नई दिल्ली। देश के 25% 14 से 18 आयु वर्ग के छात्र कक्षा दो की क्षेत्रीय भाषा की पुस्तक पढ़ने में असमर्थ हैं। आधे से अधिक युवा भाग के सामान्य सवाल हल करने में पीछे हैं। यह खुलासा वार्षिक शिक्षा स्थिति रिपोर्ट
(असर) 2023 में हुआ है। दिल्ली में बुधवार को भारत में सरकारी स्कूलों में शिक्षा के स्तर को दर्शाती असर रिपोर्ट 2023 जारी की गई है। असर रिपोर्ट के लिए 26 राज्यों के 28 जिलों में 14 से 18 आयु वर्ग के 34,745 बच्चों पर सर्वेक्षण किया है। देशभर के प्रत्येक राज्य के एक ग्रामीण जिले को चुना गया है, जबकि उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के दो-दो ग्रामीण जिलों को सर्वे के लिए चुना गया था। असर रिपोर्ट 2023 रिपोर्ट के मुताबिक, देशभर के 86.8% छात्र किसी न किसी शैक्षणिक संस्थान में नामांकित हैं लेकिन आयु के अनुसार नामांकन में कुछ अंतर है। इसके मुताबिक 14 वर्ष के 3.9% और 18 वर्ष के 32.6% युवा कहीं भी पढ़ाई नहीं कर रहे हैं। उदाहरण के तौर पर, 14 साल के 96.1% छात्रों ने शैक्षणिक संस्थानों में प्रवेश लिया था, लेकिन जब 18 साल के बच्चों की बात आती है तो यह प्रतिशत तेजी से गिरकर 67.4% हो गया.लड़कों का सर्वाधिक साइंस, टेक्नोलॉजी और गणित में रुचि
अभी तक इंजीनियरिंग, टेक्नोलॉजी, साइंस, मैथ्स यानी स्टेम में लड़कियों का दबदबा होता था। लेकिन अब एक बड़ा बदलाव असर 2023 रिपोर्ट में दिखा है। इसके स्टेम एरिया यानी साइंस, मुताबिक, इंजीनियरिंग, टेक्नोलॉजी व मैथ्स में अब लड़कों का रुझान बढ़ रहा है। देश में 36.3% लड़के इन विषयों में पढ़ाई कर रहे हैं। जबकि लड़कियां का यहां आंकड़ा महज 28.1% है। हालांकि, उच्च शिक्षा तक आते-आते बेटियां आगे निकल जाती हैं। वहीं, 70.9% लड़के कक्षा दो की पढ़ाई क्षेत्रीय भाषा में कर पाते हैं तो लड़कियों का यह आंकड़ा 76% है। हालांकि, लड़के अंग्रेजी और गणित में बेहतर प्रदर्शन करते हैं।