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69,000 सहायक शिक्षक भर्ती मामला: सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई फिर टली, अब फरवरी में होगी अगली सुनवाई

लखनऊ। उत्तर प्रदेश की बहुचर्चित 69,000 सहायक शिक्षक भर्ती से जुड़े आरक्षण विवाद मामले में सुप्रीम कोर्ट में प्रस्तावित सुनवाई एक बार फिर टल गई है। सरकारी पक्ष के अधिवक्ता की अनुपस्थिति के कारण अदालत इस महत्वपूर्ण मामले की सुनवाई नहीं कर सकी। अब इस प्रकरण की अगली सुनवाई 4 फरवरी 2026 को होगी।

आरक्षण विवाद बना मुख्य मुद्दा

यह मामला भर्ती के दौरान 19,000 पदों पर आरक्षण नियमों के पालन न होने से जुड़ा है। याचिकाकर्ताओं का आरोप है कि चयन प्रक्रिया में आरक्षित वर्गों को निर्धारित आरक्षण का लाभ नहीं दिया गया।

  • अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) को 27 प्रतिशत की जगह बहुत कम आरक्षण मिला

  • अनुसूचित जाति (SC) के लिए भी तय आरक्षण लागू नहीं किया गया

इसी आधार पर भर्ती प्रक्रिया को चुनौती दी गई है।

हाईकोर्ट पहले ही रद्द कर चुका है चयन सूची

इससे पहले लखनऊ हाईकोर्ट ने अगस्त 2024 में भर्ती की चयन सूची को निरस्त करते हुए राज्य सरकार को नई सूची जारी करने के निर्देश दिए थे। कोर्ट ने स्पष्ट किया था कि आरक्षण नियमों का पालन अनिवार्य है। हालांकि, राज्य सरकार द्वारा समयसीमा में आदेश का पालन नहीं किया गया, जिसके बाद मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा।

अभ्यर्थियों में बढ़ती नाराजगी

सुनवाई बार-बार टलने से आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों में गहरी नाराजगी है। उनका कहना है कि वर्षों से लंबित यह मामला हजारों शिक्षकों के भविष्य को प्रभावित कर रहा है। अभ्यर्थियों ने यह सवाल भी उठाया है कि जब चयन सूची विवादित है, तो चयनित शिक्षकों को प्रशिक्षण क्यों दिया जा रहा है।

2018 से लंबित है मामला

गौरतलब है कि 69,000 सहायक शिक्षक भर्ती प्रक्रिया वर्ष 2018 में शुरू हुई थी, जबकि परिणाम 2020 में घोषित किए गए थे। तभी से यह भर्ती कानूनी विवादों में फंसी हुई है और अब भी अंतिम निर्णय की प्रतीक्षा जारी है।

निष्कर्ष:
अब सभी की निगाहें फरवरी 2026 में होने वाली अगली सुनवाई पर टिकी हैं, जहां से इस लंबे समय से चले आ रहे शिक्षक भर्ती विवाद के समाधान की उम्मीद की जा रही है।

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