69000 शिक्षक भर्ती और बीएड मुद्दा: राजवसु यादव की कलम से

*सभी संघर्षशील जुझारू और अपने हित के लिए लड़ने वाले संघर्ष के साथियों को राज वसु यादव का नमस्कार।*


साथियों अभी काफी अफवाह उड़ाई गई आप सभी लगातार सोशल मीडिया पर देख रहे होंगे सभी अपना अपना ज्ञान और केवल सोशल मीडिया पर लिखकर टाइप कर देते हैं और बाहर से समर्थन दे देते हैं कि हम तुम्हारे साथ हैं लेकिन मैं आपको पहले भी बता चुका हूं और अब भी बता रहा हूं शुरू से बताता आया हूं ना तो मुझ में कोई फर्जी की बकलोली आती है ना ही ज्यादा बात करने की आदत है सीधे मुद्दे की बात करते हैं।
*साथियों B.Ed मुद्दा डबल बेंच में जाने की तैयारी में है और डबल बेंच में सीनियर अधिवक्ता को पहले ही सुनवाई में लाना अहम हो गया है  । अब बात करते हैं कि बीटीसी के जो संगठन हैं आप लगातार देखते रहे  होंगे जो  हर रोज घोषित किसी न किसी संगठन के होते रहते हैं लेकिन जब बात B.Ed मुद्दे की आती है तो केवल राज वसु ही को ही अहम हो जाता है। क्योंकि अभी कुछ लोग सोच रहे हैं कि ज्ञापन के द्वारा B.ed को बाहर किया जा सकता है अथवा बाहर से समर्थन ऐसे ही वाही वाही के समर्थन दे सकते हैं तो यह नहीं चलने वाला क्योंकि डबल बेंच में मामला लंबा भी चल सकता है और भी काफी बातें हैं ।जो हमारे अनुज साथी नहीं जानते हैं उनकी जानकारी के लिए बता दें  हमारा जो 2015 बैच ने  उत्तर प्रदेश से लेकर के दिल्ली तक धरना दिया था इसके बदले में सरकार ने और संशोधन कर दिया कुछ विचार करने की जगह। तो आप खुद ही अंदाजा लगा सकते हैं कि ज्ञापन देने से क्या B.Ed बाहर हो सकता है ???*
जब मैंने लखनऊ में मीटिंग की थी 17 बैच के कोई भी संगठन और कोई भी पदाधिकारी वहां पर नहीं  पहुंचा और ना ही किसी ने किसी प्रकार का समर्थन दिया मैं पूछना चाहता हूं कि केवल सोशल मीडिया पर जिलाध्यक्ष बगैरा घोषित करके अगर चुनाव लड़ना चाहते हो तो चुनाव लड़े फ़िर प्रशिक्षु हित में क्यों कहा जाता है।
  *अगर वास्तव में बीटीसी के अगर हितेषी हो तो डबल बेंच में एक सीनियर अधिवक्ताओं को खुद उतारो अगर आपको लगता है कि हम भी उन्हीं की तरह करेंगे जो हमारे कुछ साथियों ने किया है तो आप खुद भी अपनी तरफ से एक सीनियर अधिवक्ताओं डबल  उतार सकते हैं कयौकि आपका हर जिले में संगठन बना हुआ है अगर आप ईमानदारी से काम करेंगे तो आपके ऊपर कोई भी उंगली नहीं उठा सकता है यह सच है।*
अगर मुझको केवल और केवल 69000 से B.Ed को बाहर करना होता तो 24 में संशोधन को हम चैलेंज नहीं करते और मामला सिंगल बेंच से चलते चलते उसका रिजल्ट निकल आता है लेकिन पूरे बीटीसी परिवार को  ही देखते हुए 6 कॉ पार्टी बनाया था और उसमें 24 वें संशोधन भी चैलेंज किया था इसीलिए डबल बेंच में मामला चला गया।
*अनुज साथियों फैसला आपके हाथ में है फिर बाद में मत कहना कि खुद के भले के लिए यह सब किया है जो बात होती है साफ और स्पष्ट शब्दों में मैं कह देता हूं चाहे किसी को बुरा लगे चाहे किसी को सही लगे। क्योंकि 69000 भर्ती से B.Ed को बाहर करने के लिए चौहान साहब का जो आर्डर जो आया है उसके पॉइंट ही काफी हैं जो उन्होंने उसमें लिखे हैं और यह बात सभी जानते हैं। धन्यवाद*
*जय हिंद*
*आपका अपना भाई*
*राजवसु यादव*
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