पीसीएस परीक्षा में पहली बार होगी माइनस मार्किंग, सावधानी के लिए सोशल मीडिया का सहारा

प्रयागराज : उप्र लोकसेवा आयोग (यूपीपीएससी) की पीसीएस/ एसीएफ-आरएफओ (प्रारंभिक) परीक्षा 2018 में रिक्त पदों की संख्या सर्वाधिक होने से उत्साहित अभ्यर्थियों को सवालों का उत्तर देने में सावधानी भी बरतनी होगी क्योंकि इस परीक्षा में भी माइनस मार्किंग लागू रहेगी।
ज्ञात हो कि यूपीपीएससी ने इसी वर्ष से परीक्षाओं में माइनस मार्किंग की व्यवस्था लागू की है। पीसीएस की यह पहली परीक्षा है, जिसमें यह नियम जारी रहेगा। 1नई व्यवस्था में स्पष्ट है कि एक गलत उत्तर देने पर सही उत्तर से एक तिहाई (0.33) अंक काट लिए जाएंगे। हालांकि पीसीएस परीक्षा में पहले से शामिल होते आ रहे अभ्यर्थियों ने प्रश्नपत्र हल करने का खाका उसी हिसाब से खींच लिया है इस नियम से उन्हें प्रश्नपत्र हल करने में सतर्क रहना होगा। यूपीपीएससी की ओर से 28 अक्टूबर को प्रदेश के 29 जिलों में होने जा रही परीक्षा में पीसीएस संवर्ग के अब तक के सर्वाधिक पद हैं। कुल 831 रिक्तियों में एसडीएम के 119 पद शामिल हैं। शायद इसीलिए सबसे अधिक छह लाख 37 हजार अभ्यर्थी इसमें पंजीकृत हैं। इससे उत्साहित उन अभ्यर्थियों ने इस बार नौकरी पक्की होने की उम्मीद भी लगा ली है जो पहले से पीसीएस परीक्षा देते आए हैं लेकिन, चयनित नहीं हो सके। लेकिन, यूपीपीएससी की नई व्यवस्था इस उत्साह को खबरदार भी कर रही है। पीसीएस परीक्षा में 2017 तक माइनस मार्किंग नहीं थी, जबकि यूपीएससी का पैटर्न अपनाते हुए 2018 की हो रही परीक्षा में कई बदलाव हुए हैं। सचिव जगदीश का कहना है पीसीएस की प्रारंभिक परीक्षा में माइनस मार्किंग पहली बार लागू हो रही है

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