बदलेगा 50 साल पुराना स्कूली शिक्षा का ढांचा, सिर्फ तीन साल की होगी प्राथमिक शिक्षा:- बजट में नई शिक्षा नीति को लागू करने की घोषणा के बाद तेज हुई हलचल

देश में स्कूली शिक्षा के ढांचे में बड़ा बदलाव करने की तैयारी है। इस बार केंद्रीय बजट में सरकार ने इसका इरादा भी जता दिया है। केंद्र द्वारा प्रस्तावित नई शिक्षा नीति लागू होने से देश में स्कूली शिक्षा का 50 साल पुराना ढांचा पूरी तरह से बदल जाएगा। बजट के बाद से इसे लेकर हलचल बढ़ी हुई है।


नई नीति के लागू होने से जो बड़े बदलाव देखने को मिलेंगे, उनमें स्कूली शिक्षा में फाउंडेशन स्तर के एक नए शिक्षाक्रम की शुरुआत शामिल है। इसमें प्री-प्राइमरी से दूसरी कक्षा तक की पढ़ाई शामिल होगी। प्राथमिक (प्राइमरी) शिक्षाक्रम में केवल तीसरी, चौथी और पांचवीं को रखा जाएगा।

नई शिक्षा नीति के प्रस्तावित मसौदे में स्कूली शिक्षा के ढांचे में बदलाव के इस लक्ष्य को 2022 तक हासिल करने की बात कही गई है। सरकार का कहना है कि इससे स्कूली शिक्षा में रटने-रटाने का चलन खत्म होगा और बच्चों में आवश्यक ज्ञान, मूल्य, रुझान, हुनर और कौशल जैसे तार्किक चिंतन, बहुभाषी क्षमता और डिजिटल साक्षरता जैसे विषयों के विकास में मदद मिलेगी। शामिल किया जाएगा। नीति के मुताबिक, बदलाव की यह सिफारिश मौजूदा दौर में बच्चों की उम्र और उनकी जरूरतों के लिहाज से तय की गई है। हालांकि नीति में यह साफ किया गया है कि इस आधार पर भौतिक इंफ्रास्ट्रक्चर में बदलाव करने की कोई जरूरत नहीं है।

में तैयार किया गया था स्कूली शिक्षा का मौजूदा ढांचा

लखनऊ में प्राथमिक विद्यालय में पढ़ते बच्चे ( फाइल फोटो) ’ जागरण

’>>प्राथमिक शिक्षा में सिर्फ तीसरी चौथी और पांचवीं को रखा जाएगा

’>>पहली और दूसरी कक्षा की पढ़ाई फाउंडेशन शिक्षा से जोड़ी जाएगी

मौजूदा समय में ऐसा है स्कूली शिक्षा का स्वरूप

’प्राथमिक अवस्था: कक्षा एक से पांच तक।

’उच्च प्राथमिक अवस्था: कक्षा छह से आठ तक।

’माध्यमिक अवस्था: कक्षा नौ और दस।

’उच्च माध्यमिक या इंटरमीडिएट अवस्था: ग्यारहवीं और बारहवीं कक्षा।

दुनिया में अलग-अलग हैं शिक्षा नीतियां

चीन में बच्चों की पढ़ाई की शुरुआत छह साल की उम्र से होती है। बच्चे 12 साल की उम्र में प्राथमिक शिक्षा पूरी करते हैं। इसके बाद तीन साल की शिक्षा जूनियर सेकेंडरी कहलाती है।

अमेरिका में अलग-अलग प्लान के आधार पर पढ़ाई की जाती है। पढ़ाई शुरू करने की उम्र छह साल है।

जापान में छह साल की उम्र से शुरू होकर 12 साल की उम्र तक प्राइमरी की पढ़ाई होती है। फिर तीन-तीन साल जूनियर सेकेंडरी और हाई सेकेंडरी की पढ़ाई होती है।

कुछ इस तरह का है प्रस्तावित ढांचा

’पांच वर्षो की बुनियादी अवस्था ( फाउंडेशन स्टेज): इनमें तीन वर्ष प्री-प्राइमरी तथा पहली व दूसरी कक्षा होगी शामिल।

’प्राथमिक (प्राइमरी) शिक्षा तीन वर्ष की होगी: इसमें कक्षा तीन, चार और पांच को रखा जाएगा।

’तीन वर्ष की होगी माध्यमिक अवस्था: इनमें कक्षा छह, सात और आठ को शामिल किया जाएगा।

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