लखनऊ। प्रदेश के परिषदीय विद्यालयों में अब शिक्षकों की उपस्थिति पूरी तरह ऑनलाइन दर्ज की जाएगी। इसके लिए शासन ने आधिकारिक शासनादेश जारी कर दिया है।
बेसिक शिक्षा विभाग एक नया डिजिटल उपस्थिति प्लेटफॉर्म तैयार करेगा, जिसमें शिक्षक, शिक्षामित्र, अनुदेशक और शिक्षणेत्तर कर्मचारी—सभी अपनी हाजिरी डिजिटल माध्यम से दर्ज करेंगे।
यह प्लेटफॉर्म माध्यमिक शिक्षा विभाग के सहयोग से विकसित होगा, क्योंकि वहां पहले से ही ऑनलाइन हाजिरी प्रणाली लागू है।
तकनीकी समिति गठित होगी, डिजिटल प्लेटफॉर्म का ब्लूप्रिंट तैयार करेगी
बेसिक शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव पार्थ सारथी सेन शर्मा ने निर्देश दिया है कि इस नई व्यवस्था के लिए महानिदेशक स्कूल शिक्षा की अध्यक्षता में एक तकनीकी समिति बनाई जाएगी।
यह समिति:
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माध्यमिक शिक्षा विभाग में लागू मॉडल का अध्ययन करेगी
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बेसिक शिक्षा विभाग के लिए अनुकूल डिजिटल हाजिरी प्रणाली का ब्लूप्रिंट तैयार करेगी
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प्लेटफॉर्म निर्माण, परीक्षण और प्रशिक्षण की संपूर्ण प्रक्रिया का मार्गदर्शन करेगी
माध्यमिक विद्यालयों में पहले बायोमीट्रिक सिस्टम लागू किया गया था, लेकिन सफलता न मिलने पर बाद में प्रधानाचार्यों के माध्यम से ऑनलाइन उपस्थिति अप्रूवल प्रणाली अपनाई गई।
बेसिक शिक्षा विभाग भी इसी मॉडल पर कार्य करेगा, जहां प्रधानाध्यापक ऑनलाइन उपस्थिति को स्वीकृति देंगे।
सभी श्रेणी के कर्मचारी शामिल होंगे
नए डिजिटल प्लेटफॉर्म में निम्न सभी कर्मचारी अनिवार्य रूप से हाजिरी दर्ज करेंगे:
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शिक्षक
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शिक्षामित्र
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अनुदेशक
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शिक्षणेत्तर कर्मचारी
इससे विभागीय उपस्थिति प्रणाली में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित होने की उम्मीद है।
2026 में लागू होने की संभावना, पर शिक्षक संगठन विरोध पर कायम
विभाग का अनुमान है कि यह नई डिजिटल उपस्थिति प्रणाली पूरी तरह 2026 से लागू हो सकती है।
हालाँकि कई शिक्षक संगठन इस निर्णय को जल्दबाज़ी बताते हुए इसका विरोध कर रहे हैं।
शिक्षक संगठनों के अनुसार:
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विभाग शिक्षकों की वर्षों पुरानी मांगों को अनदेखा कर रहा है
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प्रतिदिन ऑनलाइन हाजिरी से ग्रामीण क्षेत्रों में तकनीकी समस्याएँ बढ़ेंगी
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शिक्षकों पर अतिरिक्त मानसिक और प्रशासनिक दबाव पड़ेगा
संगठनों का कहना है कि मांगें पूरी किए बिना ऑनलाइन हाजिरी लागू करना अनुचित है।
शिक्षकों की प्रमुख लंबित मांगें (जिनके समाधान की अपेक्षा है)
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ईएल (Earned Leave) और सीएल (Casual Leave) की सुविधा लागू की जाए
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आधे दिन के अवकाश की व्यवस्था शुरू हो
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मेडिकल सुविधा उपलब्ध कराई जाए
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समूह बीमा योजना लागू की जाए
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गृह जनपद में तैनाती की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए
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चयन वेतनमान की स्वीकृति दी जाए
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शिक्षकों को गैर-शैक्षिक कार्यों से मुक्त किया जाए
निष्कर्ष
बेसिक शिक्षा विभाग ने डिजिटल उपस्थिति व्यवस्था शुरू करने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं, लेकिन शिक्षक समुदाय इस बदलाव से पूरी तरह सहमत नहीं है।
अब सभी की निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि क्या सरकार शिक्षकों की लंबित मांगों पर कोई बड़ा निर्णय लेती है या विरोध आगे और तेज होता है।