अवशेष याचियों की नियुक्ति माननीय सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुपालन से ही सम्भव

1100 याचियों की मौलिक नियुक्ति के आदेश के बाद अवशेष याचियों की नियुक्ति माननीय सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुपालन से ही सम्भव है और उसी दिशा में शासन प्रक्रियाशील है जो समय आने पर सभी याचियों के समक्ष सुनहरे भविष्य के रूप में आएगा भी....

मित्रो लेकिन आज समय आ गया है जब आप अपने प्रदेश के राजनैतिक भविष्य का निर्धारण मतदान के रूप में करने जा रहे है।
अब विचार करने का समय आ गया है कि क्या हम अपने 5 वर्ष के अंधकारमय भविष्य को भूल जाये और एक बार फिर अपने सुनहरे भविष्य की बागडोर समाजवादी (अखिलेश) के हाथो में सौंप दे????? जिन्होने लगातार 5 वर्षो तक हाई कोर्ट से सुप्रीम कोर्ट तक लगातार निम्न शिक्षण गुणवत्ता (अकादमिक व शिक्षा मित्र) का समर्थन किया।
दूसरी तरफ यदि" अंत भला तो सब भला" कहावत को चरितार्थ करने वाली सरकार की नीति को एक पल के लिए मान भी लिया जाये तो ये कंफर्म है अभी तक सरकार की तरफ से ऐसा कोई भी फैसला अथेंटिक रूप से हमारे पक्ष में लिया नही दिख रहा..... हाँ जबकि आज अंतिम समय तक हम सरकार की तरफ कातर निगाहों से अनुग्रह की अपेक्षा रखे हुए है.....
मित्रो आप सभी बुद्धिजीवी वर्ग से है तो ज्यादा बताने की जरुरत नही...
आज आचार संहिता के दौर में सरकार और हम बेरोजगारो का पड़ला बराबर पर है सरकार जैसा हमारे साथ करेगी उसका फीडबैक हम उसे तुरंत देने को तैयार खड़े है.....
धन्यवाद
रवि शुक्ल।जौनपुर
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