परीक्षाओं में कर लाखों अभ्यर्थियों के भविष्य से खिलवाड़ कर रहे उप्र
लोकसेवा आयोग यानी ने आखिर पीसीएस परीक्षा 2017 को भी नहीं छोड़ा। मुख्य
परीक्षा में प्रश्नपत्र वितरण में को लेकर चेयरमैन व परीक्षा नियंत्रक की
भूमिका की जांच के न्यायिक आदेश के बाद यह परीक्षा भी विवादित हो गई है।
इसमें करीब 10 हजार से अधिक अभ्यर्थी प्रभावित होंगे। परीक्षा का परिणाम
समय से आ पाएगा, इस पर भी संदेह है। एसएसपी को जांच की जिम्मेदारी दिए जाने
से पर सीबीआइ जांच के साथ ही जिला पुलिस का शिकंजा भी कसना तय
है।1इलाहाबाद की सीजेएम कोर्ट ने उप्र लोकसेवा आयोग यानि के चेयरमैन
अनिरुद्ध यादव, परीक्षा नियंत्रक अंजू कटियार समेत अन्य की जांच के लिए
एसएससी को जिम्मेदारी सौंपी है। पीसीएस (मुख्य) परीक्षा 2017 में दूसरे दिन
19 जून को इलाहाबाद के परीक्षा केंद्र राजकीय इंटर कालेज में प्रथम पाली
में सामान्य हंिदूी की बजाए निबंध का प्रश्नपत्र वितरित कर दिया गया था।
इसको लेकर ने संबंधित अधिकारियों, परीक्षा केंद्र, पिंट्रिंग प्रेस पर बड़ी
कार्रवाई कर अपनी पीठ थपथपा ली लेकिन, इस के लिए सीधे जिम्मेदार के
चेयरमैन की लापरवाही को लेकर सब मौन साधे रहे। ऐसे में कुछ अभ्यर्थियों की
ओर से सीजेएम कोर्ट में इस मामले की अर्जी देने और उसे प्रथम दृष्टया
संज्ञान लेकर एसएसपी से आख्या मांगने के आदेश ने की बड़ी लापरवाही को उजागर
कर दिया है। 1गौरतलब है कि चेयरमैन अनिरुद्ध सिंह यादव पर पहले भी
परीक्षाओं में के गंभीर आरोप लगते रहे हैं। उन पर पूर्व अध्यक्ष डा. अनिल
यादव की विवादित कार्यशैली को ही अपनाने, मनमाने निर्णय लेने के आरोप लगे
हैं। इसीलिए डा. अनिल यादव के बाद अनिरुद्ध सिंह भी अभ्यर्थियों के सीधे
निशाने पर रहे। 1सीजेएम कोर्ट से चेयरमैन व परीक्षा नियंत्रक की जांच के
आदेश के बाद पर पुलिस का शिकंजा भी कस सकता है जबकि भर्तियों की सीबीआइ
जांच पहले से चल रही है। जिसके चलते पीसीएस परीक्षा 2017 का परिणाम भी देर
से आने की आशंका है।’
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