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चुनाव से पहले बढ़ सकता है शिक्षा मित्रों का मानदेय, चार साल से नहीं हुई है वृद्धि

 यूपी सरकार विधानसभा चुनाव से पहले शिक्षा मित्रों का मानदेय बढ़ा सकती है। बेसिक शिक्षा विभाग ने सरकार को 1.46 लाख शिक्षा मित्रों को दिए जा रहे मानदेय, सरकार पर वित्तीय भारत समेत पूरा ब्यौरा दे दिया है। करीब चार साल से शिक्षा मित्रों का मानदेय नहीं बढ़ाया गया है। वर्तमान में उन्हें 10 हजार रुपये मानदेय मिलता है। सूत्रों के मुताबिक मानदेय में दो से चार हजार रुपये तक की बढ़ोतरी हो सकती है।




भाजपा ने विधानसभा चुनाव 2017 के लोक कल्याण संकल्प पत्र में शिक्षा मित्रों की समस्या को तीन माह में न्यायिक तरीकों से सुलझाने का आश्वासन दिया था। जुलाई 2017 में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद 1.36 लाख शिक्षा मित्रों का सहायक अध्यापक के पद पर समायोजन रद्द कर उन्हें पुन: शिक्षा मित्र बनाना पड़ा। हालांकि शिक्षा मित्रों के आंदोलन के बाद सरकार ने उनका मानदेय 3,500 से बढ़ाकर 10,000 रुपये महीने किया था। सरकार ने उनकी मांगों व समस्याओं के समाधान के लिए उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा की अध्यक्षता में एक कमेटी बनाई थी। कमेटी अपनी रिपोर्ट सौंप चुकी है।


जानकारों के मुताबिक चुनाव को देखते हुए शिक्षा मित्रों की नाराजगी दूर करने के लिए सरकार व संगठन की बैठक में उनका मानदेय बढ़ाने पर फैसला हुआ है। इसके लिए सरकार ने कई जानकारियां मांगी थीं, जिसे बेसिक शिक्षा विभाग ने सौंप दिया है। संगठन की अगस्त में होने वाली उच्चस्तरीय बैठक में इस पर फैसला हो सकता है।


‘शासन से शिक्षा मित्रों की संख्या व उन्हें दिए जा रहे मानदेय का ब्योरा मांगा गया था। पूरा ब्योरा भेज दिया गया है।’
 - विजय किरन आनंद, महानिदेशक स्कूल शिक्षा

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