शिक्षामित्रों को लेकर मची उठापटक , मास्साब की जेब हो रही गर्म : 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती Latest News

फतेहपुर, जागरण संवाददाता : परिषदीय स्कूलों के जिम्मेदार दोहरी बात दर्ज करा रहे हैं। कम छात्र संख्या पर सफाई रहती है कि बच्चे बुलाने पर भी नहीं आ रहे हैं। वहीं एमडीएम परिषद को भेजी जानी वाले रिपोर्ट में इसका उलट दिख रहा है। विभाग में मची उठा पटक के चलते एमडीएम मास्साब की कमाई का जरिया बन गया है। जिले में शिक्षामित्रों के सहायक अध्यापक बनाए जाने को लेकर मची उठापटक ने इस काम को और आसान कर दिया है।
प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्कूलों और माध्यमिक में जूनियर कक्षाओं के लिए शासन के निर्देश पर मध्याह्न भोजन बनकर बांटा जाता है। चालू सत्र में भोजन चखने वाले छात्रों की संख्या ढाई लाख है। खाना बनवाने की जिम्मेदारी प्रधानाध्यापक के कंधों में होती है। भोजन बनाने के लिए रसोइयां तैनात हैं। जो प्रतिदिन स्कूल की रसोई में भोजन बनाकर तैयार करती हैं और प्रधानाध्यापक के चखने के बाद बच्चों में परोसा जाता है, लेकिन बच्चों के लिए बनाए जाने वाले भोजन में खेल हो रहा है। शातिराना अंदाज में हो रहे खेल को विभाग रोक नहीं पा रहा है। नए सत्र में हुए निरीक्षणों में यह बात उभर कर सामने आई है कि छात्रों की उपस्थिति संतोषजनक नहीं है। इसके बाद एमडीएम परिषद को ऑनलाइन जो रिपोर्ट भेजी जा रही है। उसमें छात्र संख्या भरी पूरी दिखाई जा रही है। जिले में खुल एमडीएम सेल के कम्प्यूटर में नजर दौड़ाते ही मास्साब द्वारा किए जा रहे फर्जीवाड़े की पर्त दर पर्त खुलने में देर नहीं लगती है। बताते चलें कि पूर्व में तैनात रहे तेज तर्रार बीएसए ओपी त्रिपाठी का शासन ने स्थानांतरण कर दिया। बाद में प्रभारी के रूप में जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान के वरिष्ठ प्रवक्ता को अलबत्ता प्रभारी का चार्ज दे दिया है। लेकिन शिक्षामित्रों के सहायक अध्यापक बनाए जाने के नियुक्ति पत्र बांटने की उलझी गुत्थी में प्रभारी बीएसए उलझ कर रह गए हैं।

प्रभारी बीएसए रविशंकर का कहना है कि ऐसा फर्जीवाड़ा चलने नहीं दिया जाएगा। जांच कराई जाएगी, दोषी बच नहीं पाएंगे। फर्जी रिपोर्ट भेजने वालों पर कार्रवाई होगी। सबसे पहले निरीक्षण वाले स्कूलों में निरीक्षण के दौरान दर्ज की गई छात्र संख्या और एमडीएम सेल के कम्प्यूटर में दर्ज रिपोर्ट का मिलान होगा।

स्कूलों की तस्वीर जिनमें बनता एमडीएम

प्राथमिक : 4448

उच्च प्राथमिक : 2005

प्रति वर्ष की कन्वर्जन कास्ट : 15 करोड़ रुपये

बच्चों की उपस्थिति एक चौथाई नहीं दर्ज पा रही

बच्चों के गर्मागर्म भोजन की व्यवस्था के लिए बीएसए कार्यालय में संचालित हो रहे एमडीएम सेल में प्राथमिक में 1 लाख 76 हजार बच्चे तो उच्च प्राथमिक में 79 हजार बच्चे दर्ज हैं। यानि कि भोजन के लिए पंजीकृत बच्चों की संख्या 2 लाख 55 हजार है। विद्यालयों में इन दिनों उपस्थिति एक चौथाई नहीं दर्ज हो पा रही है। जबकि एमडीएम सेल में साठ फीसद बच्चों के खाना परोसने के आंकड़े दर्ज हैं। इस तरह बमुश्किल 25 फीसद उपस्थिति और 60 फीसद उपस्थिति दर्ज कराकर एमडीएम के खेल के अंतर पर गौर करें तो 25 फीसद की कन्वर्जन कास्ट की हेराफेरी हो रही है। विभाग जानकर भी अज्ञान बना हुआ है।
http://e-sarkarinaukriblog.blogspot.com/
सरकारी नौकरी - Government of India Jobs Originally published for http://e-sarkarinaukriblog.blogspot.com/ Submit & verify Email for Latest Free Jobs Alerts Subscribe सरकारी नौकरी - Government Jobs - Current Opening All Exams Preparations , Strategy , Books , Witten test , Interview , How to Prepare & other details