*हाई कोर्ट इलाहाबाद* ग्रेडिंग में 15 मिनट सुनवाई हुई जिसमे अधिकतर समय ओझा जी ने ही बर्बाद किया लेकिन जज साब को संतुष्ट नहीं कर पाए । 12 बैच में ग्रेडिंग लगवा रहे हैं ओझा जी ।
सिर्फ समय बर्बाद कर रहे हैं और कुछ नहीं । जज साब प्रशिक्षण देने वाली संस्था pnp को कल कोर्ट में उपस्थित होकर प्रशिक्षण की पूरी जानकारी देनी होगी कि उसने 12 और 13 का प्रशिक्षण कैसे करवाया और मार्किंग कैसे की है ।
कल मामले को फिर से सुनने के लिए लगा दिया गया है
#ग्रेडिंग_केस_फ़ाइनल_अप्डेट।
आज की सुनवाई में Btc 2013 की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता राधाकांत ओझा जी तथा दूसरी अपील पर जूनियर अधिवक्ता तरुण अग्रवाल बहस के लिए उपस्थित रहे।
आज विपक्षी अधिवक्ता अशोक खरे दो बार सुनवाई हेतु उपस्थित नही रहे। लंच के बाद केस लगने के उपरांत खरे साहब भी आ गए। राधाकांत ओझा जी ने बहस की शुरुआत की, ओझा जी ने वर्ष 2006 से पहले के प्रशिक्षण के प्रारूप और उसके बाद 2012 और 2013 बैच के प्रशिक्षण और मूल्याँकन की चर्चा की।
इसके अतिरिक्त पूरी बहस के दौरान ओझा जी ने जज साहब को यह समझाया कि ग्रेड और डिविज़न क्या है..
कुल मिलाकर लगभग 20 मिनट बहस हुई और आज राधाकांत ओझा जी यह समझाने में सफल रहे कि ग्रेड और डिविज़न दोनो अलग-अलग चीज़ें हैं।
अब कल इसके आगे बहस होगी और कल मुकदमा फ़ाइनल हो जायेगा। निश्चित रूप से आज का दिन सकारात्मक रहा।
#नोट- अफ़वाहों पर ध्यान देने वाले लोगों से अनुरोध है कि अपने विवेक का प्रयोग करिये, राधाकांत ओझा जी की बहस सार्थक और सही थी।
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सिर्फ समय बर्बाद कर रहे हैं और कुछ नहीं । जज साब प्रशिक्षण देने वाली संस्था pnp को कल कोर्ट में उपस्थित होकर प्रशिक्षण की पूरी जानकारी देनी होगी कि उसने 12 और 13 का प्रशिक्षण कैसे करवाया और मार्किंग कैसे की है ।
कल मामले को फिर से सुनने के लिए लगा दिया गया है
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आज की सुनवाई में Btc 2013 की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता राधाकांत ओझा जी तथा दूसरी अपील पर जूनियर अधिवक्ता तरुण अग्रवाल बहस के लिए उपस्थित रहे।
आज विपक्षी अधिवक्ता अशोक खरे दो बार सुनवाई हेतु उपस्थित नही रहे। लंच के बाद केस लगने के उपरांत खरे साहब भी आ गए। राधाकांत ओझा जी ने बहस की शुरुआत की, ओझा जी ने वर्ष 2006 से पहले के प्रशिक्षण के प्रारूप और उसके बाद 2012 और 2013 बैच के प्रशिक्षण और मूल्याँकन की चर्चा की।
इसके अतिरिक्त पूरी बहस के दौरान ओझा जी ने जज साहब को यह समझाया कि ग्रेड और डिविज़न क्या है..
कुल मिलाकर लगभग 20 मिनट बहस हुई और आज राधाकांत ओझा जी यह समझाने में सफल रहे कि ग्रेड और डिविज़न दोनो अलग-अलग चीज़ें हैं।
अब कल इसके आगे बहस होगी और कल मुकदमा फ़ाइनल हो जायेगा। निश्चित रूप से आज का दिन सकारात्मक रहा।
#नोट- अफ़वाहों पर ध्यान देने वाले लोगों से अनुरोध है कि अपने विवेक का प्रयोग करिये, राधाकांत ओझा जी की बहस सार्थक और सही थी।
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