अंबेडकर नगर, 13 सितम्‍बर । प्राथमिक शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से राज्य परियोजना कार्यालय द्वारा किये जा रहे प्रयासों पर जिले का बेसिक शिक्षा महकमा पानी फेरने में लगा है।
शिक्षा के संवर्धन के लिए परियोजना द्वारा भेजी गयी धनराशि का किस प्रकार दुरूपयोग किया जा रहा है इसकी बानगी इस जिले से बेहतर शायद ही कंही देखने को मिले। बावजूद इसके सम्बंधित अधिकारी अपने काले कारनामो को कथित रूप से ईमानदारी की चादर से ढकने का असफल प्रयास करते देखे जा रहे हैं।

 गौरतलब है कि जनवरी माह की 18 तारीख को राज्य परियोजना कार्यालय ने जिले के प्रत्येक विकास खंड के दस - दस प्राथमिक स्कूलों में शिक्षा के संवर्धन के लिए साढ़े उन्नीस हजार रूपये प्रति विद्यालय की दर से धनराशि प्रेषित की थी।इस धनराशि के माध्यम से स्कूलों में लाइब्रेरी की स्थापना की जानी थी जिससे छात्रों को उनकी आवश्यकता के अनुरूप ज्ञान वर्धक पुस्तके उपलब्ध हो सकें। इस योजना के तहत जिले के 100 स्कूलों में कुल साढ़े उन्नीस लाख रूपये की धनराशि भेजी गयी थी। इस धनराशि को सम्बन्धित स्कूलों के खाते में भेजी जानी थी लेकिन आठ माह बाद भी यह धनराशि अभी तक सम्बन्धित स्कूलों के खाते में नहीँ भेजी गयी है। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी अतुल कुमार सिंह के संज्ञान में भी यह प्रकरण पखवारे भर पूर्व आ चुका है लेकिन आज तक इस धनराशि का पता नही चल सका है। सवाल यह है कि लाखों रूपये की यह धनराशि कहां गायब हो गयी। आठ माह से इस धनराशि का उपभोग कँहा किया जा रहा है।साफ़ है कि इस धनराशि को स्कूलों के खाते में न भेजकर बड़े पैमाने पर खेल किये जाने की संभावना है। इस धनराशि के उपभोग पर विभाग में कोई कुछ कहने की स्थिति में नही दिख रहा है। कुल मिलाकर लाखो की इस धनराशि का दुरुपयोग किये जाने की प्रबल संभावना है।

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