latest updates

latest updates

कहीं 185 बच्चों पर एक शिक्षक, कहीं 35 पर पांच शिक्षक : बीएसए ने मानी चूक हुई

ब्यूरो /पीलीभीत आचार संहिता लागू होने से पहले बेसिक शिक्षा विभाग में नियम कायदे ताक पर रखकर 500 से अधिक शिक्षकों के किए गए तबादलों से जिले की शिक्षा व्यवस्था पूरी तरह लड़खड़ा गई है। कई स्कूल एकल हो गए हैं तो कई बंद होने की स्थिति में हैं।
कहीं 185 बच्चों पर एक शिक्षक है, तो कहीं 35 बच्चों पर पांच शिक्षक तैनात हैं। सोमवार को अमर उजाला टीम ने जिले की तीनों तहसीलों में बेसिक शिक्षा व्यवस्था की स्थिति का जायजा लिया तो कहीं स्कूल में बच्चे झाड़ू लगाते मिले तो कहीं तिकड़ी खेल रहे थे। प्रधानाचार्य कक्ष में ताला लटका मिला तो कहीं मीनू के हिसाब से भोजन बच्चों को नहीं दिया जा रहा था। खास बात यह है कि बेसिक शिक्षा विभाग में किए गए तबादलों से यह स्थिति तब पैदा हुई है जब तबादला समिति के अध्यक्ष डीएम हैं।
29 बच्चों पर तैनात तीन शिक्षिकाएं
शहर के चीनी मिल कैंपस में प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालय एक ही भवन में संचालित हैं। वहां पहुुंची अमर उजाला टीम को दोनों विद्यालयों में उच्च प्राथमिक विद्यालय की शिक्षिका यशवंती व दीपिका अरोरा ही उपस्थित थीं। बच्चे मध्याह्न भोजन खा रहे थे। यहां प्राथमिक विद्यालय में पंजीकृत 53 बच्चों पर दो शिक्षिकाएं, जबकि उच्च प्राथमिक विद्यालय में 29 बच्चों पर तीन शिक्षिकाएं तैनात है। शिक्षिका दीपिका ने बताया कि प्राथमिक स्कूल की प्रधानाध्याक राशन कोटे पर गई हैं। विभा मिश्रा मेडिकल लीव पर हैं।
हाल पूरनपुर तहसील का:
गुरुजी नहीं आए, इंतजार करते रहे बच्चे
पूरनपुर। सुबह नौ बजे अमर उजाला टीम एकल शिक्षक वाले प्राथमिक स्कूल टांडा छत्रपति पहुंची। यहां कुछ बच्चे झाड़ू लगा रहे थे, बाकी खेल में मगन दिखे। यहां पंजीकृत 185 बच्चों पर महज एक शिक्षक योगेश गंगवार हैं, वो भी नदारद थे। कक्षा पांच के लालाराम व ललित ने बताया कि गुरुजी अभी नहीं आए हैं। रसोइया के घर से चाबी लाकर स्कूल खोला गया। करीब एक घंटे बाद प्रेरक नीलम स्कूल पहुंचीं। बताया कि मास्टर साहब ने रात में ही फोन कर स्कूल न आने की जानकारी दे दी थी। शिक्षक योगेश गंगवार ने मोबाइल पर बताया कि मां की तबियत खराब होने पर उन्हें लखनऊ लाया हूं। वहीं खंड शिक्षा अधिकारी दिनेश चंद्र ने शिक्षक के अवकाश पर होने की जानकारी से इंकार किया। सकुंल प्रभारी सूर्य प्रकाश गंगवार ने बताया कि शिक्षक बगैर अवकाश लिए गायब हैं। यहां पूर्व में तैनात मुकेश कुमार का अंतरजनपदीय स्थानांतरण कर दिया गया। कुछ दिन पहले सुनीता का दूसरे ब्लाक में तबादला कर दिया गया। उनके स्थान पर अभी किसी की नियुक्ति नहीं की गई है।
कक्षा पांच के प्रदीप नहीं सुना सके गिनती
स्कूल में पढ़ने वाले कक्षा पांच के छात्र प्रदीप को बीस तक ही गिनती आती हैं। लालाराम तो सात तक ही पहाड़ा सुना सका। ललित ने बीस तक पहाड़े सुना दिए।
बिलंदपुर अशोक में देर से पहुंचे शिक्षक
पूरनपुर। बिलंदपुर अशोक के प्राथमिक स्कूल में इंचार्ज शिक्षक राममूर्ति, शिक्षक पंकज अग्निहोत्री, सुधाकर शर्मा व रवि भदौरिया तैनात हैं। टीम को यहां पौने दस बजे तक प्रधानाचार्य कक्ष में ताला लटका मिला। शिक्षकों के आने का सिलसिला पौने दस बजे शुरू हुआ। पंकज अग्निहोत्री करीब सवा दस बजे स्कूल पहुंचे। इंचार्ज शिक्षक ने बताया कि ठंड की वजह से स्टाफ व बच्चे लेट ही पहुंचते हैं।
इंदिरानगर स्कूल में 35 बच्चों पर तैनात पांच शिक्षक
नगर से सटे इंदिरानगर के उच्च प्राथमिक विद्यालय में 35 बच्चों पर पांच शिक्षकों तैनात हैं। चार शिक्षक पहले से तैनात थे। हाल ही में शिक्षिका शशिप्रभा तैनात कर दी गईं। वहीं उच्च प्राथमिक स्कूल अमरैया कलां में 120 बच्चों पर चार शिक्षक व तीन अनुदेशक, प्राथमिक स्कूल सुखदासपुर द्वितीय में 28 बच्चों पर तीन शिक्षक तैनात हैं।
अफसरों के आशीर्वाद से चल रही नौकरी
शेरपुर इलाके के एक स्कूल में एक शिक्षिका लंबे समय से अवकाश पर चल रही है। प्राथमिक स्कूल में तैनात शिक्षिका ने परिवीक्षा काल में ही बीस जनवरी से 14 फरवरी 2016, 19 फरवरी से दस मार्च, 23 सितंबर से 18 अगस्त का आकस्मिक अवकाश लिया। 11 नवंबर से 20 नवंबर तक गैरहाजिर रहीं। खास बात यह है कि अब शिक्षिका 21 नवंबर से नवजात बच्चे की सेवा को लेकर मार्च 2017 तक अवकाश पर हैं, लेकिन उक्त शिक्षिका का मात्र एक पुत्र है जो दस साल का है। मामला शिक्षा विभाग में चर्चा का विषय बना हुआ है, लेकिन सांठगांठ के चलते अन्य शिक्षक आवाज उठाने से कतरा रहे हैं।
बीसलपुर: 77 बच्चों पर एक शिक्षक
बीसलपुर। अमर उजाला टीम ने बीसलपुर क्षेत्र के बेसिक स्कूलों का जायजा लिया। यहां की स्थिति भी अन्य स्कूलों जैसे मिली। पूर्व माध्यमिक विद्यालय भैंसटा जलालपुर के विज्ञान शिक्षक संतोष कुमार का तबादला ब्लाक के गांव चौसर हरदोपट्टी व सहायक शिक्षक सुमेर सिंह का तबादला बिलसंडा के गांव खजुरिया में हो गया। वर्तमान में वहां 71 बच्चों पर केवल प्रधानाध्यापक जगपाल सिंह तैनात हैं। दो क्लास खाली थे। जहां बैठे बच्चे खेल रहे थे। एक क्लास में बच्चों को गुरुजी पढ़ा रहे थे। प्राथमिक विद्यालय नवदिया भगत में प्रधानाध्यापक बादशाह व शिक्षिका विद्या खिलौरिया तैनात थे। हाल ही में विद्या खिलौरिया का तबादला ब्लाक के  गांव रंपुरा नगरिया हो गया। अब यहां 62 बच्चों पर मात्र एक प्रधानाध्यापक बादशाह तैनात हैं। बोले-इन बच्चों को पढ़ाना तो दूरा इन्हें घेर कर बैठाल पाना तक मुश्किल हो रहा है। बच्चे स्कूल से बाहर न निकल जाएं इस लिए गेट पर ही खड़े रहते हैं।
बिलसंडा में 181 बच्चों पर महज एक शिक्षक
बिलसंडा। ब्लाक के प्राथमिक विद्यालय आजमपुर बरखेड़ा भी मात्र एकल शिक्षक के सहारे चल रहा है। यहां तैनात सहायक शिक्षक मिश्री लाल का तबादला पूरनपुर ब्लाक के राहुलनगर व मोहम्मद नईम का तबादला अमरिया ब्लाक के मुगलाखेड़ा में कर दिया गया। अब इस विद्यालय में प्रभारी प्रधानाध्यापक आदर्श कुमार गौतम ही रह गए हैं। इस विद्यालय में बच्चे 181 बच्चे हैं। शिक्षकों की कमी के चलते यहां मात्र 40 बच्चे ही आए थे। खाना भी मीनू के हिसाब से नहीं बनता मिला।
बीएसए ने मानी चूक हुई
बेसिक शिक्षा विभाग में शिक्षकों के स्थानांतरण में बरती गई अनियमितता को सबसे पहले अमर उजाला ने उजागर किया। शुरू में जिले के अधिकारी इससे इंकार करते रहे, लेकिन जब अमर उजाला ने अनियमितता की एक-एक करके पर्त खोलना शुरू तो अब अधिकारी अपनी चूक स्वीकारने लगे हैं। बेसिक शिक्षा अधिकारी मसऊद अख्तर अंसारी ने स्वीकार किया कि तबादलों में कुछ त्रुटियां हुईं हैं। इससे कई स्कूल एकल हो गए हैं। उन्होंने कहा कि आचार संहिता लागू होने के कारण अब वह कुछ नहीं कर सकते। चुनाव बाद त्रुटियों का सुधार कर दिया जाएगा।
sponsored links:
ख़बरें अब तक - 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती - Today's Headlines

latest updates