सरप्लस शिक्षामित्रों पर निर्णय बाद में होगा
लखनऊ प्रमुख संवाददाता पहले विभाग ने तय किया था कि जिन जिलों में रिक्त सीटें कम हैं, वहां के शिक्षामित्रों को दूसरे जिले में समायोजित किया जाएगा और मूल जिले में पद खाली होने पर तबादला कर दिया जाएगा लेकिन नियमावली के मुताबिक सहायक अध्यापक का पद जिला काडर का होता है और इस फामरूले को अपनाने पर नियमावली बदलनी पड़ती।
लिहाजा, अब सरप्लस हो रहे शिक्षामित्रों पर बाद में निर्णय लिया जाएगा। फिलहाल, मेरिट के मुताबिक शिक्षामित्रों को नियुक्ति पत्र देते हुए तैनाती दी जाएगी। जन्मतिथि के आधार पर होगी मेरिट: समायोजन की मेरिट जन्मतिथि के आधार पर होगी। ज्यादा उम्र वाले शिक्षामित्रों को तैनाती पहले दी जाएगी। वहीं जिन शिक्षामित्रों की आयु समान होगी तो नाम के आधार पर निर्णय लिया जाएगा। अंग्रेजी की वर्णमाला में जिसका नाम पहले आएगा, उसे मेरिट में ऊपर जगह मिलेगी। जिला स्तर पर चयन समिति बनेगी। पहले बैच में हुआ है 58 हजार शिक्षामित्रों का समायोजन : पहले बैच में लगभग 58 हजार शिक्षामित्रों का समायोजन पिछले वर्ष हो चुका है। दूसरे बैच के लगभग 91 हजार शिक्षा मित्र दिसम्बर में दो वर्षी बीटीसी का प्रशिक्षण पूरा कर समायोजन का इंतजार कर रहे हैं। गौरतलब है कि पूर्ववर्ती मायावती सरकार ने लगभग पौने दो लाख शिक्षामित्रों को प्रशिक्षित करने का निर्णय लिया था। वहीं, मौजूदा सपा सरकार ने इन शिक्षामित्रों को सरकारी प्राइमरी स्कूलों में सहायक अध्यापक बनाने का फैसला किया।
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लखनऊ प्रमुख संवाददाता पहले विभाग ने तय किया था कि जिन जिलों में रिक्त सीटें कम हैं, वहां के शिक्षामित्रों को दूसरे जिले में समायोजित किया जाएगा और मूल जिले में पद खाली होने पर तबादला कर दिया जाएगा लेकिन नियमावली के मुताबिक सहायक अध्यापक का पद जिला काडर का होता है और इस फामरूले को अपनाने पर नियमावली बदलनी पड़ती।
लिहाजा, अब सरप्लस हो रहे शिक्षामित्रों पर बाद में निर्णय लिया जाएगा। फिलहाल, मेरिट के मुताबिक शिक्षामित्रों को नियुक्ति पत्र देते हुए तैनाती दी जाएगी। जन्मतिथि के आधार पर होगी मेरिट: समायोजन की मेरिट जन्मतिथि के आधार पर होगी। ज्यादा उम्र वाले शिक्षामित्रों को तैनाती पहले दी जाएगी। वहीं जिन शिक्षामित्रों की आयु समान होगी तो नाम के आधार पर निर्णय लिया जाएगा। अंग्रेजी की वर्णमाला में जिसका नाम पहले आएगा, उसे मेरिट में ऊपर जगह मिलेगी। जिला स्तर पर चयन समिति बनेगी। पहले बैच में हुआ है 58 हजार शिक्षामित्रों का समायोजन : पहले बैच में लगभग 58 हजार शिक्षामित्रों का समायोजन पिछले वर्ष हो चुका है। दूसरे बैच के लगभग 91 हजार शिक्षा मित्र दिसम्बर में दो वर्षी बीटीसी का प्रशिक्षण पूरा कर समायोजन का इंतजार कर रहे हैं। गौरतलब है कि पूर्ववर्ती मायावती सरकार ने लगभग पौने दो लाख शिक्षामित्रों को प्रशिक्षित करने का निर्णय लिया था। वहीं, मौजूदा सपा सरकार ने इन शिक्षामित्रों को सरकारी प्राइमरी स्कूलों में सहायक अध्यापक बनाने का फैसला किया।
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