राष्ट्रीय बालिका दिवस पर स्लोगन, National Girl Child Day 2020 Slogan in Hindi
हर साल भारत में 24 जनवरी को नेशनल गर्ल चाइल्ड डे मनाया जाता है। इसकी शुरुआत 2008 में महिला और बाल विकास मंत्रालय ने की थी। इस दिन को मनाने के उद्देश्य देश में बालिकाओं के साथ होने वाले भेदभाव के प्रति लोगों को जागरुक करना है। 2008 से यह दिन पूरे देश में मनाया जाने लगा। इस अवसर पर देश पर में बालिका बचाओं अभियान चलाए जाने लगे, इसके अलावा चाइल्ड सेक्स रेशो और लड़कियों को स्वच्छ और सुरक्षित वातावरण देने के लिए हर संभव कोशिश की जाती है।
महिलाओं को सशक्त बनाने के उद्देश्य से 2015 में बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ की शुरुआत की थी। सरकार का 'बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ' अभियान लड़कियों के लिए चलाया गया एक बहुत अच्छा कदम है। इसके जरिए लड़कियों और महिलाओं से जुड़े कई महत्वपूर्ण मुद्दों को उठाया जाता है। महिलाओं के प्रति होने वाली कई अमानवीय प्रथाओं जैसे भ्रूण हत्या अब कम हो गए हैं।
इन अभियानों से लोगों की मानसिकता को बदलने में मदद मिली है ,खासकर ग्रामीण इलाकों में लड़कियों की शिक्षा को लेकर काफी जागरुकता आई है। समाज के लोगों की मानसिकता पर इन अभियानों का काफी असर हुआ है। अब लोग लड़कियों को लड़कों के बराबर सम्मान और अधिकार दे रहे हैं।
नेशनल गर्ल चाइल्ड डे के अवसर पर लड़कियों की सुरक्षा, शिक्षा, लिंग अनुपात, स्वास्थ्य जैसे मुद्दों पर अलग-अलग तरह के अभियान चलाए जाते हैं। लोगों को नुक्कड़ नाटकों के जरिए जागरुक किया जाता है। आपको बता दें कि गांव ही नहीं फिलहाल पढ़े लिखे तपके में महिलाओं को लिंगभेद का सामना करना पड़ता है।
● राष्ट्रीय बालिका दिवस पर स्लोगन 2020
● Rashtriya Balika Diwas Par Slogan
● Happy Girl Child Day Slogan in Hindi
● Beti Bachao Beti Padhao Par Slogan in Hindi
● बेटी बचाओ बेटी बचाओ अभियान के नारे
● National Girl Child Day Slogan in Hindi
बेटी हैं कुदरत का उपहार,
जीने का इसको दो अधिकार।
बेटी को मरवाओगे तो
दुल्हन कहां से लाओगे।
माँ चाहिए, पत्नी चाहिए, बहन चाहिये
फिर बेटी क्यों नहीं चाहिए ?
बेटी तो है जग की जननी,
हमें रक्षा अब इसकी करनी!!
कन्या संतान बचानी है,
भ्रूण हत्या मिटानी है!!
बेटी कुदरत का है उपहार,
इसको जीने का दो अधिकार!!
जीने का भी उसका अधिकार,
बस चाहिये उसको, आपका प्यार।
बेटी जिस घर में है आयी,
समझो खुद लक्ष्मी है आयी।
बेटी को मत समझो भार,
जीवन का है ये आधार.
बेटी को जो दे पहचान,
वही मात-पिता है महान!
अलख जगायें बेटी बचायें,
भ्रूण हत्या का कलंक मिटाये!
आपकी लालसा है बेकार,
बिन बेटी के न चले संसार।
२१वी सदी है आई,
बेटियों का दौर है लायी!
खुशहाल बालिका भविष्य देश का।
बेटी को अधिकार दो,
बेटे जैसा प्यार दो!
अगर बेटा है वारिस
तो बेटी है पारस!
बेटी पर अभिमान करो
जन्म होने पर सम्मान करो।
बेटी बचेगी तो श्रृष्टि रचेगी।
बेटी है कुदरत का उपहार,
मत करो इसका तिस्कार।
न अपनी दुनिया स्वयं मिटाओ,
होश में आओ, बेटी बचाओ!
हर जंग में हार जाओगे,
अगर बेटी को ना अपनाओगे।
बेटी को मरवाओगे तो
दुल्हन कहां से लाओगे।
माँ नहीं तो बेटी नहीं,
बेटी नहीं तो बेटा नहीं।
इंद्र धनुष से सजेंगे रंग,
जब संग होगी बेटी की तरंग।
जिस आँगन में हो बेटी का सम्मान,
वह घर होता है स्वर्ग समान.
बेटों से बेटियां नही कम,
समाज से मिटा दो सारे भ्रम.
हर घर से आवाज उठेगी,
बेटियां भी पढ़ेंगी और आगे बढेंगी.
बेटियों को मत रखो निरक्षर,
बेटियां भी बनेंगी बड़ी अफसर.
अपनी सोच में करो सुधार,
बिन बेटी न चले संसार.
खुशहाली आएगी, खुशहाली आएगी,
जब आपकी बेटी आपके लिए कमा के लाएगी.
बेटियों से ज्यादा नही कोई प्यारा,
बेटियां ही बनेगी आपका सहारा.
देश की यही पुकार,
नारी शिक्षा में हो सुधार.
नारी है घर का गहना,
नारी में है माँ, बीबी और बहना.
बदल लोगे अगर अपनी सोच,
तो बेटी नही लगेगी कोई बोझ.
पढाओ पर नारे
बेटी को जो दे शिक्षा और पहचान,
वही माता-पिता है महान.
बेटी तो है जग की जननी,
हमें रक्षा अब इसकी है करनी.
राष्ट्रीय बालिका दिवस पर नारे
अगर बेटा शान है,
तो बेटी आन है.
हर क्षेत्र में लड़की आगे,
फिर क्यों हम लड़की से भागे.
बेटी है हमारा धन,
क्यों न उसको स्वीकारे मन.
मानवता पर न दाग लगाओ,
बेटा-बेटी का भेद मिटाओ.
बेटी माता-पिता की पहचान है,
देश का स्वाभिमान है.
आओ घर-घर अलख जगायें,
कन्या-संतान को गले लगायें!