प्रयागराज,। इस वर्ष शिक्षकों को आवेदन करते समय लगभग 1500 शब्दों में अपने किए गए उल्लेखनीय कार्यों का लेखाजोखा देना है।
इसमें कुछ छात्रों (अधिकतम पांच) के बारे में भी बताना होगा जिनके जीवन में शिक्षक के संपर्क में आने से सकारात्मक बदलाव, जैसे विपरीत परिस्थितियों में पढ़ाई जारी रखना, शिक्षक से जिस विषय को सीखा उसमें खास उपलब्धि मिली हो या उच्च पद पर कार्यरत आदि, आया हो। राज्य अध्यापक पुरस्कार 2019 के विजेता डॉ. आरडी शुक्ला का कहना है कि इस साल वस्तुनिष्ठ मानक के लिए 100 में से 10 नंबर मिलेंगे, जबकि पिछले साल इसके लिए 20 अंक निर्धारित थे। वहीं प्रदर्शन आधारित मानक के लिए 100 में से 90 अंक मिलेंगे, जबकि वर्ष 2022 में 80 अंक मिले थे।
शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए हर साल मिलने वाले राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार में इस बार छात्र-छात्राओं की उपलब्धियां अहम भूमिका निभाएंगी। शिक्षा मंत्रालय के स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग की ओर से इन पुरस्कारों के लिए 30 जुलाई तक ऑनलाइन आवेदन मांगे गए हैं। इस बार नियमों में कुछ बदलाव किया गया है।
पूरे देश से अधिकतम 154 शिक्षक करते हैं आवेदन
राष्ट्रीय अध्यापक पुरस्कार के लिए पूरे देश से 154 शिक्षक आवेदन करते हैं। हर राज्य, संघ शासित प्रदेश व सीबीएसई, सीआईएससीई आदि का कोटा तय है। उत्तर प्रदेश, बिहार, पंजाब, आन्ध्र प्रदेश, पश्चिम, बंगाल, राजस्थान समेत कुछ राज्यों व सीबीएसई के अधिकतम 6-6 शिक्षकों से आवेदन लिए जाते हैं।