Wednesday 11 September 2024

69000 शिक्षक भर्ती: एक नंबर से चयन से वंचित अभ्यर्थियों को भी है अपनी नियुक्ति का इंतजार

 लखनऊ। 69000 शिक्षक भर्ती का मामला पहली बार सुप्रीम कोर्ट नहीं पहुंचा है। इससे पहले एक नंबर से चयन से वंचित रहे अभ्यर्थियों का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच चुका है। र्थयों की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट अभ्यर्थियों की ने शैक्षिक परिभाषा के सवाल पर एक अंक बढ़ाने का आदेश दिया था, लेकिन 2200 से ज्यादा अभ्यर्थी दो साल से आदेश के पालन का इंतजार कर रहे हैं।



दरअसल, 69000 शिक्षक भर्ती की फाइनल आंसर की जारी होने के साथ ही मई 2020 में अभ्यर्थियों ने हाईकोर्ट में शैक्षिक परिभाषा के सवाल को लेकर याचिका दायर की थी। इसमें 25 अगस्त 2021 को इलाहाबाद हाईकोर्ट की डबल बेंच ने एक नंबर बढ़ाते हुए कोर्ट में आए याचियों को अंतिम कटऑफ, गुणांक मेरिट के अनुसार चयन करने का आदेश दिया था। अभ्यर्थी दुर्गेश शुक्ला ने बताया कि इस मामले में विभाग ने हाईकोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। इस पर 9 नवंबर 2022 को सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश को सही ठहराते हुए याचियों के पक्ष में फैसला सुनाया।

परीक्षा नियामक प्राधिकारी ने जनवरी 2023 में ऑनलाइन प्रत्यावेदन लेकर 2249 अभ्यर्थियों की सूची तैयार की थी। इसे सचिव बेसिक शिक्षा में कटऑफ, गुर्णांक मेरिट निर्धारित करने के लिए भेजा था। 


अभ्यर्थियों ने महीनों दिया था धरना

एक नंबर बढ़ाने के आदेश को लागू कराने व नियुक्ति के लिए अभ्यर्थियों ने अगस्त 2023 से दिसंबर 2023 तक लखनऊ में विभिन्न स्थानों पर धरना-प्रदर्शन किया था, लेकिन अब तक विभाग भर्ती का कटऑफ, गुणांक निर्धारित नहीं कर सका है। इस बीच इलाहाबाद हाईकोर्ट से पूरी सूची निरस्त कर नए सिरे से सूची बनाने का आदेश हो जाता है। दुर्गेश ने कहा कि सरकार हाईकोर्ट व सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन करते हुए एक नंबर से नियुक्ति से वंचित अभ्यर्थियों को भी तैनाती दे।