जागरण संवाददाता, बरेली : परिषदीय स्कूल शिक्षकों की मनमर्जी से
संचालित हो रहे हैं। बीएसए ने निरीक्षण किया तो सच्चाई सामने आई। जिसके बाद
समय से पहले स्कूल बंद करने पर एक हेडमास्टर की सालाना वेतन वृद्धि रोक
दी, जबकि दूसरी प्रधानाध्यापिका को प्रतिकूल प्रविष्टि दी गई है। जो अन्य
शिक्षक, स्टाफ समय से पहले चले गए, उनका एक दिन का वेतन काटा जा रहा।
सोमवार दोपहर को बीएसए भैरपुरा के प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालय
पहुंची। दोनों ही विद्यालय एक ही परिसर में थे। यहां तीन बजे से पहले ही
छुट्टी कर दी गई। इक्का-दुक्का था जोकि ताला लगाने की तैयारी में था।
प्राथमिक विद्यालय में हेड शकील अंजुम व शिक्षक अरविंद विश्वकर्मा जाने
की तैयारी में थे। जबकि सहायक अध्यापिका प्रीति गंगवार, प्रीति कुमारी,
शिक्षामित्र ईश्वर वती व मंजू प्रभाकर पहले ही निकल चुके थे। वहीं, उच्च
प्राथमिक विद्यालय में सहायक अध्यापिका ममता रानी, रीना, अनुराग शर्मा,
अनुदेशक श्वेता शर्मा व चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी रेशम सक्सेना समय से पहले
ही विद्यालय छोड़ चुके थे। प्रधानाध्यापिका ममता रानी शर्मा भी ताला बंद
करने वाली थीं।
वार्डन की गैर हाजिरी पर किया जवाब तलब
बरेली : बीएसए ने दमखोदा के कस्तूरबा स्कूल का निरीक्षण किया तो वार्डन
के गैरहाजिर होने पर नोटिस भेजकर जवाब तलब किया। वहीं, शेरगढ़ के कस्तूरबा
स्कूल में कर्मचारी नहीं थे। बताया गया कि वे स्कूल के कार्य से गए हैं।
जिस पर आवागमन रजिस्ट्रर में ब्यौरा दर्ज करके ही बाहर जाने के निर्देश
दिए। अवकाश के बाद घर से वापस नहंीं आने के कारण दोनों विद्यालयों में
छात्राओं की संख्या काफी कम मिलने पर छात्राओं को जल्द बुलाने के निर्देश
दिए।
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