इलाहाबाद : परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय को इस बार नई व्यवस्था
के तहत उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन कराना भारी पड़ रहा है। प्रदेश के 12
जिलों से मूल्यांकन के अंक न आने से के करीब दो लाख प्रशिक्षुओं का परिणाम
फंसा है।
सचिव ने इन जिलों के डायट प्राचार्यो को निर्देश दिया है कि वे
हर हाल में 31 अगस्त तक अंक चिट भेज दें अन्यथा वे इसके लिए जिम्मेदार
होंगे।
प्रदेश भर के जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान यानी डायट व निजी कालेजों
में करीब दो लाख अभ्यर्थियों को प्रवेश दिया गया। इन प्रशिक्षुओं की प्रथम
सेमेस्टर की परीक्षा कराई गई और उत्तर पुस्तिकाओं की संख्या अधिक होने के
कारण मूल्यांकन सभी डायट मुख्यालयों पर कराया गया। सचिव ने 10 जुलाई को ही
निर्देश दिया कि प्राचार्य अंक चिट तीन प्रतियों में बनवाएं। उनमें से दो
प्रतियां मूल्यांकन खत्म होते ही परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय को
भेजी जाएं। 21 अगस्त को फिर आदेश दिया कि 24 अगस्त तक अंक चिट भिजवा दी
जाए। उसके बाद भी बलिया, फतेहपुर, गाजीपुर, इलाहाबाद, कौशांबी, महोबा,
बरेली, मैनपुरी, हाथरस, आगरा, बदायूं और लखनऊ जिले से मूल्यांकन के अंक
नहीं भेजे गए हैं। इससे का रिजल्ट तैयार नहीं हो पा रहा है। सचिव ने कहा है
कि यह कार्य प्राचार्यो की उदासीनता का द्योतक है। इसे हर हाल में 31
अगस्त तक भेजा जाए।
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