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शिक्षा विभाग में बड़ा घोटाला, आगरा के तीन बड़े अधिकारियों समेत दस फंसे

आगरा, जागरण संवाददाता। शिक्षकों की भर्ती व वेतन निकासी में घोटाले के आरोप शिक्षा विभाग के तीन बड़े अधिकारी समेत दस लोग फंस गए हैं। नाई की मंडी थाने में तत्कालीन जिला विद्यालय निरीक्षक (डीआइओएस), बेसिक शिक्षा अधिकारी (बीएसए), लेखाधिकारी एवं प्रधानाचार्य समेत दस लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी, कूट रचित दस्तावेज तैयार करने के आरोप में मुकदमा दर्ज कराया है।

ताजगंज के कलाल खेरिया निवासी अनिल शर्मा ने मुकदमा दर्ज कराया है। पु़लिस में सुनवाई न होने पर उन्होंने अदालत की शरण ली थी। अदालत के आदेश पर मुकदमा दर्ज किया गया। अनिल शर्मा का आरोप है कि वर्ष 2015 में पूर्व प्रधानाचार्य महेंद्र लवानियां ने नवीन निश्चल को फर्जी प्रबंधक बनवाया। इसके लिए न तो प्रबंध सूची पंजीकृत कराई, ना ही संस्था का नवीनकरण प्रमाण लिया गया। पूर्व डीआइओएस की मिलीभगत से हस्ताक्षर प्रबंधक पद प्रमाणित करा लिए। जिससे प्रधानाचार्य स्वयं अपना व अन्य कर्मचारियों का वेतन बिना विद्यालय आए निकालते रहे। वादी ने फर्जी दस्तावेजों पर शिक्षकों की भर्ती का आरोप भी लगाया।

मुकदमे में इन्हें बनाया है आरोपित

-दिनेश यादव: तत्कालीन जिला विद्यालय निरीक्षक

-धर्मेंद्र सक्सेना: तत्कालीन बेसिक शिक्षा अधिकारी

-पंकज: लेखाधिकारी

-आलोक प्रताप श्रीवास्तव: बीईओ

-महेंद्र लवानियां: पूर्व प्रधानाचार्य

-दिनेश लवानियां: कार्यवाहक प्रधानाचार्य

-रामनरेश: भर्ती किए गए शिक्षक

-हरेंद्र प्रताप सिंह: भर्ती किए गए शिक्षक

-ज्ञानेंद्र शर्मा: ज्ञानेंद्र शर्मा

-नवीन निश्चल: कथित प्रबंधक

इसलिए फंसे लेखाधिकारी

अनिल शर्मा का आरोप है कि महेंद्र लवानियां ने अपनी व भाई दिनेश लवानियां की सेवानिवृत्ति फर्जी तरीके से कथित प्रबंधक नवीन निश्चल के हस्ताक्षर से कराई। महेंद्र पूर्व में स्वयं चयन समिति के सदस्य बने व भाई दिनेश को भी नियम विरुद्ध उसी स्कूल में सहायक अध्यापक पद पर भर्ती कराया। नवीन निश्चल का कार्यकाल जनवरी 2025 से 2019 तक समाप्त हो चुका था। जिसके बाद भी बीएसए एवं लेखाधिकारी बेसिक पंकज की मिलीभगत से वेतन आदि निकाला जाता रहा। 

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