इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ बैंच शिक्षक अजय तोमर द्वारा दायर की गई याचिका पर न्यायालय ने दिया स्थगन आदेश। विदित हो कि बेसिक शिक्षा विभाग में सरकार द्वारा शिक्षकों की समायोजन प्रक्रिया गतिमान थी जिसको लेकर शिक्षकों में रोष था।
विभाग द्वारा इस पर कोई सुनवाई नहीं की जा रही थी। इसलिए विभाग और सरकार द्वारा मनमाने ढंग किए जा रहे समायोजन के विरुद्ध शिक्षक अजय तोमर द्वारा न्याय के लिए न्यायालय का दरवाजा खटखटाया गया। इस पर सहमति जताते हुए विभाग द्वारा निकले गए शासनादेश दिनांक 16/08/2024 को स्थगन करते हुए सरकार से हलफनामा मांगा है। याचिकाकर्ता अजय तोमर से हुए बातचीत के दौरान उन्होने बताया कि विभाग द्वारा इस
प्रकार कि मनमानी के विरुद्ध हम देश कि सबसे बड़ी अदालत तक जाएंगे क्योंकि इसमें इतनी विसंगतियां है कि किसी को और यहाँ तक की विभाग को भी समझ नहीं आ रहा कि आखिर वो कर क्या रहें है। ये लोग अपने पूर्व के शासनादेश बेशिप/6319-6562/ 2018-19, दिनाँक 03-08-2018 में क्रमांक 2 पर निर्देशित इस बात को भी भूल गए कि उन्होने खुद किसी भी प्रधानाध्यापक युक्त विद्यालय से प्रधानाध्यापक को सरप्लस मनाने से
मना किया था चाहे वहां संख्या 151 से कम भी क्यों न हो। अवगत हो कि पूर्व में हिमांशु राणा कि पदोन्नति के संबंधित याचिका पर जनवरी 2024 पर स्थगन आदेश हो चुका है, परन्तु मनमाने तरीके से विभाग ने जूनियर सहायक के पद पर जबरन प्रधानाध्यापक को पदास्थापित कर दिया जो कि नियम विरुद्ध है। अगले सप्ताह शिक्षक अजय तोमर और हिमांशु राणा द्वारा मेरठ में शिक्षकों कि एक मीटिंग बुलाई है