डिजीलाकर पर उपलब्ध केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) के आनलाइन अंकपत्र, पासिंग सर्टिफिकेट व माइग्रेशन कानूनी रूप से मान्य होंगे। सीबीएसई ने सभी उच्च शिक्षण संस्थानों से आग्रह किया है कि वह
डिजिटल कापी को भी स्वीकार करें। कुछ विश्वविद्यालय व कालेजों द्वारा छात्रों से अंकपत्र व माइग्रेशन की हार्डकापी मांगें जाने की जानकारी मिलने पर सीबीएसई ने यह कदम उठाया है। विद्यार्थियों का हित प्रभावित न हो इसके लिए बोर्ड ने यूजीसी सचिव को भी पत्र लिखकर सभी उच्च संस्थानों को क्यूआर कोड और डिजिटल हस्ताक्षर के साथ दस्तावेजों की डिजिटल कापी स्वीकार करने का निर्देश देने का अनुरोध किया है।नामांकन के समय विद्यार्थियों से छपे अंकपत्र व मांगे पर बोर्ड ने उठाया कदम
सीबीएसई ने 22 जुलाई को 12वीं के परिणाम जारी करते समय कहा था कि जल्द ही 12वीं के अंकपत्र व माइग्रेशन की छपी कापी भी जारी की जाएगी। तब तक उच्च शिक्षण संस्थानों में प्रवेश लेने वाले छात्र प्रवेश प्रक्रिया के लिए डिजिलाकर पर उपलब्ध अपने डिजिटल दस्तावेजों का उपयोग कर सकते हैं। स्नातक में नामांकन की प्रक्रिया के दौरान कुछ कालेज अंकपत्र व माइग्रेशन की छपी कापी मांगने लगे तो छात्रों की मुश्किल बढ़ गई, क्योंकि बोर्ड ने छपी हुई कोई प्रति उपलब्ध ही नहीं कराई थी।
बोर्ड ने डिजिलाकर पर इन दोनों प्रमाणपत्रों की डिजिटल कापी उपलब्ध कराई है, जिसके सहारे छात्र-छात्राएं नामांकन करा रहे हैं। कुछ उच्च शिक्षण संस्थाएं तो डिजीटल कापी को मान्यता दे रहे हैं, लेकिन कई ऐसे हैं जो इसे मानने को तैयार नहीं हैं।
सीबीएसई को शिकायत मिली थी कि कुछ उच्च शिक्षण संस्थाओं द्वारा छात्रों से नामांकन प्रक्रिया के दौरान अंकपत्र व माइग्रेशन की छपी प्रति मांगी जा रही है। इसके मद्देनजर बोर्ड ने नोटिस जारी कर कहा है कि डिजिलाकर पर उपलब्ध कक्षा 12वीं के अंकपत्र व माइग्रेशन की डिजिटल कापी को कानूनी रूप से मान्य है। छात्रों को जल्द ही अंकपत्र व प्रमाण पत्र की छपी प्रतियां उपलब्ध करा दी जाएगी। - अजित दीक्षित, जिला समन्वयक, सीबीएसई।