एससी-एसटी को प्रोन्नति में आरक्षण के मामले में केंद्रीय गृह सचिव अजय कुमार भल्ला ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर कहा है कि कोर्ट के आदेश की अवहेलना नहीं हुई है।
प्रोन्नतियां सरकार की प्रशासकीय जरूरतों को देखते हुए अटार्नी जनरल (एजी) की राय पर आरक्षण लागू किए बगैर वरिष्ठता के आधार पर अस्थायी तौर पर की गई थीं। कोर्ट के अवमानना नोटिस के जवाब में दाखिल हलफनामे में भल्ला ने नोटिस वापस लेने और लंबित अवमानना याचिका खारिज करने का अनुरोध किया है। गुरुवार को मामला सुनवाई पर लगा था, लेकिन समय की कमी के कारण सुनवाई नहीं हो सकी। कोर्ट ने मामले को मंगलवार को सुनवाई पर लगाने का आदेश दिया है।सुप्रीम कोर्ट में केंद्र और विभिन्न राज्य सरकारों की याचिकाएं लंबित हैं जिनमें एससी-एसटी को प्रोन्नति में आरक्षण पर स्थिति साफ करने की मांग की गई है। सुप्रीम कोर्ट ने 15 अप्रैल, 2019 को केंद्र सरकार को प्रोन्नति में आरक्षण के मामले में यथास्थिति कायम रखने का आदेश दिया था। वकील कुमार परिमल के जरिये देबानंद साहू ने केंद्र सरकार के खिलाफ अवमानना याचिका दाखिल की है जिसमें आदेश का उल्लंघन कर प्रोन्नतियां करने का आरोप लगाया गया है। अवमानना याचिका में गृह सचिव अजय भल्ला को प्रतिवादी बनाया गया है, कोर्ट ने उन्हें नोटिस जारी किया था।