मैनपुरी (उत्तर प्रदेश)। उत्तर प्रदेश के मैनपुरी जिले से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां एक व्यक्ति ने लगातार 22 वर्षों तक एक साथ दो सरकारी पदों पर काम किया और दोनों जगह से नियमित वेतन भी प्राप्त करता रहा। यह मामला सामने आने के बाद प्रशासनिक हलकों में हड़कंप मच गया है।
2002 में शिक्षक, 2003 में दूसरा सरकारी पद
जानकारी के अनुसार संबंधित व्यक्ति की 2002 में बेसिक शिक्षा विभाग में शिक्षक के पद पर नियुक्ति हुई थी। इसके अगले ही वर्ष यानी 2003 में उसने एक राजकीय कॉलेज में जनसंपर्क अधिकारी (पीआरओ) के पद पर भी ज्वाइन कर लिया। नियमों के अनुसार कोई भी सरकारी कर्मचारी एक साथ दो सरकारी पदों पर कार्य नहीं कर सकता, इसके बावजूद यह सिलसिला वर्षों तक चलता रहा।
22 साल तक नहीं हुई जांच, दोनों जगह मिलती रही सैलरी
हैरानी की बात यह है कि करीब 22 वर्षों तक किसी भी विभाग ने इस दोहरी नियुक्ति की जांच नहीं की। इस दौरान संबंधित व्यक्ति दोनों विभागों से नियमित वेतन लेता रहा और किसी स्तर पर कोई आपत्ति दर्ज नहीं हुई।
शिकायत के बाद खुली पोल
वर्ष 2024 में की गई एक शिकायत के बाद मामले की जांच शुरू हुई। जांच में स्पष्ट हुआ कि व्यक्ति ने एक साथ दो सरकारी नौकरियां की हैं, जो सेवा नियमों का सीधा उल्लंघन है।
एक पद से बर्खास्त, दूसरे पर कार्रवाई की तैयारी
जांच के बाद संबंधित व्यक्ति को उच्च शिक्षा विभाग के अंतर्गत पीआरओ पद से बर्खास्त कर दिया गया है। वहीं अब शिक्षक पद से भी सेवा समाप्ति की संस्तुति कर दी गई है और आगे की विभागीय कार्रवाई प्रक्रिया में है।
प्रशासन पर भी उठे सवाल
इस पूरे मामले ने सरकारी तंत्र की निगरानी व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। इतने लंबे समय तक दोहरी नौकरी का सामने न आना सिस्टम की बड़ी चूक मानी जा रही है।