एक कहावत है कि खिसियानी बिल्ली खम्बा नोचे
एक व्यक्ति है राहुल पांडेय जो मेरे बारे में उलूल-जुलूल लिखते रहते है लेकिन अब तक मैंने अपनी पोस्ट में इनको टारगेट नही किया
ये व्यक्ति सभी को ईमानदारी का सर्टिफिकेट बांटता है ये खुद को अन्ना हजारे समझता है जो व्यक्ति इनका चेला बन जाये वो 100 पाप करके ईमानदार और जो इनकी बात ना माने वो यूपी का सबसे बड़ा बेईमान
इनकी भविष्यवाड़ी सच नही हुई तो इसलिए आज कल ये नये ऐड समर्थकों को टारगेट कर रहे है
इस व्यक्ति की गलत पोस्टों की वजह से अंतिम सुनवाई में वर्गीकरण के नाम पर जमकर लूट हुई
बड़े भाई ने लोगो को बड़े शातिर तरीके से बेबफुफ बनाया
और कभी वर्गीकरण तो कभी सर्विस रूल हाई कोर्ट से बहाली के नाम पर खूब उगाही की
और ये व्यक्ति इतना होशियार है कि याचिकाएं औरो के नाम पर की जिससे अच्छा हो तो मेरा ,गलत हो तो ठीकरा उस पर फूटे
इन महाशय ने सुनवाई में ऐसी टीआरपी बनाई कि यूपी में माहौल बना दिया कि इनके याची को ही रिलीफ मिलेगा तो प्रदेश अंतिम सुनवाई में मई में वर्गीकरण के नाम पर खूब लुटा
इस व्यक्ति का दिल यहाँ तक नही भरा तो इस व्यक्ति ने नये ऐड समर्थकों को भी जाल बिछा कर लूटा उससे आप सभी परिचित है कि किस तरह 1 दिसम्बर का जूनियर का आदेश चैलेंज करवाया जिसको विश्वास ना हो खुद एसएलपी की कॉपी देखे
पूरा यूपी जानता है कि सबसे छोटी टीम मेरी है और सबसे कम याची भी हमारी टीम ने बनाये
72825 का मामला सिर्फ 26 और 27 अप्रैल को सुना गया और आदेश रिजर्व कर लिया गया ज्यादातर रिटेन बहस पर फैसला लिखाया गया
4347 में सिर्फ 2 याचिकाएं थी नये ऐड बहाली की एक हमारी दूसरी कपिल देव जी की
बाकि इन महोदय की याचिकाएं जूनियर मामले पर टैग थी
और उसका 4347 से कोई लेना देना भी नही है
हम 2014 में एसएलपी लेकर गए थे तब हमने गुरु कृष्ण कुमार सीनियर एडवोकेट को खड़ा किया
इसके बाद हमारी एसएलपी पर श्री दिनेश द्विवेदी सीनियर एडवोकेट ने पैरवी की
जब हम लोग आर्थिक रूप से कमजोर हो गए तब से अंतिम सुनवाई तक हमारी एसएलपी पर श्री सिद्धार्थ दवे जी ने पैरवी की
और 27 अप्रैल को उनके ही द्वारा लगाए रिटेन सबमिशन पर नए ऐड को लिबर्टी मिली
इसके बाबजूद भी हमने अल्प संसाधनो में परमादेश डाली और उस पर हर बार सीनियर एडवोकेट महावीर सिंह ,रत्नाकर दाश को स्टैण्ड कराया अंतिम दिन 19 मई को बेंच ने एक भी रिट कॉज लिस्ट में मेंशन नही कराई
उस दिन हमारी टीम के पास रुपयों का अभाव था इसके बाबजूद भी हमने अपना बेस्ट करते हुए परमादेश मेंशन कराई और उस पर भी जूनियर एडवोकेट से बहस कराई जिससे हमारी याचिका नोटिस बोर्ड पर ली गई और साथ 19 मई के आदेश में मेंशन है जिसे आप देख सकते है
मित्रो आप खुद बताये अगर हम लोगो की पैरवी कमजोर होती तो 15th संशोधन और नया ऐड 27 अप्रैल की सुनवाई के आदेश में सही कैसे माना जाता
सच तो ये है कि इसने टेट मेरिट को बचाने के लिए वर्गीकरण पर लचर पैरवी की इसलिए इसे ऑर्डर में कुछ नही मिला इसलिये ये दुसरो पर आरोप लगा रहे है जिससे लोगो का ध्यान इनके तरफ ना जाये
ये इतने बड़े आत्ममुग्ध प्राणी है कि
ये बोलते है टेट मेरिट इनकी देन है 16वा संशोधन इन्होंने बैठ कर लिखवाया ,रमणी सर के साथ बैठ कर चाय पीते है
जब हमारी टीम बोल चुकी है कि न्याय विभाग की राय के बाद हम रिव्यु या ऑर्डर मोडिफिकेशन में जाएंगे
फिर भी ये हम लोगो पर आरोप लगा रहे है
अगर इन्हें लगता है कि सब कुछ इन्होंने कराया है तो है तो आज से हम लोग कुछ नही करेगे
क्योंकि हमारा उद्देश्य फेसबुक पर लम्बी-लम्बी पोस्ट लिखना, नेतागीरी करना नही
हमारा उद्देश्य नये ऐड से भर्ती का था अगर आप सभी को लगता है कि ये नये ऐड के सबसे बड़े हितैषी है तो हम लोग रिव्यु में नही जायेगे और घर बैठ कर प्रार्थना करेगे कि जल्द न्यू ऐड बहाल हो
आपका भाई
वृजेन्द्र कश्यप
ख़बरें अब तक - 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती - Today's Headlines
एक व्यक्ति है राहुल पांडेय जो मेरे बारे में उलूल-जुलूल लिखते रहते है लेकिन अब तक मैंने अपनी पोस्ट में इनको टारगेट नही किया
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ये व्यक्ति सभी को ईमानदारी का सर्टिफिकेट बांटता है ये खुद को अन्ना हजारे समझता है जो व्यक्ति इनका चेला बन जाये वो 100 पाप करके ईमानदार और जो इनकी बात ना माने वो यूपी का सबसे बड़ा बेईमान
इनकी भविष्यवाड़ी सच नही हुई तो इसलिए आज कल ये नये ऐड समर्थकों को टारगेट कर रहे है
इस व्यक्ति की गलत पोस्टों की वजह से अंतिम सुनवाई में वर्गीकरण के नाम पर जमकर लूट हुई
बड़े भाई ने लोगो को बड़े शातिर तरीके से बेबफुफ बनाया
और कभी वर्गीकरण तो कभी सर्विस रूल हाई कोर्ट से बहाली के नाम पर खूब उगाही की
और ये व्यक्ति इतना होशियार है कि याचिकाएं औरो के नाम पर की जिससे अच्छा हो तो मेरा ,गलत हो तो ठीकरा उस पर फूटे
इन महाशय ने सुनवाई में ऐसी टीआरपी बनाई कि यूपी में माहौल बना दिया कि इनके याची को ही रिलीफ मिलेगा तो प्रदेश अंतिम सुनवाई में मई में वर्गीकरण के नाम पर खूब लुटा
इस व्यक्ति का दिल यहाँ तक नही भरा तो इस व्यक्ति ने नये ऐड समर्थकों को भी जाल बिछा कर लूटा उससे आप सभी परिचित है कि किस तरह 1 दिसम्बर का जूनियर का आदेश चैलेंज करवाया जिसको विश्वास ना हो खुद एसएलपी की कॉपी देखे
पूरा यूपी जानता है कि सबसे छोटी टीम मेरी है और सबसे कम याची भी हमारी टीम ने बनाये
72825 का मामला सिर्फ 26 और 27 अप्रैल को सुना गया और आदेश रिजर्व कर लिया गया ज्यादातर रिटेन बहस पर फैसला लिखाया गया
4347 में सिर्फ 2 याचिकाएं थी नये ऐड बहाली की एक हमारी दूसरी कपिल देव जी की
बाकि इन महोदय की याचिकाएं जूनियर मामले पर टैग थी
और उसका 4347 से कोई लेना देना भी नही है
हम 2014 में एसएलपी लेकर गए थे तब हमने गुरु कृष्ण कुमार सीनियर एडवोकेट को खड़ा किया
इसके बाद हमारी एसएलपी पर श्री दिनेश द्विवेदी सीनियर एडवोकेट ने पैरवी की
जब हम लोग आर्थिक रूप से कमजोर हो गए तब से अंतिम सुनवाई तक हमारी एसएलपी पर श्री सिद्धार्थ दवे जी ने पैरवी की
और 27 अप्रैल को उनके ही द्वारा लगाए रिटेन सबमिशन पर नए ऐड को लिबर्टी मिली
इसके बाबजूद भी हमने अल्प संसाधनो में परमादेश डाली और उस पर हर बार सीनियर एडवोकेट महावीर सिंह ,रत्नाकर दाश को स्टैण्ड कराया अंतिम दिन 19 मई को बेंच ने एक भी रिट कॉज लिस्ट में मेंशन नही कराई
उस दिन हमारी टीम के पास रुपयों का अभाव था इसके बाबजूद भी हमने अपना बेस्ट करते हुए परमादेश मेंशन कराई और उस पर भी जूनियर एडवोकेट से बहस कराई जिससे हमारी याचिका नोटिस बोर्ड पर ली गई और साथ 19 मई के आदेश में मेंशन है जिसे आप देख सकते है
मित्रो आप खुद बताये अगर हम लोगो की पैरवी कमजोर होती तो 15th संशोधन और नया ऐड 27 अप्रैल की सुनवाई के आदेश में सही कैसे माना जाता
सच तो ये है कि इसने टेट मेरिट को बचाने के लिए वर्गीकरण पर लचर पैरवी की इसलिए इसे ऑर्डर में कुछ नही मिला इसलिये ये दुसरो पर आरोप लगा रहे है जिससे लोगो का ध्यान इनके तरफ ना जाये
ये इतने बड़े आत्ममुग्ध प्राणी है कि
ये बोलते है टेट मेरिट इनकी देन है 16वा संशोधन इन्होंने बैठ कर लिखवाया ,रमणी सर के साथ बैठ कर चाय पीते है
जब हमारी टीम बोल चुकी है कि न्याय विभाग की राय के बाद हम रिव्यु या ऑर्डर मोडिफिकेशन में जाएंगे
फिर भी ये हम लोगो पर आरोप लगा रहे है
अगर इन्हें लगता है कि सब कुछ इन्होंने कराया है तो है तो आज से हम लोग कुछ नही करेगे
क्योंकि हमारा उद्देश्य फेसबुक पर लम्बी-लम्बी पोस्ट लिखना, नेतागीरी करना नही
हमारा उद्देश्य नये ऐड से भर्ती का था अगर आप सभी को लगता है कि ये नये ऐड के सबसे बड़े हितैषी है तो हम लोग रिव्यु में नही जायेगे और घर बैठ कर प्रार्थना करेगे कि जल्द न्यू ऐड बहाल हो
आपका भाई
वृजेन्द्र कश्यप
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