the state is at liberty to continue them as shikshamitra on same terms on which they were working prior to their absorption, if the state so decides.."
माननीय सुप्रीम कोर्ट ने 25 जुलाई 2017 के अपने जजमेंट में उपरोक्त तथ्यों को लिखा है जिसका सम्भवत: यह अर्थ है कि राज्य सरकार शिक्षामित्रों को समायोजन से पूर्व जिस स्थिति में काम करते थे उस स्थिति में रखने के लिए निर्णय लें।
लेकिन राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवहेलना करते हुए समायोजन से पूर्व की स्थिति में न रखकर मूल स्थिति में रख दिया क्योंकि शिक्षामित्रों के मूल स्थिति और पूर्व स्थिति में बहुत अंतर है।
सबसे बड़ी बात यह है कि जब किसी अन्ट्रेड टीचर को राज्य सरकार सेवारत प्रशिक्षण करवाती थी और वह प्रशिक्षण पूरा करने के उपरांत ट्रेन्ड टीचर कहे जाते थे तो क्या कोई बता सकता है कि आखिर शिक्षामित्रों को भी राज्य सरकार जब अन्ट्रेड टीचर मानकर प्रशिक्षण करवाया तो क्या वह ट्रेंड टीचर नहीं कहलाएंगे यदि नहीं तो आखिर क्यों???
हम लोगों ने उपरोक्त आधार पर इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दायर किया है जिसकी पहली सुनवाई दिनांक 16/12/2021 को हुई, पहली सुनवाई में जज महोदय ने राज्य सरकार के अधिवक्ता को अपना पक्ष रखने को कहें लेकिन राज्य सरकार के अधिवक्ता ने अपना पक्ष अगली डेट पर रखने को कहकर समय मांगा जिस पर जज महोदय ने सरकारी अधिवक्ता महोदय को अगली डेट पर अपना पक्ष रखने को कहा लेकिन अगली डेट पर जब सरकारी अधिवक्ता उपस्थित नहीं हुए तो जज महोदय ने कांउटर दाखिल करने को कहा लेकिन सरकारी अधिवक्ता द्वारा कांउटर दाखिल नहीं किया गया तब जज महोदय ने अपने अंतिम आदेश में कहें कि अब आपको समय नहीं दिया जाएगा और आप अगली डेट पर व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होकर अपना पक्ष रख सकते है और अंतिम डेट सितंबर 2022 को केस एडिशनल लिस्ट में शामिल होने के कारण अभी तक नम्बर नहीं आ पाया है और इस समय कोर्ट बंद चल रहा है इसलिए अब यह केस इस माह जुलाई में लिस्टेड होने की संभावना है।
हम लोगो का विचार है कि यदि इस याचिका में एक नई याचिका दायर करके कनेक्ट करवाई जाए तो वीरेन्द्र प्रताप सिंह जी की याचिका पर जल्द सुनवाई हो सकती हैं।
वैसे हम लोगो ने अपने अधिवक्ता महोदय को पूरे सुनवाई का खर्चा दे चुके हैं इसलिए जिन साथियों को इस याचिका में शामिल होना हो वह अपने खर्चे पर किसी दूसरे अधिवक्ता या वीरेन्द्र प्रताप सिंह जी की याचिका दायर करने वाले अधिवक्ता महोदय से संपर्क करके शामिल हो सकते हैं ।
विरेन्द्र प्रताप सिंह 9140433713
प्रफुल्ल कुमार दूबे +91 98388 76514
रसीद अहमद 9918313452