लखीमपुर खीरी। भले ही शिक्षा विभाग बेस्ट स्कूल आफ द वीक अभियान चलाकर स्कूलों में शिक्षा व्यवस्था के साथ ही बेहतर सुविधाएं देने का दावा कर रहा हो, लेकिन परिषदीय विद्यालयों की हालत किसी से छिपी नहीं है। तमाम परिषदीय स्कूलों में बच्चों के बैठने से लेकर पेयजल तक की व्यवस्था तक नहीं हैं।
शौचालय न होने, गंदा होने के चलते बच्चों को शौच के लिए बाहर जाना पड़ता है। हाल यह है कि एक विद्यालय में 15 अध्यापक तैनात हैं तो एक स्कूल महज शिक्षामित्र के सहारे चल रहा है। शुक्रवार को पड़ताल के दौरान स्कूलों की स्थिति असंतोषजनक मिली।प्राथमिक विद्यालय कमलापुर
शुक्रवार को प्राथमिक विद्यालय कमलापुर का निरीक्षण किया। यहां कमरे तो चार थे, लेकिन पढ़ाई सिर्फ तीन में हो रही थी। टाट-पट्टी पर बैठकर पढ़ रहे बच्चे उमस भरी गर्मी से परेशान दिखाई दिए। स्कूल परिसर में लगा हैंडपंप खराब था। कुल 220 छात्र-छात्राएं पंजीकृत हैं। इनकी पढ़ाई का जिम्मा महज एक शिक्षामित्र के हाथ में हैं। शिक्षामित्र वीरेंद्र ने बताया कि स्टाफ न होने की वजह से दो-दो कक्षाओं के बच्चों को एक कमरे में बिठाकर पढ़ाया जा रहा है। कुछ दिन पहले कुछ शरारती तत्वों ने केबिल काट ली थी, इससे सप्लाई बाधित है।
संविलियन विद्यालय उदयपुर
संविलियन विद्यालय उदयपुर महेवा में शिक्षक तो पर्याप्त थे, लेकिन यहां बच्चों को पढ़ाने के लिए कमरों की कमी खल रही थी। बताया गया कि विद्यालय में कुल 15 शिक्षक-शिक्षिकाओं का स्टाफ है। चार सौ से ज्यादा की संख्या वाले इस स्कूल में भी बच्चे जमीन पर बैठे दिखे। स्टाफ का कहना था कि जगह की कमी को देखते हुए फर्नीचर के लिए डिमांड नहीं की गई है।
हादसे को दावत दे रही स्कूल की जर्जर इमारत
संविलियन विद्यालय में तैनात हेड मास्टर मंजूसा शुक्ला ने बताया कि स्कूल परिसर में दो कमरों की जर्जर इमारत है। कई बार इस इमारत को ढहाकर नया निर्माण कार्य कराने के लिए पत्राचार किया जा चुका है। पत्राचार के बाद दो बार उक्त इमारत की बोली भी लग चुकी है लेकिन अभी तक नतीजा कोई भी नहीं निकल सका है। बताया कि कई बार बच्चे इस इमारत के आस पास खेला करते हैं। ऐसे में हादसा घटने के दौरान कुछ भी हो सकता है।
स्कूलों में दिखाई दी गंदगी
महेवागंज। फूलबेहड़ ब्लॉक के प्राथमिक विद्यालय सांभर चौरा में पंजीकृत 65 बच्चों में 36 बच्चे पढ़ाई करते मिले। इंचार्ज प्रधानाध्यापक अजय गौतम सफाई कर्मी से सफाई करा रहे थे। स्कूल में चार लोगों का स्टाफ है। नकहा ब्लॉक के बेलपुरवा प्राथमिक स्कूल में गेट पर ही कूड़ा कचरा पड़ा दिखा। 91 बच्चाें के सापेक्ष 75 बच्चे उपस्थित रहे। यहां भी बच्चे फर्श पर बैठ कर पढ़ते नजर आए। दोनों स्कूलों के कमरों में सीलन मिली।
चार्ज लिए अभी कुछ दिन ही हुए हैं। शिक्षा व्यवस्था को दुरूस्त करने के लिए कड़े कदम उठाए जाएंगे। शहर में जहां कहीं भी स्टाफ ज्यादा होगा, वहां से शिक्षकों को दूसरे विद्यालयों में अटैच किया जाएगा। ताकि शिक्षा व्यवस्था प्रभावित न हो।
- प्रवीण कुमार तिवारी, बीएसए
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