ऐसे में राजकीय हाईस्कूलों के शिक्षक आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं। प्रतियोगी मोर्चा के संयोजक अनिल उपाध्याय का कहना है कि किसी भी सरकारी विभाग में ऐसा भेदभाव नहीं होता है, जैसा कि रमसा विद्यालयों के शिक्षकों के साथ किया जा रहा है। इस संबंध में जल्द ही एक प्रतिनिधिमंडल उपमुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलेगा। मोर्चा के अध्यक्ष विक्की खान का कहना है कि प्रदेश सरकार अगर स्थायी समाधान नहीं खोजती है तो लखनऊ में धरना दिया जाएगा।
Information on UPTET Exam , Results , UPTET Admit Cards , 69000 Shikshak Bharti , Counselling , Niyukti Patra for UP Teachers & other related information
Breaking News
- 2004 में शिक्षामित्रों की नियुक्तियों हेतु जारी विज्ञप्ति: इसी विज्ञप्ति के आधार पर हुआ था शिक्षामित्रों की का चयन
- ख़बरें अब तक - 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती - Today's Headlines
- समस्त AD बेसिक व BSA के CUG मोबाइल नम्बर : 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती Latest News
- आश्रम पद्धति के स्कूल के शिक्षकों का वर्तमान वेतनमान/मानदेय
- LAKHIMPUR vacant seats positions : 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती - Latest updates
रमसा के विद्यालयों में नियुक्त शिक्षकों का वेतन फंसा, जुलाई से नहीं हुआ भुगतान
प्रयागराज। राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान (रमसा) के तहत संचालित राजकीय हाईस्कूलों में नियुक्त शिक्षकों को पांच माह से वेतन नहीं मिला है। बजट न होने के कारण वेतन अटका हुआ है। इस कारण शिक्षकों को आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ रहा है। रमसा के विद्यालयों में वेतन के लिए 60 फीसदी बजट केंद्र सरकार और 40 फीसदी राज्य सरकार देती है। इस मसले पर शिक्षकों ने मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री से मिलने का समय मांगा है। साथ ही सोशल मीडिया पर भी अभियान चला रखा है। प्रतियोगी मोर्चा के बैनर तले रविवार को हुई रमसा शिक्षकों की बैठक में शिक्षकों ने कहा कि पिछले 10 वर्षों से उनके साथ भेदभाव किया जा रहा है। जहां, राजकीय इंटर कॉलेजों (जीआईसी) और मॉडल इंटर कॉलेजों के शिक्षकों का वेतन प्रतिमाह जारी किया जाता है। जबकि राजकीय रमसा शिक्षकों को चार-पांच माह में एक बार वेतन जारी किया जाता है और वह भी मात्र एक या दो माह का वेतन होता है। रमसा शिक्षकों का वेतन जुलाई माह के बाद जारी नहीं किया गया है।