सुप्रीम कोर्ट 69000 शिक्षक भर्ती आरक्षण मैटर
सुप्रीम कोर्ट में आरक्षण मुद्दे की सुनवाई चीफ जस्टिस श्री डी वाई चन्द्रचूण साहब की अध्यक्षता वाली फुल बेंच में हुई । बहस की शुरुआत में आनारक्षित वर्ग के वकीलों ने 69000 भर्ती में हुए एटीआरई परीक्षा को चयन प्रक्रिया का हिस्सा साबित करने में लगे रहे,और इसी के आधार पर वो आरक्षित वर्ग के लोग जो 97 नम्बर से कम नम्बर पाकर भी उत्तर प्रदेश आरक्षण अधिनियम 1994 की धारा 3(6) का लाभ लेकर ओवरलैप किये थे उनको बाहर करने की मांग की।।
और चीफ जस्टिस साहब ने बोला की इस पूरे प्रकरण में हमें सिर्फ ये डिसाइड करना है की 69000 भर्ती की एटीआरई परीक्षा इस भर्ती के लिए पात्रता परीक्षा है या ये चयन का भाग है।
अब महत्वपूर्ण बात ये है की खुद सुप्रीम कोर्ट ने राम शरण मौर्या के मुकदमें में 60/65% कट ऑफ तय करते समय ये माना है और आर्डर के आपरेटिव पार्ट में ये साफ साफ बोला है कि एटीआरई 69000 भर्ती में चयन के लिए सिर्फ एक पात्रता परीक्षा है।और इसी आधार पर शिक्षामित्रों को एटीआरई परीक्षा के अंको में 25 अंको का वेटेज न देकर बेसिक शिक्षा नियमावली के अपेंडिक्स में 25 अंक का वेटेज दिया गया है।।
और सबसे महत्वपूर्ण बात उत्तर प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में राम शरण मौर्या के मुकदमें में ये एफिडेविट दिया है की एटीआरई सिर्फ एक पात्रता परीक्षा है।अब वो कोर्ट में इसके खिलाफ कैसे बोलेगी?
और तो और एएसजी साहिबा ने कल ओपेन कोर्ट में ये स्वीकार कर लिया है की हमें हाईकोर्ट डिवीजन बेंच का आदेश स्वीकार है,,,
अब अगर सुप्रीम कोर्ट राम शरण मौर्या के मुकदमें में आए आदेश को ही सही मानती है यानी एटीआरई को सिर्फ एक पात्रता परीक्षा मानती है तो जो आरक्षित वर्ग आनारक्षित में ओवरलैप किये हैं वो सही रहेगा और लिस्ट बदलेगी।
और अगर सुप्रीम कोर्ट की पूर्ण पीठ ये कहती है की एटीआरई चयन का आधार है तो वो राम शरण मौर्या में आए सुप्रीम कोर्ट की डिवीजन बेंच के आदेश को ओपर रूल (पलट)करेगी तो शिक्षामित्रों को 25 अंक का वेटेज एटीआरई परीक्षा में ही देना होगा जिससे अनारक्षित वर्ग में चयन पाए 80-90 % लोग बाहर होगें,।और तब भी लिस्ट दोबारा बनेगी।और आरक्षित वर्ग की ओवरलैपिंग नहीं होगी।
कुल मिलाकर आगे कूआं पीछे खाई वाली परिस्थितियां है 69000 के चयनितों के लिए,,
*एटीआरई को सिर्फ पात्रता परीक्षा माने कोर्ट तो ओवरलैपिंग होगी और लिस्ट बदलेगी*
*एटीआरई को चयन प्रक्रिया का हिस्सा मानेगी तो 25 अंक का वेटेज लेकर शिक्षामित्र अंदर आएंगे तो भी लिस्ट बदलेगी और इस स्थित में सबसे अधिक नुकसान आनारक्षित वर्ग की सीटों पर चयन पाए लोगों का होगा*
और जो आरक्षित वर्ग के लोग चयनित होने के बाद भी कालीदास बने बैठें है और खुद का दिमाग न लगाकर सुप्रीम कोर्ट में लड़ाई के लिए सहयोग या चंदा दे रहें हैं वो अपनी कब्र खुद खोद रहें है।।
फिलहाल मेरी सलाह शिक्षामित्रों को भी है वो भी राम शरण मौर्या के मुकदमें के पूरे बेस के साथ इस 69000 आरक्षण विवाद में पार्टी बनें और अपनी बात रखें क्योंकी अगर राम शरण मौर्या का आदेश पलटा तो मलाई ये भी खाएंगे।
बाकी आनारक्षित वर्ग की पूरी एसएलपी या यू कहें की चयन लिस्ट सिर्फ दया के अनुसार ही सुरक्षित होगी कानून और मेरिट पर जाने पर बदलाव तय हैं।
और ओवरलैपिंग रोकने के लिए उत्तर प्रदेश आरक्षण अधिनियम को भी रद्द करना होगा और ये किसी ने चैलेंज किया नहीं है,।और हर राज्य की अपनी आरक्षण देने के नियमावली होती है उसमें कोर्ट हस्तक्षेप करेगी नहीं तो जो ये डबल/ ट्रिपल आरक्षण की गाथा और सुप्रीम कोर्ट के आदेश हैं वो सम्बन्धित राज्य या सेंट्रल की आरक्षण व्यवस्था पर हैं सबको एक तराजू पर तौल नहीं सकते।।
फिलहाल सर्वोच्च न्यायालय के अंतरिम फैसले को अंतिम समझने वाले क्षणिक आनंद ले सकते हैं।
सुप्रीम कोर्ट के अंतिम फैसले का सम्मान सहित इंतजार रहेगा।
धन्यवाद
अनिल मौर्या