माननीय मंत्री जी
आपने एक टीवी चैनल पर कहा कि शिक्षामित्रों ने भर्ती फंसा रखी है इस विषय में आपको अवगत हो कि 69000 भर्ती डबल बेंच में मुकदमा शिक्षामित्रों ने नहीं किया बल्कि आपकी लोक कल्याणकारी सरकार ने शिक्षामित्रों को इस भर्ती से बाहर करने के लिए किया है।
दूसरा, आपने कहा कि आपकी सरकार ने शिक्षामित्रों को 3500 से 10000 का मानदेय बढ़ा दिया, जो कि आपकी सरकार का एक जुमला है, आप पता कर लीजिए विभागीय अधिकारियों से कि आपकी जन कल्याणकारी सरकार आने से पहले शिक्षामित्रों को 40 हजार मिलता था जिसको आपकी सरकार ने घटा कर 10000 कर दिया।
उत्तर प्रदेश के लाखों शिक्षामित्रों को आपकी बातों से गहरा आघात पहुंचा है, आपके द्वारा टीवी चैनल पर बोली गई बाते पूर्णतः कोरा झूठ है जिससे सम्पूर्ण शिक्षामित्र समाज सदमे में है, आपको इसके लिए सार्वजनिक रूप से माफी मांगनी चाहिए।
इससे पूर्व में भी लोकप्रिय प्रधानमंत्री जी ने बनारस में शिक्षामित्रों की जिम्मेदारी ली थी तथा वह भी भूल गए, हमारे जनप्रिय मुख्यमंत्री जी भी शिक्षामित्रों की जिम्मेदारी ले चुके हैं लेकिन नतीज़ा ठाक के तीन पात ही रहा, हद तो तब हो गई जब आज के राजनैतिक चाणक्य तथा आपकी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष व वर्तमान में हमारे माननीय गृह मंत्री महोदय ने 2017 के पार्टी संकल्प पत्र में शिक्षामित्रों को शामिल करते हुए 90 दिन में समस्या समाधान का वचन दिया था लेकिन वह संकल्प पत्र भी आपकी सरकार भूल गई।
माननीय मंत्री जी यदि आप व आपकी सरकार शिक्षामित्रों की समस्याओं को लेकर गम्भीर नहीं हो सकते तो कम से कम मजाक तो मत बनाइए रोज रोज शिक्षामित्र आत्म हत्या जैसे कदम उठा रहे हैं आज मरने वालों की संख्या 1500 से ऊपर पहुंच चुकी है आपको शायद अंदाजा नहीं है कि आपके इस वक्तव्य से आम शिक्षामित्र आत्मघाती कदम उठा सकते हैं।
रिज़वान अंसारी