शिक्षामित्रों के मुद्दे पर देवेंद्र प्रताप सिंह एमएलसी [MLC] द्वारा उठाए गए मुद्दे का बिन्दुवार विश्लेष्ण

_💁‍♂.................................. श्री *देवेंद्र प्रताप सिंह एमएलसी [MLC]* स्नातक निर्वाचन क्षेत्र गोरखपुर जी द्वारा  *सदन में शिक्षामित्रों* को *नियमित* करने तथा *शिक्षकों के समान वेतनमान* देने की मांग रखा,और अपनी *पार्टी bjp* के *संकल्प पत्र* में शिक्षामित्रों का समाधान 3 महीने में न्याय उचित तरीके से करने का वादा भी याद दिलाया,और सदन में जो मांग पत्र *अध्यक्ष महोदय के सामने रखा /उठाया,उसके बिन्दु निम्न है..........*👇._
_.....उ0प्र0 के स्नातक शिक्षा मित्र न स्थितियों में 19 वर्षों से लगातार काम किया जब प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षकों की घोर कमी थी।_ _उस समय कई जनपदों में लगभग प्रतिशत विद्यालयों में ताला बन्द रहता था । 
उस_ _समय तत्कालीन मुख्यमंत्री ने छात्र अनुपात शिक्षक के रूप में उसी ग्राम पंचायत के सबसे अधिकतम मेरिट रखने वाले अभ्यर्थी को शिक्षामित्र में चयन करवाया था । शिक्षा मित्र उस समय पूरी निष्ठा व समर्पण के साथ प्राथमि क विद्यालयों में शिक्षण कार्य प्रारम्भ किया । समय -समय पर शिक्षा मित्रों का प्रशिक्षण होता रह हर वर्ष इनकी_ _सेवाओं का नवीनीकरण होता रहा वर्ष 2007 - 08 में नवीनीकरण की व्यवस्था समाप्त कर दी गयी, तथा वर्ष 2011 में अप्रशिक्षित_ _अध्यापक मानते हुए दूरस्थ बी0टी0सी0 का प्रशिक्षण हुआ । प्रथम बैच में प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे स्नातक शिक्षामित्रों की ट्रेनिंग 2013 में पूर्ण हुई और वह प्रशिक्षित हो गये तथा द्वितीय बैच में प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे स्नात क शिक्षामित्रों की ट्रेनिंग 2014 में पूर्ण हुई और वह प्रशिक्षित हो गये । अपने_ _जीवन के स्वर्णिम वर्षों तक बेसिक शिक्षा में योगदान दिया । पूरे प्रदेश में जुलाई, अगस्त - 2014 शिक्षामित्रों को शिक्षक के रूप में समायोजित कर दिया गया और लगातार 3 वर्षों तक ये वेतन पाते रहे । मा0 सर्वोच्च न्यायालय ने शिक्षामित्रों के बारे में निर्णय लेने के लिए सरकार पर छोड़ दिया ।_ _हमारे संकल्प पत्र में भी सरकार बनने पर 3 महीने के भीतर समाधान करने का उल्लेख किया गया था । वर्तमान में रू0 10000 / - मानदेय पर शिक्षामित्र अपने दायित्वों का निर्वहन कर रहे हैं । सरकार ने मा0_ _उपमुख्यमंत्री की अध्यक्षता में समिति का गठन किया था । समिति ने अपनी रिपोर्ट भी दे दिया है । 2 दशक अपना जीवन प्राथमिक शिक्षा के उन्नयन में लगाने वाले शिक्षा मित्र समान कार्य के लिए समान वेतन मांग को लेकर आन्दोलित हैं । अतः लोक महत्व के इस सुनिश्चित विषय पर सरकार का ध्यान आकृष्ट करते है, कि सभी शिक्षा मित्रों को शिक्षक के रूप में समायोजित करने और समान कार्य करने के समान वेतन दिये जाने की मांग करता हूं,_
_....इस इस तरह से माननीय *देवेंद्र प्रताप सिंह* जी शिक्षामित्रों के संबंध में शिक्षामित्रों के जीवन के बारे में पूरी जानकारी सदन के *अध्यक्ष महोदय* के सामने रखी जिस पर अध्यक्ष महोदय ने राज्य सरकार को इस सम्बन्ध में आवश्यक_ _कार्यवाही हेतु संदर्भित किया।_
 _*............माननीय देवेंद्र प्रताप सिंह जी द्वारा शिक्षामित्रों के मैटर को सदन के सामने रखने और उनकी पीड़ा सदन को बताने के लिए प्रदेश के समस्त शिक्षा मित्रों के तरफ से माननीय देवेंद्र प्रताप सिंह जी को कोटिशःधन्यवाद।।*_
_आपका_
_अनिल सिंह_
_अनुज सिंह_
_दिव्य प्रकाश पा0_
_सत्य प्रकाश पाठक_
_अतुल श्रीवास्तव_
_संजय कुमार_ 
_प्रमोद जायसवाल_

_*💫सिद्धार्थनगर*_