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UPPSC RO ARO RESULT: आरओ/एआरओ परीक्षा में इलाहाबादी प्रतियोगी चमके, पहली रैंक पर रहे गाजीपुर के विपुल ’ वर्ष 2014 में हुई परीक्षा का आया परिणाम

उत्तर प्रदेश लोकसेवा आयोग द्वारा घोषित वर्ष 2014 के समीक्षा अधिकारी/सहायक समीक्षा अधिकारी के परिणाम में बड़ी संख्या में छात्रों ने कामयाबी हासिल की। 1पहली रैंक पर रहे विपुल कुमार गाजीपुर के मूल
निवासी हैं। इनको यह कामयाबी लंबे प्रयास के बाद मिली है।
उन्होंने इलाहाबाद विवि से स्नातक और परास्नातक की पढ़ाई पूरी की। इनके पिता स्वर्गीय बीके शर्मा बिहार सरकार में चिकित्सक थे। अपनी सफलता का श्रेय ये साथियों और शिक्षकों को देते हैं।
1दूसरे स्थान पर दीपक कुमार ने बाजी मारी है। उन्होंने इलाहाबाद विवि से स्नातक की पढ़ाई पूरी की। उन्होंने पूर्वाचल विवि से राजनीतिशास्त्र में परास्नातक किया है। मूलरूप से सुल्तानपुर निवासी दीपक वर्तमान में भारत सरकार के एक विभाग में मऊ में प्रशासनिक अधिकारी पद पर नियुक्त हैं। इनका कहना है कि असफलता से जो नहीं घबराता मंजिल उन्हीं को मिलती है। 1तीसरी रैंक प्राप्त विजय कुमार तिवारी मूलरूप से महाराजगंज के सिसवा बाजार के रहने वाले हैं। वे इलाहाबाद विवि से स्नातक और हंिदूी विषय में पीजी हैं। हंिदूी में जेआरएफ विजय कुमार ने दिल्ली में रहकर प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी की है। 1लड़कियों में पहली रैंक प्राप्त करने वाली कल्पना जायसवाल वर्तमान में इलाहाबाद में सेवायोजन कार्यालय में सहायक सेवायोजन अधिकारी के पद पर कार्यरत हैं। मूलरूप से कुशीनगर निवासी कल्पना ने इलाहाबाद विवि से वर्ष 2008 में अंग्रेजी साहित्य से परास्नातक परीक्षा उत्तीर्ण की है। सहायक सेवायोजन अधिकारी से पूर्व ये सहायक शिक्षिका रहीं हैं। ओवरआल इनकी रैंक दसवी हैं। 1इसी प्रकार लखनऊ निवासी शिवांगी शुक्ल ने लड़कियों की श्रेणी में तीसरा स्थान प्राप्त किया है। इन्होंने लखनऊ से ही इंटीग्रल विवि से एमएससी पूरी की। उन्होंने अपनी सफलता का श्रेय ये अपने पिता डा. प्रमोद शुक्ल को दिया है। इनका कहना है कि भगवान पर भरोसा करें और सही दिशा में मेहनत करें तो मंजिल जरूरी मिलती है। जरूरी है कि लक्ष्य बनाकर पढ़ाई की जाए। हंडिया के ग्राम जरावं, निवासी उपेंद्र कुमार उपाध्याय ने भी सफलता हासिल की है। इनका चयन वर्ष 2013 में लोअर पीसीएस के अंतर्गत मार्केटिंग अधिकारी पद पर हो चुका है। पिता त्रिलोकी नाथ उपाध्याय कृषक एवं माता सरस्वती देवी ग्रहणी हैं। वे अपनी सफलता का श्रेय ये छोटे भाई जितेंद्र उपाध्याय को देते हैं। सफलता के क्रम में शरद कश्यप ने भी बाजी मारी है। वर्तमान में वे हापुड़ में बाल विकास परियोजना अधिकारी के पद पर कार्यरत है।

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