68500 सहायक अध्यापक भर्ती: कोर्ट आर्डर के बाद एमआरसी अभ्यर्थियों को ही लाभ

हाईकोर्ट के आदेश का लाभ केवल एमआरसी अभ्यर्थियों को मिलेगा। याचिकाओं में 31 अगस्त 2018 व दो सितम्बर 2018 की मेरिट लस्टि को रद्द करने और विज्ञापित 68,500 पदों पर पुनरीक्षित चयन सूची जारी करने की मांग की गई थी।
साथ ही याचियों की उनके वरीयता जिलों में मेरिट के आधार पर तैनाती की भी मांग की गई थी।

याचिकाओं के अनुसार नौ जनवरी 2018 के शासनादेश से सहायक अध्यापकों की भर्ती शुरू की गई। परीक्षा नियामक प्राधिकारी इलाहाबाद ने सामान्य श्रेणी व ओबीसी का कट ऑफ 45 फीसदी एवं एससी/एसटी का 40 फीसदी घोषित किया। बाद में योग्यता कट ऑफ कम कर दिया गया। इस भर्ती में 41,556 अभ्यर्थी सफल घोषित हुए। नियुक्तियां दो चरणों में की गयी। पहली में 34,660 व दूसरी में 6136 अभ्यर्थियों की नियुक्ति की गई। मेरिट में चयनित आरक्षित श्रेणी के अभ्यर्थियों को उनके वरीयता के जिलों में नियुक्त नहीं किया गया।

शासनादेश के तहत हर श्रेणी के अभ्यर्थियों को उनकी वरीयता के जिले में तैनात किया गया। एमआरसी अभ्यर्थियों के साथ विभेद किया गया। मेरिट में आगे होने के बावजूद उन्हें वरीयता के जिले नहीं मिले और कम मेरिट वाले आरक्षित श्रेणी के अभ्यर्थियों को वरीयता के जिले आवंटित किए गए।