सिद्धार्थनगर : बेसिक शिक्षा अधिकारी राम ¨सह ने मंगलवार को लोटन ब्लाक
के करमैनी प्राथमिक विद्यालय का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान
विद्यालय पर कार्यरत शिक्षिका तैनाती के बाद से लगातार अनुपस्थित पाई गईं।
इसी विद्यालय पर कार्यरत शिक्षामित्र कुसुम नंदनी भी अप्रैल 2017 से अब तक
विद्यालय पर पढ़ाने नहीं आईं। रजिस्टर पर उनका हस्ताक्षर नहीं पाया गया।
बीएसए ने दोनों का वेतन/ मानदेय बाधित कर दिया। उन्होंने ग्रामीणों व
विद्यालय में पढ़ाई करने वाले बच्चों से जानकारी प्राप्त की। इस विद्यालय
का प्रभार देख रहे प्रावि धरमौली के सहायक अध्यापक महेंद्र पाडेय किसी
योजना का संचालन सही तरीके से न करने के दोषी पाए गए। बीएसए ने ग्रामीणों
के बयान का वीडियो भी तैयार कराया।
बीएसए राम ¨सह मंगलवार को प्राथमिक विद्यालय करमैनी पहुंचे। उस वक्त
विद्यालय पर रसोइया और बच्चे ही मौजूद मिले। कुछ देर बाद शिक्षामित्र अशोक
कुमार दूबे विद्यालय पर आए। बीएसए ने जांच के दौरान पाया कि यहां तैनात
सहायक अध्यापिका श्रीमती मोरिस रानी तैनाती के बाद से अब तक विद्यालय पर एक
बार भी नहीं आई हैं। उपस्थित पंजिका में उनका नाम दिसंबर 2017 के बाद
जनवरी व फरवरी 2018 तक ही दर्ज मिला। इसके पश्चात उपस्थित पंजिका में उनका
नाम दर्ज नहीं था। यही स्थिति शिक्षामित्र कुसुम नंदनी की भी रही। वह
अप्रैल 2017 से अब तक विद्यालय पर नहीं आईं थीं। बीएसए ने बताया कि इस
विद्यालय का प्रभार धरमौली के प्रधानाध्यापक महेंद्र पांडेय के पास था।
उन्होंने शिक्षक और शिक्षामित्र के लगातार गैरहाजिर रहने की जानकारी विभाग
को नहीं दी। विद्यालय पर शासन की योजनाओं को सही तरीके से लागू नहीं किया।
विद्यालय में पढ़ने वाले बच्चों में पुस्तक, ड्रेस, बैग का वितरण तक नहीं
कराया। बीएसए ने मामले में उन्हें भी दोषी माना। बीएसए ने मामले की जांच
सहायक वित्त एवं लेखाधिकारी की अध्यक्षता में खंड शिक्षा अधिकारी
डुमरियागंज और नौगढ़ को सौंपी है। बीएसए ने जांच रिपोर्ट एक सप्ताह में
उपलब्ध कराने का आदेश दिया है।
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