Ticker

6/recent/ticker-posts

Ad Code

सुप्रीम कोर्ट में 7 दिसम्बर 2015 को हुए आदेश के बाद से 24फरबरी, 24अगस्त व् 17नवम्बर तीन बार कोर्ट ने सरकार को पुनः आदेशित किया

सुप्रीम कोर्ट में 7 दिसम्बर 2015 को हुए आदेश के बाद से 24फरबरी, 24अगस्त व् 17नवम्बर तीन बार कोर्ट ने सरकार को पुनः आदेशित किया है। यहाँ में देख रहा हूँ कि सामान्य याची अभ्यर्थी Consider और Compliance जैसे दो शब्दों में उलझा हुआ है और कोर्ट की तरफ बार बार आशा भरी निगाहों से देख रहा है कि वह ही स्पस्ट आदेश दे दे।

यहाँ मैं दोनों ही स्तिथि को स्पस्ट कर देना चाहता हूँ कि कोर्ट ने जब Consider शब्द का प्रयोग किया है तब सरकार को यह कहते हुए आदेशित किया है कि "प्रदेश में जो योग्य अभ्यर्थी है आप उनकी तरफ ध्यान दीजिए और सिर्फ और सिर्फ योग्य अभ्यर्थियों को नियुक्तियां दीजिये।" और जब Compliance जैसे शब्द का प्रयोग आदेश के अनुपालन हेतु किया है।
दोनों ही स्तिथि में कोर्ट ने सरकार को तीन मौके दिए है कि वह स्वतः ही इस विवाद का निपटारा एक कैबिनेट की मीटिंग करके कर दे और सुप्रीम कोर्ट में शिक्षामित्रो की दबी हुई फाइल पर कोई राहत फिर कोर्ट से प्राप्त कर ले किन्तु सरकार आज भी वास्तविकता समझने में सक्षम नही हो पाई है। उसके दो कारण है पहला यह कि 1लाख70 हजार शिक्षामित्र ना सिर्फ सपा के वोटर है बल्कि पोलिंग एजेंट भी है जो पार्टी को हर चुनाव में दोहरा लाभ देते है वही दूसरी तरफ 2लाख 92हजार बीएड टेट पास योग्य अभ्यर्थी ना तो इनके वोटर है और ना ही अभी तक यह प्रदर्शित करने में ही सफल हुए है कि हमारे विरोध से कुछ परिवर्तन भी हो सकता है। सत्ता और सरकारें सिर्फ वोट का दबाब पहिचानती है।
वर्तमान परिस्तिथि में यहाँ एक बात मैं बड़े दावे के साथ कह सकता हूँ कि जबसे हमने 72825+ पदों की जिम्मेदारी संभाली है कोर्ट में 72825पदों की बात को उठाने नही दिया गया है। हमेशा RTE एक्ट और याची लाभ ही सामने रखा गया और यही कारण है कि आज आपके पास सुप्रीम कोर्ट के तीन से चार आदेश उपलब्ध है। यदि आप इनके अनुपालन से जल्द ही जॉब चाहते है तो प्रदेश में अपने होने का सबूत दीजिये।
संघर्ष के कई साथियों से विचार विमर्श उपरांत हमने यह निर्णय लिया है कि "4दिसम्बर दिन रविवार को सभी जिलों में एक साथ विशाल साईकिल रैली निकाली जाये और सभी सपा विधायकों (या जिला अध्यक्ष, जहाँ सपा का विधायक न हो) को एक मांग पत्र प्रस्तुत किया जाये। जिसमें सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का हवाला देते हुए हमारे शासनादेश आने के बाद अगले चुनाव में पूरे समर्थन की बात कही गयी हो।"
यदि आप सभी की संख्या जिला स्तर पर अच्छी रहती है तो निश्चित रूप से हमारा प्रभाव पार्टी पर पड़ेगा और फिर यह निर्णय लिया जाये कि हम प्रदेश स्तरीय आंदोलन लखनऊ में करें। यदि आप सभी की संख्या जिलों में ही अच्छी नही हो पाती है तो हम ये मान लेंगे कि आप पुनः लखनऊ में बुलाने पर भी नगण्य संख्या में उपस्तिथी होंगे और फिर हर बार आने वाले वही साथी खाली हाथ वापस होंगे।
इस बार आपको हमारे साथ होने का सबूत देना होगा ताकि हमें भी यह ज्ञात हो सके कि आप अपने भविष्य के लिए तन-मन-धन से हमारे साथ है सिर्फ नाम भेज देने से याकि याचिका फाइल होने से ही काम नही चलने वाला।
यदि विचार और निर्णय से सहमत हो तब भी अपनी प्रतिक्रिया दें और यदि कुछ सुधार की आवश्यकता हो तब भी बताएं।
आपका शुभेक्षु मयंक तिवारी
बीएड/टेट उत्तीर्ण संघर्ष मोर्चा
उत्तर प्रदेश
sponsored links:
ख़बरें अब तक - 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती - Today's Headlines

Post a Comment

0 Comments

latest updates

latest updates