ट्रांसफर पर ख़तरा
1)प्राइमरी प्रधानाध्यापक का जूनियर सहायक के पद पर शासन द्वारा म्यूच्यूअल स्थानान्तरण दिनांक 08.01.2020 के दिशानिर्देशों के अनुसार हो सकता है एवं सामान्य स्थानान्तरण दिनांक 21.01.2020 के दिशानिर्देशों के हिसाब से हो सकता है।
. . 2) परन्तु अध्यापक सेवा नियमावली 1981 के अनुपरूप उच्च प्रथमिक विद्यालय में सहायक अध्यापकों के चयन के लिए दो नियम है-
(क)सीधी भर्ती(जो अब बन्द हो चुकी)
(ख)पदोन्नति–
जिसके लिए जूनियर टेट पास होना आवश्यक है जिसको सरकार आज तक इग्नोर करती रही। आखरी बार जब 2016 में पदोन्नति हुई तब न तो सरकार ने जूनियर टेट पास होना अनिवार्य किया न ही किसी ने कोर्ट में चैलेंज किया।
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3) परंतु जब 2018 में पदोन्नति के लिए शासन का आदेश आया था तब शासन ने एक बार फिर से जूनियर टेट पास होना ज़रूरी नही माना था। शासन के इस आदेश को writ A 11287/2018 दीपक शर्मा बनाम उत्तरप्रदेश राज्य के माध्यम से चुनौती दी गयी, जिसमे 15.05.2018 को आदेश देते हुए कोर्ट ने कहा कि जूनियर सहायक के पद को भरने के लिए वही नियम लागू होंगे जो नवीन नियुक्ति के समय लागू होते हैं, जिसके तहत जूनियर टेट पास होना अनिवार्य होता है।
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4) इस आदेश से घबराकर ठीक 2 दिन बाद यानी 17.05.2018 को सचिव ने कोर्ट के आदेश का पालन करते हुए पदोन्नति पर रोक लगा दी।
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5) सचिव द्वारा पदोन्नति पर लगायी गयी रोक को writ A 16523/2018 के माध्यम से सूबेदार यादव बनाम उत्तर प्रदेश राज्य में सिंगल बेंच में चुनौती दी गयी। सूबेदार यादव की याचिका में एनसीटीई के वकील भी अपीयर हुए और उन्होंने भी जूनियर सहायक के पद को भरे जाने के लिए जूनियर टेट पास होना अनिवार्य कहा। सरकारी वकील ने एनसीटीई की हाँ में हाँ मिलाई और बताया कि हमने प्रमोशन पर रोक लगा दी है बिना जूनियर टेट पास जूनियर के सहायकों का एक भी पद नहीं भरेंगे। कोर्ट ने इसके बाद सूबेदार यादव की याचिका को ख़ारिज कर दिया।
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6) सूबेदार यादव ने इसके पश्चात SLP737/2018 योजित की जिसमे दोनों जजो ने एनसीटीई को टीचर्स क्वालिफिकेशन डिसाइड करने के लिए एनसीटीई को गवर्निंग बॉडी माना और जूनियर सहायक के पद पर टेट पास होना अनिवार्य कर डाला। यहाँ से एक बार फिर जूनियर सहायक पद पर जूनियर टेट पास होना अनिवार्य हो गया।
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7) इस बार शासन ने प्राइमरी प्रधानाध्यापकों का स्थानांतरण जूनियर सहायक के पदों पर अलाऊ किया है। (08.01.2020 एवं 21.01.2020 के दिशानिर्देश के क्रम में) अर्थात नॉन टेट प्राइमरी हेडमास्टर जूनियर में जाकर सहायक बन सकता है। यहाँ एक बार सरकार फिर से एनसीटीई और हाइकोर्ट इलाहबाद के तीन तीन आदेशों की अवहेलना कर गयी। अब जिन लोगो ने प्रमोशन में टेट लागु करवाया था वो लोग नॉन टेट प्राइमरी हेड के द्वारा जूनियर सहायक के पदों को भरे जाने की प्रक्रिया को बैक डोर एंट्री बताते हुए स्थानान्तरण के शासनादेश को चैलेंज करने जा रहे हैं।
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8) यदि शासनादेश चैलेंज हुआ तो संपूर्ण शासनादेश पर ही रोक लग सकती है। जिसके कारण प्राइमरी/जूनियर के म्यूच्यूअल/ सामान्य सभी ट्रांसफर कोर्ट द्वारा रोके जा सकते हैं।
. . 2) परन्तु अध्यापक सेवा नियमावली 1981 के अनुपरूप उच्च प्रथमिक विद्यालय में सहायक अध्यापकों के चयन के लिए दो नियम है-
(क)सीधी भर्ती(जो अब बन्द हो चुकी)
(ख)पदोन्नति–
जिसके लिए जूनियर टेट पास होना आवश्यक है जिसको सरकार आज तक इग्नोर करती रही। आखरी बार जब 2016 में पदोन्नति हुई तब न तो सरकार ने जूनियर टेट पास होना अनिवार्य किया न ही किसी ने कोर्ट में चैलेंज किया।
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3) परंतु जब 2018 में पदोन्नति के लिए शासन का आदेश आया था तब शासन ने एक बार फिर से जूनियर टेट पास होना ज़रूरी नही माना था। शासन के इस आदेश को writ A 11287/2018 दीपक शर्मा बनाम उत्तरप्रदेश राज्य के माध्यम से चुनौती दी गयी, जिसमे 15.05.2018 को आदेश देते हुए कोर्ट ने कहा कि जूनियर सहायक के पद को भरने के लिए वही नियम लागू होंगे जो नवीन नियुक्ति के समय लागू होते हैं, जिसके तहत जूनियर टेट पास होना अनिवार्य होता है।
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4) इस आदेश से घबराकर ठीक 2 दिन बाद यानी 17.05.2018 को सचिव ने कोर्ट के आदेश का पालन करते हुए पदोन्नति पर रोक लगा दी।
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5) सचिव द्वारा पदोन्नति पर लगायी गयी रोक को writ A 16523/2018 के माध्यम से सूबेदार यादव बनाम उत्तर प्रदेश राज्य में सिंगल बेंच में चुनौती दी गयी। सूबेदार यादव की याचिका में एनसीटीई के वकील भी अपीयर हुए और उन्होंने भी जूनियर सहायक के पद को भरे जाने के लिए जूनियर टेट पास होना अनिवार्य कहा। सरकारी वकील ने एनसीटीई की हाँ में हाँ मिलाई और बताया कि हमने प्रमोशन पर रोक लगा दी है बिना जूनियर टेट पास जूनियर के सहायकों का एक भी पद नहीं भरेंगे। कोर्ट ने इसके बाद सूबेदार यादव की याचिका को ख़ारिज कर दिया।
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6) सूबेदार यादव ने इसके पश्चात SLP737/2018 योजित की जिसमे दोनों जजो ने एनसीटीई को टीचर्स क्वालिफिकेशन डिसाइड करने के लिए एनसीटीई को गवर्निंग बॉडी माना और जूनियर सहायक के पद पर टेट पास होना अनिवार्य कर डाला। यहाँ से एक बार फिर जूनियर सहायक पद पर जूनियर टेट पास होना अनिवार्य हो गया।
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7) इस बार शासन ने प्राइमरी प्रधानाध्यापकों का स्थानांतरण जूनियर सहायक के पदों पर अलाऊ किया है। (08.01.2020 एवं 21.01.2020 के दिशानिर्देश के क्रम में) अर्थात नॉन टेट प्राइमरी हेडमास्टर जूनियर में जाकर सहायक बन सकता है। यहाँ एक बार सरकार फिर से एनसीटीई और हाइकोर्ट इलाहबाद के तीन तीन आदेशों की अवहेलना कर गयी। अब जिन लोगो ने प्रमोशन में टेट लागु करवाया था वो लोग नॉन टेट प्राइमरी हेड के द्वारा जूनियर सहायक के पदों को भरे जाने की प्रक्रिया को बैक डोर एंट्री बताते हुए स्थानान्तरण के शासनादेश को चैलेंज करने जा रहे हैं।
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8) यदि शासनादेश चैलेंज हुआ तो संपूर्ण शासनादेश पर ही रोक लग सकती है। जिसके कारण प्राइमरी/जूनियर के म्यूच्यूअल/ सामान्य सभी ट्रांसफर कोर्ट द्वारा रोके जा सकते हैं।
बाकी रब की मर्जी.....