रबंधक रिकॉर्ड देने में आनाकानी कर रहे हैं।
प्रदेश में बेसिक टीचर्स टेनिंग यानी बीटीसी के निजी कॉलेज लगातार खुलते जा रहे हैं, लेकिन वहां पर पठन-पाठन का स्तर का उसी रफ्तार से गिर रहा है। तमाम हिदायतों के बाद भी सुधार न होने पर पाठ्यक्रम में बदलाव हुए। ऐसा पाठ्यक्रम बनाया गया कि प्रशिक्षुओं को पढ़ना और शिक्षकों को पढ़ाना ही होगा। इसके बाद भी शैक्षिक गुणवत्ता में सुधार नहीं हुआ, बल्कि प्रशिक्षु सेमेस्टर परीक्षाओं में ही फेल होने लगे। हाल में ही बीटीसी 2013 का परीक्षा परिणाम इसका ताजा उदाहरण है। इधर अफसरों ने एनसीटीई से संपर्क करके उन कारणों की पड़ताल की कि आखिर बीटीसी कॉलेजों में पढ़ाई क्यों नहीं हो पा रही है। इसमें यह सामने आया कि एक ही प्रवक्ता कई कॉलेजों में पंजीकृत है और उसका पढ़ाई से कोई लेना-देना नहीं है। इन्हीं कथित प्रवक्ताओं के बलबूते बड़ी संख्या में निजी कॉलेज चल रहे हैं।
इस पर सख्त अंकुश लगाने के लिए यह योजना बनी कि सभी कॉलेजों के प्रवक्ताओं से आइडी यानी पहचान पत्र लेकर उनका आधार कार्ड एनसीटीई की वेबसाइट पर अपलोड कर दिया जाए तो वह जहां भी पंजीकृत होंगे तस्वीर सामने आ जाएगी। इसी योजना के तहत प्रवक्ताओं का रिकॉर्ड मांगा गया, लेकिन अभी तक गिने चुने कॉलेजों ने ही मुहैया कराया है। अधिकांश कॉलेज इसे देने में आनाकानी कर रहे हैं। परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय के रजिस्ट्रार नवल किशोर ने बताया कि अभी कुछ कॉलेजों ने ही सूचनाएं भेजी हैं। सभी को जल्द रिपोर्ट भेजने को कहा गया है।
इस कदम का यह असर
’ योग्यता रखने वाले नए युवाओं को कॉलेजों में पढ़ाने का मिलेगा मौका।
’ तमाम निजी कॉलेज बंदी के कगार पर होंगे, क्योंकि एक शिक्षक कई पंजीकृत।
’ शैक्षिक प्रपत्र एवं फोटो एनसीटीई की वेबसाइट पर आते ही पोल खुल जाएगी।
’ अफसरों ने कॉलेजों को 30 नवंबर तक आधार से लिंक करने को कहा।

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