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टीईटी मेरिट समर्थक और टीईटी संघर्ष मोर्चा को मो अरशद का उत्तर

टी ई टी मेरिट समर्थक और टी ई टी संघर्ष मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष भाई सचिन मालिक ने कल फेसबुक पर चेतावनी दी थी की वो मेरा विरोध करेंगे और आज उन्होंने इस हेतु एक अच्छी पोस्ट भी लिखी है। विरोध करने के पीछे मुख्य वजह मेरे द्वारा एकेडेमिक मेरिट में लिखी गयी कुछ पोस्ट्स हैं।
बी टी सी की और से अधिवक्ता टी आर अन्धारुजिना हैं। टी आर अन्धारुजिना साहब को हायर करते समय हमने बी टी सी की आर्थिक रूप से कमज़ोरी का ज़िक्र किया था। बहस के दौरान वो बी टी सी की तरफ से पक्ष रखने के लिए उपस्थित रहेंगे। इसके अतिरिक्त सीनियर अधिवक्ता श्री प्रदीप कान्त सहाय हमेशा ही कोर्ट में मौजूद रहे और बी एड को याची लाभ रुकवाते हुए याचिका १०२/२०१६ पर सर्कार को नोटिस इशू भी कराया ।


प्रेम वर्मा और रविश ने १६४४८ भर्ती के दौरान धोखा दिया और शिक्षा मित्र केस का 1 लाख 75 हज़ार रुपया नही लौटाया। चूंकि यह पैसा समस्त बी टी सी से लिया गया इसमें बी टी सी 2010 , 2011 , 2012, 2013 तथा बी टी सी 2014 के भी कुछ अभ्यर्थी थे।

मैंने रविश और प्रेम वर्मा से कई बार आग्रह किया मगर उन्होंने पहले पैसा वापस करने की बात कही फिर पैसा न वापस करने की बात कही। रविश यादव का तर्क था की जब 16448 से शिक्षा मित्र की एंट्री नही रोक पाए तो पैसा वापस नही दिया जायेगा । वकील की फीस फीस होती है चाहे वो केस जीते या हारे।

16448 के चयनितों ने भी पैसा वापस करने की बात का विरोध किया और कहा की वो हमारा ही पैसा है और हमारे लिए लगा है इसलिए वह वापस नही किया जायेगा।

बी टी सी ट्रेनी वेलफेयर असोसिएशन के आर्थिक नुक्सान हुआ है और इसका जिम्मेदार मैं अकेले ही हूँ और इसकी भरपाई भी मैं भी करूँगा। मैंने पहले ही यह सोचा था की वेतन आते ही 22 फरवरी 2017 के पहले इसकी भरपाई करूँगा और सबको सूचित करूँगा । यदि २२ फरवरी तक मुझे वेतन व् एरियर नही मिलता है तो रूपये का इंतज़ाम अपने घर से करूँगा , मगर यह पैसा २२ फरवरी २०१७ से पहले लौट दिया जायेगा। मगर कल मेरा विरोध करने की धमकी देने वाले टी ई टी मेरिट समर्थक भाई सचिन मालिक ने पोस्ट लिखी तो मैंने पहले से ही इसकी सूचना सभी सहयोग करने वालों तक पहुंचाने के लिए यह पोस्ट लिखी है।

मेरा विरोध करने वाले शायद यह भूल रहे हैं की केस की शुरुआत मैंने बी टी सी के कुछ कर्मठ लोगो की आर्थिक मदद से शुरू की थी जब NCTE ने काउंटर फाइल किया और हमारी जीत पक्की हो गयी तब हमने प्रदेश स्तरीय आर्थिक सहयोग माँगा था और परिणामस्वरूप हाई कोर्ट में बी टी सी की जीत हुई और बहस के बाद सुप्रीम कोर्ट में भी इन शा अल्लाह जीत हासिल होगी।
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