शिक्षामित्रों के जख्मों पर नमक: सोशल मीडिया पर फर्जी शासनादेश किया गया था पोस्ट, शासन ने बताया अफवाह

जागरण संवाददाता, : शिक्षामित्रों का मानदेय बढ़ाए जाने की अफवाह से मंगलवार को खलबली मच गई। सोशल मीडिया पर यह खबर आग की तरह फैल गई। शिक्षामित्रों को पहले तो लगा कि कुछ न होने से अच्छा है मानदेय बढ़ा, लेकिन सोशल मीडिया पर जारी शासनादेश फर्जी साबित हुआ।
हालांकि शिक्षामित्र पूर्व में सहायक अध्यापक पद पर रहते मिल रहे वेतन से कम पर राजी नही हैं और सहायक अध्यापक पद पर बहाली की मांग भी कर रहे हैं। पत्रंक संख्या व सचिव के हस्ताक्षर होने से पहले तो सभी को यकीन हो गया कि शासन ने मानदेय बढ़ाया लेकिन बाद में लखनऊ स्तर से पुष्टि हुई कि यह फर्जी है।
सुप्रीम कोर्ट से समायोजन रद होने के बाद शिक्षामित्र एक सप्ताह तक पिछले दिनों सहायक अध्यापक पद पर बहाली के लिए आंदोलन पर रहे। शिक्षक सेवा नियमावली में संशोधन व पूर्व की तरह वेतन की मांग करते रहे। इस बीच सहायक अध्यापक पद पर बहाली न करके सिर्फ मानदेय बढ़ाए जाने की खबर से शिक्षामित्र एसोसिएशन के सचिव अजरुन सिंह ने बताया कि प्रदेश सचिव से वार्ता की गई, जिसमें उन्होंने शासन की ओर से इस तरह का कोई पत्र जारी नहीं करने की जानकारी दी है।
उन्होंने बताया कि इस संबंध में शासन स्तर से जांच भी बैठ गई है। शिक्षामित्र जयवेंद्र पांड ने कहा कि सरकार शिक्षामित्र को शिक्षक का दर्जा देने को अध्यादेश लाने पर विचार कर रही है। हालांकि मानदेय बढ़ने का शासनादेश किसी ने सोशल मीडिया पर फर्जी पोस्ट किया है लेकिन मानदेय बढ़ाया जाता है तो कतई भी मंजूर नहीं होगा। शिक्षामित्र पंकज शर्मा ने बताया कि 15 अगस्त तक का इंतजार कर रहे हैं, अगर शिक्षामित्रों के हित में सरकार विचार नहीं करती है तो आंदोलन फिर होगा।
सम्भल जिले में भी सुबह से शाम तक रही ऊहापोह की स्थिति
जासं, सम्भल : समायोजित शिक्षामित्रों का समायोजन रद्द होने के बाद सरकार ने उनके हित में कदम उठाने का आश्वासन देकर आंदोलन स्थगित कराया था। आंदोलन स्थगित होने के सप्ताहभर बाद बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव द्वारा के नाम से फर्जी पत्र सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया जिसे लेकर शिक्षामित्रों में दिनभर ऊहापोह की स्थिति रही। उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षामित्र संघ के जिला प्रवक्ता र¨वद्र खारी ने बताया कि बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव संजय सिंह के नाम से किसी ने फर्जी पत्र बनाकर सोशल मीड़यिा पर अपलोड़ कर दिया है। उनसे फोन पर बात हुई तो बताया कि उन्होंने इस प्रकार का कोई पत्र जारी नहीं किया है। सभी शिक्षामित्र धैर्य बनाए रखें सरकार उनके हित में ही फैसला लेगी। ोसिक शिक्षा अधिकारी डॉ. सत्यनारायण ने बताया कि सोशल मीड़िया पर फर्जी तरीके से बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव के नाम से पत्र अपलोड़ करने की कोई जानकारी नहीं है। शासन से निर्देश मिलने पर उसी के अनुरुप कार्य किया जाएगा। अभी शिक्षामित्र किसी के बहकावे में नहीं आएं।’
>>25 जुलाई को कोर्ट ने निरस्त कर दिया था शिक्षामित्रों का समायोजन
’>>प्रदेशभर में आंदोलन के बाद सरकार ने दिया था आश्वासन

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