एक तो परीक्षा नियामक प्राधिकारी सचिव ने नियम के मुताबिक आपत्ति का समय नही दिया वहीं दूसरी तरफ दिया भी तो 1 दिन का और उसमे भी सचिव ने कलाकारी कर दी।
अब बात मुद्दे की---
सचिव ने ईमेल पर आपत्ति तो मांगी लेकिन मेल आईडी पर काउंटर लगा दिया अर्थात एक निश्चित संख्या में ही उनको मेल रिसीव होगी बाकी की मेल औटोमैटिक रिजेक्ट या अन डिलिवर्ड हो जाएगी।
ये हरकत सचिव PNP की तरफ से प्रदेश के टेट 18 के अभ्यर्थियों को बेवकूफ बनाने के लिए की गई। टीम के 5 सदस्यों की मेल वापस आ गई। कल के दिन जब भी कोर्ट में टेट 18 का केस जाएगा तो सचिव साहब सीधे कह देंगे कि उनके पास आपत्ति ही नही आईं। आश्चर्य तो तब हुआ कि जब उन्होंने आज स्टेटमेंट दिया कि मात्र 4 हजार आपतियाँ ही उनके पास पहुंची। प्रदेश में 17 लाख लोग परीक्षा में बैठे,आपतियाँ सिर्फ 4 हजार। हद हो गई बेवकूफ बनाने की।
अब बात मुद्दे की---
सचिव ने ईमेल पर आपत्ति तो मांगी लेकिन मेल आईडी पर काउंटर लगा दिया अर्थात एक निश्चित संख्या में ही उनको मेल रिसीव होगी बाकी की मेल औटोमैटिक रिजेक्ट या अन डिलिवर्ड हो जाएगी।
ये हरकत सचिव PNP की तरफ से प्रदेश के टेट 18 के अभ्यर्थियों को बेवकूफ बनाने के लिए की गई। टीम के 5 सदस्यों की मेल वापस आ गई। कल के दिन जब भी कोर्ट में टेट 18 का केस जाएगा तो सचिव साहब सीधे कह देंगे कि उनके पास आपत्ति ही नही आईं। आश्चर्य तो तब हुआ कि जब उन्होंने आज स्टेटमेंट दिया कि मात्र 4 हजार आपतियाँ ही उनके पास पहुंची। प्रदेश में 17 लाख लोग परीक्षा में बैठे,आपतियाँ सिर्फ 4 हजार। हद हो गई बेवकूफ बनाने की।