जगदलपुर। मुयमंत्री भूपेश बघेल ने मानसून बजट सत्र के दौरान विधान सभा में शिक्षक विहीन और एकल शिक्षकीय स्कूलों के 10 हजार पदों पर शिक्षक भर्ती करने की घोषणा की थी। उन्होंने स्वतंत्रता दिवस की 75वीं
वर्षगांठ पर भी यह घोषणा दोहराई थी। अब इस घोषणा पर अमल होना शुरू हो चुका है। शिक्षा विभाग ने संभाग स्तर पर कितने शिक्षकों की आवश्यकता है इसका प्रस्ताव लोक शिक्षण संचालनालय को भेज दिया है। सरकार ने 10 हजार शिक्षकों की भर्ती का ऐलान किया है लेकिन बस्तर संभाग से सर्वाधिक 9079 सहायक शिक्षकों की भर्ती का प्रस्ताव भेजा गया है। 2262 शिक्षकों की मांग भी की गई है। यानी इतने शिक्षकों की आवश्यकता बस्तर जिले के सातों जिले में है। सरकार ने जितने पद पूरे प्रदेश के लिए सृजित किए हैं उस अनुपात में बस्तर के लिए सबसे ज्यादा शिक्षकों की जरूरत का आंकड़ा सामने आया है। यह आंकड़ा सभी जिलों सें लोक शिक्षण संचालनालय को भेजी गई जानकारी के बाद सामने आया है। शिक्षा विभाग के अफसरों का कहना है कि विभाग से जो आदेश उन्हें प्राप्त हुआ था उसी के आधार पर प्रस्तावित आंकड़ा भेजा गया है। गौरतलब है कि प्रदेश में बस्तर संभाग ही ऐसा इलाका है जहां पर शिक्षको की सबसे ज्यादा कमी है। मुयमंत्री ने अपनी घोषणा में भी कहा है कि इस भर्ती के माध्यम से शिक्षक विहीन और एकल शिक्षकीय स्कूलों के पद भरे जाएंगे ऐसे में यह माना जा रहा है कि बस्तर संभाग के खाते में सबसे ज्यादा शिक्षक आ सकते हैं। भूपेश कैबिनेट की बैठक में आज प्रस्ताव पर लगेगी मुहर
शिक्षा विभाग को जिलों से जो प्रस्ताव भेजा गया है उसेे आज भूपेश कैबिनेट की बैठक में रखा जाएगा। माना जा रहा है कि आज ही प्रस्ताव पर मुहर लग सकती है और इसके साथ ही भर्ती की प्रक्रिया आगे बढ़ जाएगी। बस्तर से बड़े पैमाने पर प्रस्ताव भेजे गए हैं। इसके अलावा सरगुजा संभाग से भी बड़ी संया में शिक्षकों की मांग की गइ है। सरकार ने इन दोनों संभागों में शिक्षकों की कमी दूर करने की मंशा से यह घोषणा की है। अगर भर्ती प्रक्रिया के अंत तक सरकार इसी मंशा के अनुरूप काम करती है तो आने वाले वक्त में बस्तर की शिक्षा व्यवस्था में बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है।
शिक्षा विभाग को जिलों से जो प्रस्ताव भेजा गया है उसेे आज भूपेश कैबिनेट की बैठक में रखा जाएगा। माना जा रहा है कि आज ही प्रस्ताव पर मुहर लग सकती है और इसके साथ ही भर्ती की प्रक्रिया आगे बढ़ जाएगी। बस्तर से बड़े पैमाने पर प्रस्ताव भेजे गए हैं। इसके अलावा सरगुजा संभाग से भी बड़ी संया में शिक्षकों की मांग की गइ है। सरकार ने इन दोनों संभागों में शिक्षकों की कमी दूर करने की मंशा से यह घोषणा की है। अगर भर्ती प्रक्रिया के अंत तक सरकार इसी मंशा के अनुरूप काम करती है तो आने वाले वक्त में बस्तर की शिक्षा व्यवस्था में बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है।
सर्वाधिक पद प्राइमरी स्कूल के लिए सहायक शिक्षकों के होंगे
भर्ती में सर्वाधिक पद प्राइमरी कक्षाओं के टीचर्स यानी सहायक शिक्षक के होंगे। इनकी संया 5 हजार तक हो सकती है। मीडिल स्कूल के शिक्षकों के पद करीब 3 हजार होंगे। हाई व हायर सेकेंडरी स्कूलों में लेक्चरर नियुक्त होंगे, जिनकी संया 2 हजार के आसपास रहेगी। यानी कुल मिलाकर करीब 10 हजार पदों का प्रारूप तैयार किया गया है। बस्तर संभाग से सहायक शिक्षकों की ही मांग सबसे ज्यादा की गई है। शिक्षक के 2262 पदों की मांग सभी सातों जिलों से की गई है।
भर्ती में सर्वाधिक पद प्राइमरी कक्षाओं के टीचर्स यानी सहायक शिक्षक के होंगे। इनकी संया 5 हजार तक हो सकती है। मीडिल स्कूल के शिक्षकों के पद करीब 3 हजार होंगे। हाई व हायर सेकेंडरी स्कूलों में लेक्चरर नियुक्त होंगे, जिनकी संया 2 हजार के आसपास रहेगी। यानी कुल मिलाकर करीब 10 हजार पदों का प्रारूप तैयार किया गया है। बस्तर संभाग से सहायक शिक्षकों की ही मांग सबसे ज्यादा की गई है। शिक्षक के 2262 पदों की मांग सभी सातों जिलों से की गई है।
14580 पदों पर भर्ती प्रक्रिया तीन साल चली थी
प्रदेश में शिक्षाकर्मी भर्ती प्रक्रिया को समाप्त कर करीब 25 साल के बाद शिक्षक के नियमित पदों पर भर्ती प्रक्रिया की शुरुआत की गई थी। पिछली बार 2019 में सहायक शिक्षक, शिक्षक,व्यायाता के कुल 14580 पदों पर भर्ती के लिए विज्ञापन जारी किए गए थे। इस तरह से शिक्षा विभाग में बड़े अंतराल के बाद नियमित पदों में दोबारा भर्ती हुई थी। हालांकि यह प्रक्रिया तीन साल तक खींच गई थी। इसे लेकर विपक्ष ने सरकार को कई बार घेरा। प्रक्रिया के तहत चुने गए शिक्षकों ने इसी सत्र से स्कूलों में ज्वाइनिंग ली है।
प्रदेश में शिक्षाकर्मी भर्ती प्रक्रिया को समाप्त कर करीब 25 साल के बाद शिक्षक के नियमित पदों पर भर्ती प्रक्रिया की शुरुआत की गई थी। पिछली बार 2019 में सहायक शिक्षक, शिक्षक,व्यायाता के कुल 14580 पदों पर भर्ती के लिए विज्ञापन जारी किए गए थे। इस तरह से शिक्षा विभाग में बड़े अंतराल के बाद नियमित पदों में दोबारा भर्ती हुई थी। हालांकि यह प्रक्रिया तीन साल तक खींच गई थी। इसे लेकर विपक्ष ने सरकार को कई बार घेरा। प्रक्रिया के तहत चुने गए शिक्षकों ने इसी सत्र से स्कूलों में ज्वाइनिंग ली है।
पिछली बार की तरह व्यापमं के माध्यम से ही होगी भर्ती
2019 में हुई शिक्षक भर्ती परीक्षा की तरह इस बार भी छत्तीसगढ़ व्यावसायिक परीक्षा मंडल ही उक्त पदों पर भर्ती परीक्षा आयोजित करेगा। विज्ञापन जारी होने के बाद पात्र अयर्थी ऑनलाइन आवेदन कर पाएंगे। मुयमंत्री भूपेश बघेल के द्वारा इस वर्ष लिए गए फैसले के बाद व्यापमं के अंतर्गत होने वाली भर्ती परीक्षा के लिए किसी भी प्रकार का कोई शुल्क भुगतान की आवश्यकता नहीं होगी। सरकार की घोषणा के साथ ही शिक्षक बनने के इ'छुक बेरोजगारों ने तैयारी शुरू कर दी है। ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर बेरोजगार पिछले बार के स्टडी मटेरियल तलाशने में जुट गए हैं।
2019 में हुई शिक्षक भर्ती परीक्षा की तरह इस बार भी छत्तीसगढ़ व्यावसायिक परीक्षा मंडल ही उक्त पदों पर भर्ती परीक्षा आयोजित करेगा। विज्ञापन जारी होने के बाद पात्र अयर्थी ऑनलाइन आवेदन कर पाएंगे। मुयमंत्री भूपेश बघेल के द्वारा इस वर्ष लिए गए फैसले के बाद व्यापमं के अंतर्गत होने वाली भर्ती परीक्षा के लिए किसी भी प्रकार का कोई शुल्क भुगतान की आवश्यकता नहीं होगी। सरकार की घोषणा के साथ ही शिक्षक बनने के इ'छुक बेरोजगारों ने तैयारी शुरू कर दी है। ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर बेरोजगार पिछले बार के स्टडी मटेरियल तलाशने में जुट गए हैं।
बस्तर संभाग के इन जिलों से इतने सहायक शिक्षकों की मांग
बस्तर: 2263
कोण्डागांव: 1387
नारायणपुर: 439
कांकेर: 1589
सुकमा:1337
बीजापुर:1370
दंतेवाड़ा:694
कुल: 9079
बस्तर: 2263
कोण्डागांव: 1387
नारायणपुर: 439
कांकेर: 1589
सुकमा:1337
बीजापुर:1370
दंतेवाड़ा:694
कुल: 9079
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