Ticker

6/recent/ticker-posts

Ad Code

हाई कोर्ट का पीसीएस 2018 में चयनित अभ्यर्थियों को नोटिस, सुनवाई से पूर्व कोर्ट ने अपना पक्ष रखने का दिया निर्देश

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पीसीएस 2018 में चयनित अभ्यर्थियों को नोटिस जारी किया है। न्यायालय ने एक वैकल्पिक विषय लेने वाले इन अभ्यर्थियों को स्केलिंग लागू न किए जाने के मामले में दायर याचिका में अपना पक्ष रखने निर्देश दिया है, जिससे सभी पक्षों को सुनकर फैसला किया जाए। यह आदेश न्यायमूर्ति अश्वनी कुमार मिश्र ने पीसीएस अभ्यर्थी अखंड प्रताप सिंह की याचिका पर दिया है।


याचिका में पीसीएस 2018 के मुख्य परीक्षा के परिणाम व अंतिम चयन सूची को चुनौती दी है। दोनों परिणाम रद़द करने की मांग की गई है। कहा गया है कि लोक सेवा आयोग ने पीसीएस 2018 के मुख्य परीक्षा में वैकल्पिक विषय में बिना स्केलिंग लागू किए, परीक्षा में मिले अंकों के आधार पर ही परिणाम जारी कर दिया। जबकि छह जुलाई 2018 को जारी विज्ञापन के क्लाज 15 के सबक्लाज 13 में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि वैकल्पिक विषय में स्केलिंग लागू की जाएगी। मगर लोक सेवा आयोग ने मनमाने तरीके से अपने ही विज्ञापन में दी गई शर्त का उल्लंघन किया। जिससे परीक्षा परिणाम पूरी तरह से सही घोषित नहीं किया गया।

आयोग के अधिवक्ता ने सुप्रीमकोर्ट के संजय सिंह केस के निर्णय का हवाला देकर कहा कि स्केलिंग लागू करने की आवश्यकता विशेष मामलों में होती है न कि हर एक मामले में। इसे लेकर आयोग ने एक विशेषज्ञ कमेटी गठित की थी। 26 फरवरी 2020 को कमेटी की रिपोर्ट में कहा गया है कि कुछ विषयों में अभ्यर्थियों को मिलने वाले अंकों में अंतर इतना अधिक नहीं है कि स्केलिंग लागू करने की आवश्यकता पड़े। न्यायालय ने कहा कि क्या आयोग के पास यह विकल्प है कि विज्ञापन में घोषित शर्त के बावजूद कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर स्केलिंग लागू न करे। न्यायालय ने कहा कि अंतिम चयन सूची जारी हो चुकी है और चयनित अभ्यर्थियों के अधिकार भी उत्पन्न हो गए हैं। उनका पक्ष जाने बिना निर्णय करना उचित नहीं होगा।

إرسال تعليق

0 تعليقات

latest updates

latest updates

Random Posts